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एक माह बाद भी शपथ पत्र दाखिल नहीं करना सुस्त रवैया : हाइकोर्ट
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को फुटपाथ दुकानदारों के पुनर्वास काे लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने आदेश देने के बावजूद शपथ पत्र दाखिल नहीं करने पर कड़ी नाराजगी जतायी. मामले की सुनवाई करते हुए माैखिक रूप से कहा कि कोर्ट के […]
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को फुटपाथ दुकानदारों के पुनर्वास काे लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने आदेश देने के बावजूद शपथ पत्र दाखिल नहीं करने पर कड़ी नाराजगी जतायी.
मामले की सुनवाई करते हुए माैखिक रूप से कहा कि कोर्ट के आदेश के एक माह बाद भी शपथ पत्र दाखिल नहीं करना लेथार्जिक एप्रोच (सुस्त रवैया) को दिखाता है.
खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि अधिकारियों द्वारा आदेश का अनुपालन नहीं करना गंभीर मामला है. इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती है. मामले की अगली सुनवाई अप्रैल के पहले सप्ताह में होगी.
11 नगर निकायों में टाउन वेंडर कमेटी का गठन : पूर्व में राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दायर कर बताया गया था कि 34 नगर निकायों में से 11 निकायों में टाउन वेंडर कमेटी का गठन किया गया है. अन्य निकायों में कमेटी गठन की प्रक्रिया चल रही है. 30 सदस्योंवाली कमेटी में 18 सदस्यों को सरकार की ओर से नामित किया जाता है. शेष सदस्य चुने हुए प्रतिनिधि होते हैं.
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी नेशनल हॉकर फेडरेशन की महासचिव अनिता दास की अोर से जनहित याचिका दायर की है. याचिका में भारत सरकार द्वारा फुटपाथ दुकानदारों के पुनर्वास के लिए बनाये गये कानून के तहत फुटपाथ दुकानदारों के पुनर्वास की मांग की गयी है.
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