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स्थानीय को 100 फीसदी मिल सकता है आरक्षण, थर्ड व फोर्थ ग्रेड की नौकरियां
रांची : राज्य भर में तृतीय व चतुर्थ वर्ग की नौकरियां 10 वर्ष के लिए स्थानीय युवकों के लिए आरक्षित हो सकती है. स्थानीय लोगों के लिए 100%आरक्षण का प्रावधान लागू हो सकता है. राज्य के 11 गैर अनुसूचित जिलों में नियोजन नीति की समीक्षा के लिए बनी उच्च स्तरीय कमेटी इस पर विचार कर […]
रांची : राज्य भर में तृतीय व चतुर्थ वर्ग की नौकरियां 10 वर्ष के लिए स्थानीय युवकों के लिए आरक्षित हो सकती है. स्थानीय लोगों के लिए 100%आरक्षण का प्रावधान लागू हो सकता है. राज्य के 11 गैर अनुसूचित जिलों में नियोजन नीति की समीक्षा के लिए बनी उच्च स्तरीय कमेटी इस पर विचार कर रही है.
मंत्री अमर बाउरी की अध्यक्षता में बनी छह सदस्यीय कमेटी अनुसूचित जिला तय करने के मानक को ही आधार बना कर 11 गैर अनुसूचित जिलों में भी इस तरह का प्रावधान लागू करने का आग्रह कर सकती है. सूचना के मुताबिक कमेटी एक-दो दिन में अपनी सिफारिश सरकार को भेज सकती है. फिलहाल यह प्रावधान राज्य के 13 अनुसूचित जिलों में लागू है. इन 13 जिलों में दूसरी जगह के अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर सकते.
क्या है तर्क
कमेटी का मानना है कि राज्य के कई अनुसूचित जिलों से गैर अनुसूचित जिलों की स्थिति बदतर है
अनुसूचित जिला तय करने के मानक गैर अनुसूचित जिलों में भी लागू हैं
रांची गैर अनुसूचित जिला है, लेकिन गढ़वा, पलामू, चतरा की हालत इससे खराब है. रांची शिक्षण संस्थाओं का हब है, वहीं ये इलाके पिछड़े हैं
अनुसूचित जिला तय करने के मानक जैसे शिशु मृत्यु दर, मातृत्व मृत्यु दर, सिंचाई, प्रति व्यक्ति आय, शिक्षा के अवसर सहित कई आधार में गैर अनुसूचित जिलों की स्थिति अनुसूचित जिलों सेखराब है
अनुच्छेद 16 (4) का भी हवाला
कमेटी ने गैर अनुसूचित जिलों में स्थानीय लोगों के लिए नौकरियां आरक्षित करने को लेकर संविधान के प्रावधान का भी अध्ययन किया. संविधान के अनुच्छेद 16 (4) का हवाला देते हुए कमेटी आग्रह करेगी कि सरकार गैर अनुसूचित क्षेत्र में भी नौकरियां आरक्षित करने का अधिकार रखती है.
संविधान की धारा 16 में कहा गया है कि देश का कोई व्यक्ति कहीं भी नौकरी कर सकता है. वहीं, संविधान ने 16 (4) में यह भी कहा कि राज्य सरकार को प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता है कि वह विशेष परिस्थिति को देखते कोई कानून ना बनाये. सरकार पिछड़ापन को आधार मान कर सरकारी सेवा में राज्य के लोगों को अवसर दे सकती है़
अनुसूचित जिले : रांची, खूंटी, गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा, पश्चिम सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, लातेहार, दुमका, जामताड़ा, पाकुड़ और साहेबगंज
गैर अनुसूचित जिले : गढ़वा, पलामू, चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद, गोड्डा और देवघर
दो फरवरी को बनी थी कमेटी
विधानसभा में मामला उठने के बाद सरकार ने राज्य के 13 अनुसूचित जिलों के अनुरूप 11 गैर अनुसूचित जिलों में नियोजन नीति लागू करने संबंधी कमेटी दो फरवरी को बनायी थी. कमेटी को 15 दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया था. बाद में कमेटी के आग्रह पर एक महीने का अवधि विस्तार दिया गया. 17 मार्च तक कमेटी को रिपोर्ट देनी थी.
कौन-कौन हैं उच्च स्तरीय कमेटी में
अध्यक्ष : अमर बाउरी, सदस्य : राधाकृष्ण किशोर, सत्येंद्रनाथ तिवारी, राज सिन्हा, अमित मंडल, रामकुमार पाहन व कार्मिक सचिव
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