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रांची : अब नये तरीके से चुनी जायेंगी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनाएं

II मनोज लाल II रांची : प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) फेज टू की सारी सड़कें अब नयी तकनीक से बनायी जायेगी. इसकी तैयारी कर ली गयी है. इसके तहत मेटेरियल को भी पहले से भिन्न तरीके से इस्तेमाल में लाया जायेगा. कुछ नयी मशीनों का भी प्रयोग किया जायेगा. इसके साथ ही योजनाअों के […]

II मनोज लाल II
रांची : प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) फेज टू की सारी सड़कें अब नयी तकनीक से बनायी जायेगी. इसकी तैयारी कर ली गयी है. इसके तहत मेटेरियल को भी पहले से भिन्न तरीके से इस्तेमाल में लाया जायेगा. कुछ नयी मशीनों का भी प्रयोग किया जायेगा.
इसके साथ ही योजनाअों के चयन का पैटर्न भी बदला जा रहा है. योजनाएं कैसे चुनी जायेंगी, इसकी भी ट्रेनिंग इंजीनियरों को दी जा रही है. वहीं योजनाअों के क्रियान्वयन के लिए ठेकेदार व इंजीनियर को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ट्रेनिंग जेएसआरआरडीए के मुख्य अभियंता विजयकांत सिंह के नेतृत्व में दी जा रही है.
पहले चरण में दुमका, गिरिडीह व हजारीबाग सर्किल के इंजीनियरों व ठेकेदारों को ट्रेनिंग दी गयी है. वहीं दूसरे चरण में रांची, चाईबासा व पलामू सर्किल के ठेकेदारों व इंजीनियरों को ट्रेनिंग दी जा रही है. इंजीनियरों को यह बताया गया है कि पहले 2001-02 के प्रावधान के तहत योजनाअों का चयन हो रहा था.
अब वर्ष 2011 की आबादी के अनुसार योजनाएं ली जायेंगी. ऐसी सड़कों का चयन करने को कहा गया है, जो नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे व डिस्ट्रिक्ट रोड को जोड़ती हों या इनके लिए सड़क का महत्व बड़ा हो. इंजीनियरों से ब्लॉक रूरल रोड प्लान बनाने को भी कहा गया है. वहीं डिस्ट्रिक्ट रूरल रोड प्लान भी तैयार कराया जायेगा.
प्वाइंट के आधार पर भी होगा चयन
रोड का चयन प्वाइंट सिस्टम के आधार पर होगा. अस्पताल, आंगनबाड़ी केंद्र, टेक्निकल इंस्टीट्यूट, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, महाविद्यालय, विद्यालय, बाजार व धार्मिक स्थलों आदि के आधार पर भी रोड का चयन होगा. यह देखा जायेगा कि किसके लिए सड़क की ज्यादा जरूरत है. उसके आधार पर योजनाएं तय की जायेगी. इसमें आबादी को भी देखा जायेगा. अगर आबादी अधिक है, तो वहां की योजनाएं प्राथमिकता के आधार पर ली जायेगी.
हर ग्रेडिंग में करना है सीमेंट का इस्तेमाल
सड़क निर्माण के हर ग्रेड में सीमेंट का इस्तेमाल किया जाना है.मोरम या मेटेरियल के इस्तेमाल से जो भी सड़कें बनेंगी, इसके तीनों ग्रेड में पांच फीसदी सीमेंट देना है. वहीं नयी तकनीकी के तहत वास्तविक रेशियो में पानी देना है. इस टेक्नोलॉजी की जानकारी के लिए जिला व राज्य स्तर पर ट्रेनिंग दी जायेगी. इसके लिए नोडल अफसर भी बनाये गये हैं.
विधायक व सांसद दोनों की अनुशंसा जरूरी
योजना तय करने में विधायक व सांसद दोनों की अनुशंसा ली जायेगी. उनकी अनुशंसा को जिला परिषद से पास कराया जायेगा. तब अंतिम रूप से योजना का चयन किया जायेगा.

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