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रांची : गोरखा जाति की शोध रिपोर्ट फिर मांगी गयी
रांची : सरकार ने गोरखाअों से जुड़ी कुल 11 उप जातियों संबंधी जाति शोध रिपोर्ट डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान (टीआरआइ) से फिर मांगी है. गौरतलब है कि संस्थान में शोधकर्ता सहित अन्य मानव संसाधन की भारी कमी है. इससे कुर्मी वगोरखा सहित करीब 33 जातियों संबंधी शोध व अध्ययन लंबित हैं. दरअसल 1953 […]
रांची : सरकार ने गोरखाअों से जुड़ी कुल 11 उप जातियों संबंधी जाति शोध रिपोर्ट डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान (टीआरआइ) से फिर मांगी है.
गौरतलब है कि संस्थान में शोधकर्ता सहित अन्य मानव संसाधन की भारी कमी है. इससे कुर्मी वगोरखा सहित करीब 33 जातियों संबंधी शोध व अध्ययन लंबित हैं. दरअसल 1953 में टीआरआइ की स्थापना के करीब 64 वर्षों बाद भी इसकी नियुक्ति नियमावली नहीं बनी है, जो स्थायी नियुक्ति में सबसे बड़ी बाधा है. इधर, सरकार की ओर से अक्सर किसी जाति संबंधी शोध रिपोर्ट की मांग की जाती है.
इन जातियों पर शोध लंबित : मुंडारी, भुंईहर, गोरखा (समुदाय की 11 उपजातियां), मजहबी (सिख), खटिक, लोहार, कर्मकार, कमार, मड़ैया, करमाली, कादर, कोरंगा, पांड़, डोंबार (गुमला जिला), धरा (धीबर), नायक भुइयां, कुर्मी, तेली, बागती, चॉय, मल्लाह (निषाद), नोनिया, पाइक, खंडित, खंडित पाइक, खेतौरी तथा नगेशिया (किसान).
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