रांची/बुढ़मू : बुढ़मू थाना क्षेत्र के चकमे गांव में महावीर मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में महिलाओं की कलश यात्रा को प्रशासन ने मस्जिद रोड से होकर गुजरने से रोक दिया, इससे विवाद हो गया. आक्रोशित महिलाओं ने प्रशासन की ओर से लगायी गयी बैरिकेडिंग को तोड़ दिया. एसडीओ अंजली यादव ने पहले शांतिपूर्ण तरीके से महिलाओं को समझाने का प्रयास किया. बात नहीं बनी, तो प्रशासन ने आंसू गैस के गोले छोड़े. आरोप है कि पुलिस ने हवाई फायरिंग भी की. इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया. घटना में बुढ़मू थाना प्रभारी राकेश कुमार सिंह सहित चार पुलिसकर्मियों को चोट लगी है. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. इसमें कुछ लोगों के घायल होने की सूचना है. बाद में प्रशासन ने किसी तरह मामला शांत कराया और कलश यात्रा पूरी करायी.
एसडीओ ने अनुमति नहीं दी : बताया जाता है कि प्रशासन ने मस्जिद रोड से होकर मात्र 21 कलशधारियों को जाने की अनुमति दी थी. बाद में विधायक जीतू चरण राम, जिप उपाध्यक्ष पार्वती देवी, भाजपा नेता सुरेंद्र नाथ पांडेय की पहल पर एसडीओ ने 151 कलशधारियों को उक्त रास्ते से जाने की अनुमति दे दी. पर मंगलवार को करीब 200 कलशधारी इस रास्ते से गुजरने लगे. सभी शांतिपूर्ण तरीके से जा रहे थे. पर मौके पर मौजूद दो हजार से अधिक महिला कलशधारियों ने भी इस रास्ते से जाने की मांग कर दी. एसडीओ ने इसकी अनुमति नहीं दी. इसके बाद विवाद शुरू हो गया. महिलाओं ने इस रास्ते से गुजरने के लिए बैरिकेडिंग को तोड़ डाला. इसके बाद दोनों ओर से झड़प शुरू हो गयी. पुलिस ने हवाई फायरिंग की. आंसू गैस के गोले छोड़े. श्रद्धालुओं ने पुलिस पर पथराव किये. घटना में यज्ञ समिति के प्रखंड अध्यक्ष मनोज महतो वाजपेयी, जितेंद्र यादव सहित कई लोग घायल हो गये. पुलिसकर्मियों को भी चोटें लगी. बाद में मामला शांत होने पर कलशधारी मस्जिद रोड से गुजरे. सूचना मिलने के बाद दिन के करीब तीन बजे एसएसपी कुलद्वीप द्विवेदी और उपायुक्त राय महिमापत रे मौके पर पहुंचे.
महिलाओं ने सड़क पर बैठ कर की नारेबाजी
महिलाओं ने बुढ़मू उमेडंडा मुख्य मार्ग पर बैठ कर एसडीओ अंजली यादव के विरुद्ध नारा लगाये. उन्हें तत्काल पद से हटाने की मांग की. बुढ़मू, ठाकुरगांव, उमेडंडा को बंद कराया. भाजपा नेता सुरेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि चकमे की स्थिति बेहतर थी, एसडीओ की हठधर्मिता के कारण कई लोग घायल हो गये. प्रशासन के चौकसी के कारण बड़ी घटना टल गयी.
पहले भी दूसरे समुदाय के लोगों ने किया था विरोध
एक वर्ष पूर्व मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का निर्णय लोगों ने लिया था. उस समय भी एक समुदाय विशेष ने कलश यात्रा के रास्ते को लेकर विरोध किया था. दोनों पक्ष की ओर से 51 लोगों के खिलाफ धारा 107 के तहत कार्रवाई की गयी थी. इसके बाद कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था. बाद में फिर इसका कार्यक्रम तैयार हुआ. इसके बाद 16 जनवरी को प्रखंड अंजुमन कमेटी एंड वेलफेयर ट्रस्ट ने बैठक कर निर्णय लिया कि मस्जिद रोड और इमामबाड़ा के रास्ते कलश यात्रा गुजरने का विरोध किया जायेगा.
क्यों हुआ विवाद
2000 महिला कलशधारी मस्जिद रोड से गुजरने पर अड़ी थी, प्रशासन की बैरिकेडिंग तोड़ डाली
पहले 21 फिर 151 कलशधारी को जाने की िमली थी अनुमति
फायरिंग नहीं हुई
कलश यात्रा के दौरान महिलाएं आक्रोशित हो गयी थी. 151 महिलाओं को जाने की अनुमति दी गयी थी. इसके बावजूद अधिक संख्या में महिलाएं विवादित रास्ते से जाना चाह रही थी. इन्हें रोकने का प्रयास किया गया, तो ग्रामीण उग्र हो गये़ पुलिस पर पत्थरबाजी की गयी. घटना सुनियोजित थी, बाहर के भी लोग आये हुए थे, जिनका वहां कोई काम नहीं था. पुलिस की ओर से कोई लाठी चार्ज या फायरिंग नहीं की गयी है. ग्रामीणों को चोट भी नहीं आयी है़ पत्थरबाजी मेें तीन पुलिसकर्मी घायल हुए है़ं
– अंजली यादव, एसडीओ रांची