शर्मनाक. रिम्स में मरीज के परिजनों व जूनियर डॉक्टरों में मारपीट
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जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी और ओपीडी सेवा ठप करायी
शर्मनाक. रिम्स में मरीज के परिजनों व जूनियर डॉक्टरों में मारपीट ओपीडी से बिना परामर्श के लौटे करीब 400 मरीज कई मरीजों के परिजनों ने इमरजेंसी के बाहर किया हंगामा इमरजेंसी में तीन दर्जन से ज्यादा मरीजों को परेशानी रांची : रिम्स में शनिवार की दोपहर दो बजे तीन जूनियर डॉक्टरों व लालपुर निवासी एक […]
ओपीडी से बिना परामर्श के लौटे करीब 400 मरीज
कई मरीजों के परिजनों ने इमरजेंसी के बाहर किया हंगामा
इमरजेंसी में तीन दर्जन से ज्यादा मरीजों को परेशानी
रांची : रिम्स में शनिवार की दोपहर दो बजे तीन जूनियर डॉक्टरों व लालपुर निवासी एक मरीज के परिजनों के बीच मारपीट हुई. जूनियर डॉक्टरों ने मरीज के परिजनों पर दुर्व्यवहार व मारपीट का आरोप लगाया. वहीं परिजनों का कहना था कि मरीज के इलाज के बारे में पूछने पर जूनियर डॉक्टर भड़क गये और थप्पड़ जड़ दिया. इधर, दुर्व्यवहार व मारपीट करने को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने दोपहर ढाई बजे से इमरजेंसी व ओपीडी सेवा को ठप करा दिया. ओपीडी ठप होने से विभिन्न विभागों के ओपीडी से करीब 400 मरीज बिना परामर्श के लौट गये.
सबसे ज्यादा परेशानी इमरजेंसी के मरीजों को हुई. कोई देखने वाला नहीं था. इलाज नहीं होने के कारण कई मरीजों के परिजनों ने इमरजेंसी के बाहर हंगामा भी किया. इमरजेंसी में तीन दर्जन से ज्यादा मरीजों को परेशानी हुई. देर रात तक इमरजेंसी की सेवाएं ठप थीं. इस मामले में बरियातू थाना में जूनियर डॉक्टरों ने मारपीट व दुर्व्यवहार करने को लेकर लिखित शिकायत की है. बरियातू थानेदार ने कहा कि मामले में मरीज के परिजनों ने कोई शिकायत नहीं की है. दोनों पक्षों से शिकायत मिलने पर प्राथमिकी दर्ज की जायेगी.
परिजनों का आरोप: इलाज की जानकारी लेने पर जूनियर डॉक्टर ने थप्पड़ मारा
जूनियर डॉक्टरों का आरोप : परिजनों ने डॉक्टरों से दुर्व्यवहार किया व मारपीट की
इस साल दो बार हो चुकी डॉक्टरों की हड़ताल
रिम्स में इस साल डॉक्टरों व परिजनों के बीच दो बार मारपीट की घटना घटी है. फरवरी में भी डॉक्टरों व परिजनों में मारपीट हुई थी. इसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी थी. इधर, शनिवार को भी डॉक्टरों व परिजनों में मारपीट होने के बाद जूनियर डॉक्टरों ने अोपीडी व इमरजेंसी सेवा को ठप करा दिया.
जूनियर डॉक्टरों व मरीज के परिजनों के बीच मारपीट का मामला प्रकाश में आया है़ डॉक्टरों की मांग है कि तत्काल प्रभाव से इमरजेंसी में पुलिस की व्यवस्था की जाये. इसके बाद वे इमरजेंसी सेवा बहाल कर देंगे. जूनियर डॉक्टरों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि भर्ती मरीजों पर इसका असर न पड़े.
डॉ एसएस चौधरी, प्रभारी अधीक्षक, रिम्स
डॉक्टरों की मांगें :
जूनियर डॉक्टरों ने पुलिस पिकेट बनाने, रिम्स की सुरक्षा एजेंसी काे बदलने, दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार करने व लापरवाही करनेवाले गार्ड को निलंबित करने की मांग की है.
क्या है मामला
लालपुर निवासी एक लड़की ने शनिवार को जहर खा लिया था. परिजन उसे लेकर रिम्स इमरजेंसी पहुंचे. मेडिसिन विभाग के डॉ एसके सिंह की यूनिट में उसे मरीज को भर्ती किया गया. जूनियर डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया. परिजनों ने बताया कि मरीज के बारे में डॉक्टरों से पूछने पर वे बकझक करने लगे. मरीज को एक बजे वार्ड में शिफ्ट किया गया, वहां जूनियर डॉक्टरों ने मारपीट की. भागते हुए हम इमरजेंसी के पास स्थित पुलिस के कमरे में आये. वहां भी जूनियर डॉक्टरों ने मारपीट की. परिजनों का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज देखने पर पता चल जायेगा कि दोषी कौन है.
हाल इमरजेंसी में मरीजों का : लातेहार से सरिता कुमारी को लेकर उसके परिजन करीब ढाई बजे इमरजेंसी में पहुंचे, लेकिन चार बजे तक उसका इलाज शुरू नहीं हो पाया था. वहीं एक अन्य मरीज इंद्र प्रसाद का इलाज भी शुरू नहीं हो पाया था. परिजन हाथ में राइस ट्यूब लेेकर लिक्विड डाइड दे रहे थे.
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