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रांची :परिजन नहीं ले जा रहे थे ठीक होने के बाद भी, रह रहा था सीआइपी में
रांची : गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम 1994(पीसीपीएनडीटी एक्ट) के तहत जिला स्तर पर उपायुक्त को जिला समुचित प्राधिकारी अधिसूचित किया गया है. इस एक्ट के तहत प्रसव पूर्व लिंग जांच पर रोक है. मो जुबैर अहमद नामक 60 वर्षीय व्यक्ति पिछले छह साल से भी अधिक समय तक सीआइपी में रह […]
रांची : गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम 1994(पीसीपीएनडीटी एक्ट) के तहत जिला स्तर पर उपायुक्त को जिला समुचित प्राधिकारी अधिसूचित किया गया है. इस एक्ट के तहत प्रसव पूर्व लिंग जांच पर रोक है. मो जुबैर अहमद नामक 60 वर्षीय व्यक्ति पिछले छह साल से भी अधिक समय तक सीआइपी में रह रहा था. इलाज से वह ठीक हो गया था पर परिजन उसे घर नहीं ले जा रहे थे. मो जुबैर के संबंध में सीआइपी की अोर से झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) को लिखा गया था. झालसा ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) को जिम्मेदारी सौंपी.
इसके बाद डालसा के अधिवक्ताअों अौर पीएलवी की टीम ने मो जुबैर के परिजनों को खोजकर बुलाया अौर जुबैर को डिस्चार्ज कराकर उनके सुपुर्द कराया. इस कार्य में डालसा के अधिवक्ता कीर्ति नारायण सिंह, अधिवक्ता संजय कुमार शर्मा, पीएलवी उज्जवल आनंद, शंपा दास, प्रीति पाल अौर रिमझिम लोहरा का योगदान रहा.
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