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रांची : दूर होगी शिक्षकों की कमी, चल रही विद्यालयों के विलय की प्रक्रिया, स्कूलों को मिलेंगे 10 हजार शिक्षक
रांची : शिक्षा के अधिकार अधिनियम के मापदंड को पूरा नहीं करने वाले विद्यालयों के विलय से शिक्षकों की कमी दूर होगी. राज्य भर में लगभग दस हजार स्कूलों का सर्वे किया गया था, जिनमें से लगभग छह हजार प्राथमिक व मध्य विद्यालय को निकटतम विद्यालय में मर्ज किया जायेगा. विद्यालयों में लगभग दस हजार […]
रांची : शिक्षा के अधिकार अधिनियम के मापदंड को पूरा नहीं करने वाले विद्यालयों के विलय से शिक्षकों की कमी दूर होगी. राज्य भर में लगभग दस हजार स्कूलों का सर्वे किया गया था, जिनमें से लगभग छह हजार प्राथमिक व मध्य विद्यालय को निकटतम विद्यालय में मर्ज किया जायेगा. विद्यालयों में लगभग दस हजार शिक्षक कार्यरत हैं. जिन विद्यालयों का विलय किया जायेगा, उनमें कार्यरत शिक्षकों को आवश्यकता अनुरूप निकटतम विद्यालय में प्रतिनियुक्त किया जायेगा.
वर्तमान में प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है. प्रारंभिक विद्यालयों में 10749 शिक्षकों के पद सृजित करने की प्रक्रिया चल रही है. मध्य विद्यालयों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत तीन स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक का होना अनिवार्य है. राज्य के मध्य विद्यालयों में स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी है. प्रत्येक मध्य विद्यालय में विज्ञान, भाषा व कला के एक-एक शिक्षक का होना भी अनिवार्य है.
उत्क्रमित मध्य विद्यालय में स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों का पद सृजित नहीं किया गया. जिन विद्यालयों को विलय के लिए चिह्नित किया गया है, उनमें मध्य विद्यालय भी शामिल हैं. रिपोर्ट के अनुसार मध्य विद्यालय में नामांकित कुल बच्चों में से लगभग 64 फीसदी बच्चे लगभग पांच हजार विद्यालयों में नामांकित हैं, जबकि लगभग 15 हजार मध्य विद्यालय है. ऐसे में स्कूलों के विलय से मध्य विद्यालयों में भी शिक्षकों की कमी दूर होगी. मार्च तक विलय की प्रक्रिया पूरी कर लेनी है.
विद्यालयों में छात्रों की संख्या कम:जिन स्कूलों का विलय किया जा रहा है, उनमें से कुछ स्कूलों में नामांकित बच्चों की संख्या 20 से भी कम है. इन स्कूलों में बच्चों की औसत उपस्थिति दस से भी कम रहती है. ऐसे में इन स्कूलों के विलय से वैसे स्कूलों को शिक्षक मिल सकेंगे, जहां छात्र अनुपात में शिक्षक कम हैं. इन स्कूलों में नामांकित बच्चों को एक किमी के अंदर के दूसरे स्कूल में नामांकित किया जायेगा.
रांची के स्कूलों को मिलेंगे 800 शिक्षक
रांची में 390 स्कूलों के विलय का प्रस्ताव तैयार किया गया है. इन विद्यालयों में लगभग 800 शिक्षक कार्यरत हैं. रांची में विद्यालयों के विलय के लिए प्रखंड स्तर पर प्रखंड प्रारंभिक शिक्षा समिति की बैठक हो गयी है.
प्रखंड स्तर से स्कूलों के विलय को स्वीकृति दे दी गयी है. 22 मार्च को जिला प्रारंभिक शिक्षा समिति की बैठक होगी. बैठक में प्रखंड प्रारंभिक शिक्षा समिति के अनुशंसा पर विचार किया जायेगा. जिला प्रारंभिक शिक्षा समिति स्वीकृति के बाद स्कूलों के विलय की प्रक्रिया पूरी हो जायेगी.
विभाग शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण की शुरू करे प्रक्रिया
रांची : राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में नव नियुक्त लगभग सात हजार शिक्षक अंतर जिला स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग से शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण की प्रक्रिया जल्द शुरू करने की मांग की है. संघ के प्रदेश प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा है कि जून में शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी की जाये. उन्हाेंने कहा है कि गत वर्ष दिसंबर में इसकी प्रक्रिया शुरू की गयी थी, पर बाद में इसे रोक दिया गया.
नियमावली में शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण का प्रावधान है. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने शिक्षकों को मनपसंद पोस्टिंग देने के लिए नयी स्थानांतरण नियमावली बनाने की प्रक्रिया शुरू की थी. नियमावली को लेकर शिक्षक संघों से सलाह भी मांगी गयी थी, इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी. राज्य में सात हजार से अधिक शिक्षक अंतर जिला स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि सरकार शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के प्रति गंभीर नहीं है. संघ की ओर से विभागीय पदाधिकारियों को समय-समय पर शिक्षकों की समस्याओं से अवगत कराया गया है.
इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी. संघ ने शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण, उत्क्रमित मध्य विद्यालय में स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों के पद सृजन, उर्दू विद्यालय में शिक्षकों का वेतन भुगतान गैर योजना मद से करने, पुरानी पेंशन योजना लागू करने और शिक्षकों के समय पर वेतन सुनिश्चित करने की मांग की है. मांग पूरी नहीं होने पर संघ ने अप्रैल में आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है.
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