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छठे वेतनमान की भी दूर की जायें विसंगतियां : संघ
रांची : राज्य के विवि शिक्षकों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास, उच्च शिक्षा सचिव अजय कुमार सिंह, उच्च शिक्षा निदेशक अबू इमरान सहित अन्य अधिकारियों के प्रति आभार प्रकट किया. सातवें वेतनमान के प्रस्ताव पर स्वीकृति देने पर हर्ष व्यक्त किया है. वहीं, रांची कॉलेज व पीजी शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ हरिअोम पांडेय, सचिव डॉ […]
रांची : राज्य के विवि शिक्षकों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास, उच्च शिक्षा सचिव अजय कुमार सिंह, उच्च शिक्षा निदेशक अबू इमरान सहित अन्य अधिकारियों के प्रति आभार प्रकट किया. सातवें वेतनमान के प्रस्ताव पर स्वीकृति देने पर हर्ष व्यक्त किया है.
वहीं, रांची कॉलेज व पीजी शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ हरिअोम पांडेय, सचिव डॉ एलके कुंदन, प्रवक्ता एसएम अब्बास, डॉ जेपी खरे, डॉ वीसी महतो, डॉ राजकुमार शर्मा आदि ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि छठे वेतनमान में व्याप्त विसंगतियों को भी दूर करा लिया जाये. छठे वेतनमान में सभी शिक्षकों का वेतन निर्धारण दो वार्षिक वेतनवृद्धि कम कर किया गया.
साथ ही 10 हजार रुपये से 12 हजार रुपये का रीडर में मर्जर झारखंड में वर्ष 2004 में लागू हुआ, जबकि बिहार में इसे 1998 से लागू किया गया. जिसके चलते 15 से 20 हजार रुपये का प्रतिमाह नुकसान शिक्षकों को हुआ है. इसी तरह विलंब से अोरिएंटेशन तथा रिफ्रेशर कोर्स करनेवाले एवं निर्धारित तिथि से प्रोन्नति नहीं पानेवाले शिक्षकों को जो वर्तमान में 25-30 हजार प्रतिमाह प्राप्त कर रहे हैं, इन्हें भी भारी आर्थिक क्षति होगी.
रांची : झारखंड सरकार की ओर से आइएएस कैडर में प्रोन्नति को लेकर भेजी गयी लिस्ट में शामिल अधिकारियों पर लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं दी गयी थी. इसको लेकर यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) ने मुख्य सचिव को पत्र भेज कर जानकारी मांगी है.
कहा गया है कि आइएएस कैडर में प्रोन्नति को लेकर वर्ष 2014, 2015 व 2016 में सरकार की ओर से सूची भेजी गयी थी. सूची में शामिल अफसरों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं दी गयी थी.
इससे पहले हरि प्रसाद अग्रवाल ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिख कर आइएएस कैडर की प्रोन्नति सूची में शामिल विनय कुमार सिंकू व बद्रीनाथ चौबे को प्रोन्नति नहीं देने का आग्रह किया था. कहा गया था कि दोनों प्रशासनिक अधिकारियों पर अपने कार्यकाल में पद का दुरुपयोग करते हुए जालसाजी करने का आरोप है.
इनके खिलाफ कोतवाली थाना में कांड संख्या 864/2015 व न्यायिक दंडाधिकारी रांची के न्यायालय में आपराधिक मामला लंबित है. आपराधिक मामलों में संलिप्त अफसरों का नाम आइएसएस कैडर में प्रोन्नति के लिए भेजना अनुचित प्रतीत होता है. श्री अग्रवाल की शिकायत को पीएमओ कार्यालय ने यूपीएससी को अग्रसारित कर दिया था. इसके बाद यूपीएससी की ओर से जांच के बाद मुख्य सचिव को पत्र भेज कर जानकारी मांगी गयी है
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