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झारखंड : लालू की अपील पर सुनवाई, जवाब देने के लिए सीबीआइ ने लिया समय, अगली सुनवाई 23 मार्च को

चारा घोटाले में सीबीआइ अदालत ने सुनायी है सजा रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में शुक्रवार को चारा घोटाले के आरसी-68ए/96 मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की अोर से दायर अपील पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दाैरान सीबीआइ की अोर से अधिवक्ता राजीव […]

चारा घोटाले में सीबीआइ अदालत ने सुनायी है सजा
रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में शुक्रवार को चारा घोटाले के आरसी-68ए/96 मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की अोर से दायर अपील पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दाैरान सीबीआइ की अोर से अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने जवाब देने के लिए समय देने का आग्रह किया.
अदालत ने आग्रह स्वीकार करते हुए सुनवाई स्थगित कर दी. अब मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह के बाद 23 मार्च को होगी. उल्लेखनीय है कि चारा घोटाले के चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के आरसी-68ए/96 मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसएस प्रसाद की अदालत ने लालू प्रसाद को दोषी पाने के बाद पांच साल की सजा सुनायी थी. प्रार्थी ने निचली अदालत के फैसले को चुनाैती देते हुए झारखंड हाइकोर्ट में क्रिमिनल अपील याचिका दायर की है. साथ ही जमानत देने का भी अनुरोध किया है. पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद 23 दिसंबर से जेल में बंद हैं.
सीबीआइ नहीं करेगी काउंटर फाइल, सुनवाई तीन सप्ताह बाद
रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में शुक्रवार को चारा घोटाला मामले में बिहार के पूर्व डीजीपी डीपी अोझा की अोर से दायर क्वैशिंग याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत में सुनवाई के दाैरान सीबीआइ की अोर से बताया गया कि वह काउंटर फाइल नहीं करेगा. मामले की सुनवाई करने का आग्रह किया.
इस पर अदालत ने मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए तीन सप्ताह के बाद तिथि निर्धारित करने का निर्देश दिया. सीबीआइ अदालत द्वारा प्रार्थी को आरोपी बनाये जाने संबंधी आदेश पर लगायी गयी रोक को बरकरार रखा. साथ ही मामले को वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की याचिका के साथ टैग करने का निर्देश दिया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी डीपी अोझा ने क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका दायर की है. उन्होंने सीबीआइ अदालत द्वारा चारा घोटाले में आरोपी बनाये जाने को चुनाैती दी है.
डोरंडा कोषागार मामले में शिव बालक चौधरी की गवाही दर्ज
रांची : चारा घोटाला आरसी 47ए/96 (डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी) मामले में शुक्रवार को पशुपालन विभाग के तत्कालीन निदेशक शिव बालक चौधरी की गवाही दर्ज की गयी. शिव बालक चौधरी 1995 से वर्ष 2000 तक विभाग के अपर निदेशक थे. उन्होंने बताया कि विभाग के तत्कालीन निदेशक डॉ रामराज के निलंबन के बाद विभाग के निगरानी से संबंधित संचिका मेरे पास आती थी. 1993 तक पशुपालन विभाग में क्रय समिति होती थी, इसके अध्यक्ष विभाग के सचिव होते थे.
इस समिति के सदस्य के रूप में उद्योग विभाग, निगरानी विभाग, वित्त विभाग व पशुपालन विभाग के वरीय पदाधिकारी होते थे. चौधरी ने तत्कालीन निदेशक डॉ रामराज की नियुक्ति एवं उसके खिलाफ शिकायत से संबंधित संचिका को पहचाना. गवाही के दौरान लालू प्रसाद ने प्रतिपरीक्षण किया. चारा घोटाला से जुड़े एक अौर मामले में 19 मार्च को सुनवाई होगी.

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