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Friday, March 29, 2024

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झारखंड : राष्ट्र की प्रगति के लिए नागरिकों में राष्ट्रवाद की भावना जरूरी : राज्यपाल

राष्ट्रवाद पर आसन्न संकट विषय पर विमर्श, चिंता व्यक्त की गयी रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हमारे देश के नागरिक राष्ट्रवाद की भावना से ओतप्रोत हैं. वे देश के विकास के लिए चिंतनशील रहते हैं. राष्ट्र की गतिविधियों पर हमेशा मंथन करते हैं. किसी भी राष्ट्र की प्रगति के लिए उसके नागरिकों […]

राष्ट्रवाद पर आसन्न संकट विषय पर विमर्श, चिंता व्यक्त की गयी
रांची : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हमारे देश के नागरिक राष्ट्रवाद की भावना से ओतप्रोत हैं. वे देश के विकास के लिए चिंतनशील रहते हैं. राष्ट्र की गतिविधियों पर हमेशा मंथन करते हैं. किसी भी राष्ट्र की प्रगति के लिए उसके नागरिकों में राष्ट्रवाद की भावना का होना जरूरी है.
यही भावना सभी लोगों को जाति-धर्म एवं ऊंच-नीच के बंधनों को समाप्त करते हुए एकता के सूत्र में बांधती है. श्रीमती मुर्मू रविवार को विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी रांची शाखा की ओर से राष्ट्रवाद पर आसन्न संकट विषय पर रिम्स ऑडिटोरियम में आयोजित विमर्श कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं.
उन्होंने कहा कि इस तरह के गंभीर विषय पर गोष्ठी के आयोजन से नागरिकों में राष्ट्रवाद की भावना प्रबल होगी. हमारे युवा देश की एकता एवं अखंडता की रक्षा के साथ-साथ राष्ट्र के विकास को सर्वोपरि स्थान देंगे. हमारा राष्ट्रवाद विविधता में एकता का सबसे अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करता है.
यहां विभिन्न जाति, धर्म और संप्रदाय के लोग मिलजुल कर प्रेम पूर्वक रहते हैं. कुछ असामाजिक तत्व भूलवश अथवा अज्ञानवश जब राष्ट्रवाद को चुनौती देने का काम करते हैं, तो हम सभी को उन्हें समझना चाहिए.
यह देश सभी भारतीय का है. इस पर सभी भारतीय का हक है. देश को क्षति पहुंचाने वाले सभी नागरिकों से आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि वे हिंसा के रास्ते का त्याग करें. शांति की राह अपना कर विकास की मुख्यधारा से जुड़ें. राज्यपाल ने कहा कि इतिहास साक्षी है कि हमारे देश के महान सपूतों ने त्याग, बलिदान एवं कड़े संघर्ष का परिचय दिया है.
इसी का परिणाम है कि 15 अगस्त 1947 को हमारा देश ब्रिटिश दासता से मुक्त हुआ और विश्व के मानचित्र पर भारत का एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उदय हुआ. हम सभी उन महान सपूतों का सदैव ऋणी रहेंगे, जिन्होंने हमें एक आजाद मुल्क का नागरिक कहलाने का गौरव प्रदान किया.
विषय प्रवेश विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी रांची शाखा के विनोद गड्यान व धन्यवाद ज्ञापन रांची शाखा अध्यक्ष शिवशंकर प्रसाद ने किया. मौके पर आरएसएस के प्रांत प्रचारक रविशंकर, रांची विवि के कुलपति रमेश कुमार पांडेय, नवीन सिन्हा, अराधना तिवारी, अमित, शशि कुमार, अभिनव कुमार समेत कई लोग उपस्थित थे.
हमारे जीवन का हिस्सा है राष्ट्रवाद : राकेश सिन्हा
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो डॉ राकेश सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रवाद हमारे जीवन का हिस्सा है. इसे हमें समझना होगा. आज के दौर में राष्ट्रवाद पर आसन्न संकट कोई बहुत बड़ा संकट नहीं है. यह पानी का बुलबुला है, जो नदी की धार नहीं बदल सकता है.
दुनिया में कुछ राष्ट्र विरोधी शक्तियां गृह युद्ध की स्थिति पैदा करना चाहते हैं. जब-जब समाज विखंडित हुआ, तब-तब हम पराजित हुए हैं.
जिस समाज में आज भी वनवासी बंधुओं को न्यूनतम जरूरत के लिए दर-दर भटकना पड़े, उनके साथ अन्याय हो, ऐसे में राष्ट्र का कल्याण संभव नहीं है. ब्रिटिश शासन ने इसी विरोधाभास का लाभ उठा कर देश पर शासन किया. हमें समानता की लड़ाई लड़नी होगी. उन्होंने कहा कि इतिहास का पुनर्लेखन होना चाहिए.
इतिहास की घटना का पुनरावलोकन करने के लिए हम पीढ़ियों को नहीं रोक सकते हैं.उन्होंने कहा कि खिलजी का नया संस्करण है आइएसआइ. खिलजियों का समूल नष्ट करने का संकल्प लेना होगा. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भूगोल स्वतंत्र हुआ, विचार नहीं. आरएसएस ने इसी विचारों की लड़ाई शुरू की. विचारों की लड़ाई को हम आगे बढ़ाते हुए नया भारत बनाने के लिए काम कर रहे हैं.
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