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रांची : ओपीडी में हावी हैं दवा कंपनियों के एमआर
रांची : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के अोपीडी में दवा कंपनियों के मेडिकल रिप्रजेंटेटिव(एमआर) हावी हैं. वे डॉक्टरों पर अपनी कंपनी की दवाएं लिखने का दबाव बनाते हैं और डॉक्टर साहब उनके आग्रह पर दवाएं लिखते भी हैं. बुधवार को रिम्स के अधिकांश ओपीडी में ऐसा ही नजारा देखने को मिला. सबसे बदतर […]
रांची : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के अोपीडी में दवा कंपनियों के मेडिकल रिप्रजेंटेटिव(एमआर) हावी हैं. वे डॉक्टरों पर अपनी कंपनी की दवाएं लिखने का दबाव बनाते हैं और डॉक्टर साहब उनके आग्रह पर दवाएं लिखते भी हैं.
बुधवार को रिम्स के अधिकांश ओपीडी में ऐसा ही नजारा देखने को मिला. सबसे बदतर स्थिति न्यूरो ओपीडी में दिखी. यहां मरीज से ज्यादा भीड़ एमआर की थी. हालांकि, एमआर की संख्या और उनके दबाव से डॉक्टर भी बार-बार नाराज हो रहे थे. वह बार-बार दवाआें की सूची रखकर जाने का निर्देश दे रहे थे, लेकिन बाहर जाने के आग्रह का कंपनी प्रतिनिधियों पर कोई असर नहीं पड़ रहा था. इस संबंध में रिम्स के निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव ने कहा कि दवा कंपनी के प्रतिनिधियों के मिलने का समय दोपहर 12 बजे के बाद निर्धारित है. इसके बावजूद एमआर आेपीडी में पहुंच जा रहे हैं, तो यह गलत है. गुरुवार को ओपीडी में सख्ती बरतने का दोबारा आदेश जारी किया जायेगा.
कैथलैब के खराब हाेने की सूचना नहीं है. गुरुवार को इसके बारे में पता करूंगा. टीएमटी और इको जांच मशीन खराब होने की सूचना मिली है, जिसको दुरुस्त कराने का निर्देश दिया गया है.
डॉ आरके श्रीवास्तव, निदेशक रिम्स
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