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इच्छिता की हत्या नहीं हुई थी, आत्महत्या की पुष्टि
रांची : नगड़ा टोली स्थित गोल इंस्टीट्यूट के छात्रावास में रहने वाली छात्रा इच्छिता सिंह की हत्या नहीं हुई थी. उसने आत्महत्या की थी. इस बात की पुष्टि लालपुर पुलिस की जांच में हुई है. अब पुलिस अधिकारियों ने इच्छिता सिंह के मित्र मनीष अग्रवाल की संलिप्तता के बिंदु पर नये सिरे से जांच करने […]
रांची : नगड़ा टोली स्थित गोल इंस्टीट्यूट के छात्रावास में रहने वाली छात्रा इच्छिता सिंह की हत्या नहीं हुई थी. उसने आत्महत्या की थी. इस बात की पुष्टि लालपुर पुलिस की जांच में हुई है. अब पुलिस अधिकारियों ने इच्छिता सिंह के मित्र मनीष अग्रवाल की संलिप्तता के बिंदु पर नये सिरे से जांच करने का निर्णय लिया है. पुलिस इस बिंदु पर पड़ताल करेगी कि कहीं छात्रा को आत्महत्या के लिए प्रेरित तो नहीं किया गया.
इस बिंदु पर जांच पूरी करने के बाद पुलिस हत्याकांड के नामजद अभियुक्त पंकज सिंह, प्रिंस सिंह और ओमकार सिंह को क्लीन चिट दे सकती है. सिटी एसपी अमन कुमार ने केस की समीक्षा के दौरान पाया है कि प्रथमदृष्टया यह केस आत्महत्या का है. उन्होंने विधि विज्ञान प्रयोगशाला से प्राप्त बिसरा जांच रिपोर्ट मेडिकल बोर्ड के सामने प्रस्तुत कर इस पर मंतव्य प्राप्त करने को कहा है. हालांकि पहले भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट और तकनीकी जांच में हत्या से संबंधित तथ्य सामने नहीं आये हैं.
उल्लेखनीय है कि छात्रा पलामू के डालटनगंज थाना क्षेत्र के बेलवा टिकर की रहनेवाली थी. वह हॉस्टल में रहकर इंजीनियरिंग की तैयारी कर रही थी. दो मार्च 2017 को छात्रा का शव संदिग्ध अवस्था में कमरे मिला था. घटना की जानकारी मिलने पर छात्रा के पिता रांची पहुंचे. उन्होंने बेटी की हत्या को लेकर तीन मार्च को लालपुर थाना में केस दर्ज कराया था.
केस में पंकज सिंह, प्रिंस सिंह, ओमकार सिंह को हत्या का आरोपी बनाया गया था. इसके अलावा उन्होंने मनीष अग्रवाल उर्फ राजा पर संदेह जाहिर किया था. पूर्व में पुलिस हत्याकांड के सिलसिले में मनीष अग्रवाल की भूमिका पर भी जांच कर चुकी है. लेकिन तब उसकी संलिप्तता पर कोई ठोस तथ्य सामने नहीं आया था.
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