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रांची : कांटाटोली फ्लाई ओवर मामला, प्रशासन बताये, कितनी जमीन ली जायेगी, उसके बाद लगाये शिविर
रांची : कांटाटोली स्थित वाइएमसीए कैंपस में लगाया गया शिविर सुबह 10 बजे से दोपहर बाद तीन बजे तक चला. इसमें रांची जिला प्रशासन, रांची नगर निगम और नगर विकास विभाग की कंपनी जुडको के पदाधिकारी मौजूद थे. इस शिविर में कांटाटोली के रैयतों की आपत्तियों का निष्पादन किया जाना था. साथ ही मुआवजे की […]
रांची : कांटाटोली स्थित वाइएमसीए कैंपस में लगाया गया शिविर सुबह 10 बजे से दोपहर बाद तीन बजे तक चला. इसमें रांची जिला प्रशासन, रांची नगर निगम और नगर विकास विभाग की कंपनी जुडको के पदाधिकारी मौजूद थे. इस शिविर में कांटाटोली के रैयतों की आपत्तियों का निष्पादन किया जाना था. साथ ही मुआवजे की राशि का निर्धारण किया जाना था.
शिविर में पहुंचे रैयतों ने जब अधिकारियों से पूछा कि फ्लाई ओवर के लिए उनकी कितनी जमीन ली जायेगी, तो उन्होंने यह बताने में असमर्थता जाहिर कर दी. शिविर में बैठे पदाधिकारी सिर्फ रैयतों का नाम, प्लॉट नंबर और मोबाइल नंबर नोट कर रहे थे. एक रैयत सद्दाम की तो शिविर में बैठे पदाधिकारियों से इस मुद्दे पर बहस भी हो गयी. इससे नाराज रैयतों ने शिविर का बहिष्कार कर दिया.
उन्होंने न तो दावा पेश किया और न ही अपने जमीन से संबंधित दस्तावेज जमा किये. रैयतों का कहना था कि बीते करीब एक साल से मापी की जा रही है, लेकिन अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि किस रैयत की कितनी जमीन अधिग्रहण की जायेगी. ऐसे में जिला प्रशासन को स्पष्ट करना चाहिए कि पिछले एक साल से जो मापी हो रही थी, वह किस लिए की जा रही थी? रैयतों ने कहा कि पहले प्रशासन बताये किस रैयत से कितनी जमीन ली जायेगी, उसके बाद ही किसी प्रकार का शिविर लगाया जाये.
कैंप में शामिल नहीं होने के लिए पर्चा बांटा
इधर, कांटाटोली में बनने वाले फ्लाई ओवर का विरोध अब भी जारी है. भूमि अधिग्रहण के लिए मंगलवार को लगाये गये शिविर पर भी इसका असर दिखा. फ्लाई ओवर का विरोध कर रहे लोग शिविर में पहुंचने वाले लोगों के बीच पर्चा बांट कर शिविर में शामिल नहीं होने की अपील कर रहे थे. पर्चे में लिखा था कि कांटाटोली फ्लाई ओवर को लेकर हाइकोर्ट में याचिका संख्या डब्ल्यूपीसी 7039/2017 दाखिल की गयी थी. इसकी सुनवाई पूरी हो चुकी है. 14 मार्च को कोर्ट फ्लाई ओवर निर्माण और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पर स्टे लगा सकता है.
फ्लाई ओवर की लंबाई का भी हो रहा है विरोध
कांटाटोली फ्लाई ओवर के लिए 65 प्लॉट का अधिग्रहण किया जाना है. इन प्लॉटों पर करीब 250 रैयत रह रहे हैं. शिविर में आये रैयतों का कहना था कि 250 से अधिक रैयतों की जमीन जायेगी. लेकिन, अधिग्रहण के लिए जिला प्रशासन की ओर से महज 75 लोगों को ही नोटिस दिया गया.
वहीं, उनका दावा था कि कांटाटोली एनएच-33 में है. एनएचएआइ ने राज्य सरकार को यह सड़क नहीं दी है. इसके बावजूद राज्य सरकार फ्लाई ओवर का निर्माण करवा रही है, जो गलत है. वहीं, यह भी सवाल उठाया जा रहा है कि फ्लाई ओवर की लंबाई 900 फीट से बढ़ाकर 1250 फीट क्यों कर दी गयी?
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