रांची : ‘प्रभात खबर’ अपराजिता सम्मान समारोह में आज समाज के लिए विशेष काम करने वाली 19 महिलाओं को सम्मानित किया गया. इन महिलाओं ने अपने-अपने क्षेत्र में विशेष पहचान बनायी है. अपने राज्य और देश का नाम रोशन किया है. मुख्य अतिथि राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने महिलाओं को सम्मानित किया.
मौके पर राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने कहा कि महिलाएं अब अबला नहीं है, अपराजिता हो गयी है. हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही है. संघर्ष कर अपना रास्त बना रही है. जिस समाज या देश में महिलाओं को सम्मान मिल रहा है, वह समाज आगे बढ़ रहा है. उनकी अलग पहचान बन रही है.
राज्यपाल श्रीमती मुरमू ने कहा कि जिन महिलाओं को सम्मान नहीं मिल रहा है, वह भी समाज में काफी कुछ रही हैं. झारखंड की महिलाएं खेती से लेकर राजनीति तक में नाम रोशन कर रही हैं. पिछले ढाई साल से झारखंड के कई इलाकों और संस्थानों को देखने और समझने का मौका मिला है.
उन्होंने कहा कि हर जगह महिलाएं अपनी क्षमता दिखा रही है. यह देखकर काफी अच्छा लगता है कि 10 या 12 वीं की परीक्षा परिणाम में 10-20 में आधी से अधिक छात्राएं होती हैं. इससे यह पता चलता है कि हम किसी से कम नहीं हैं. झारखंड में वाजपेयी जी के सपने स्वयं सहायता समूह के माध्यम से सकार हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि महिलाएं अपने साथ-साथ परिवार के लोगों को भी समृद्ध कर रही है. महिलाओं की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक बदलाव हो रही है. समाज को भी जो महिलाएं आगे आकर कुछ करना चाहती हैं, उनको सहयोग करना चाहिए.
प्रभात खबर गांव को गोद लेकर विकास का बना भागीदार : आशुतोष चतुर्वेदी
प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी ने कहा कि प्रभात खबर की यात्रा 33 साल पुरानी है. तीन राज्यों से 10 संस्करण निकल रहे हैं. इंडियन न्यूज पेपर सर्वे में प्रभात खबर को देख से 10 सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले अखबारों की श्रेणी में स्थान मिला है. हिंदी का छठा सबसे ज्यादा पढ़ा जाना वाला अखबार है.
उन्होंने कहा कि प्रभात खबर के झारखंड-बिहार के आठ संस्करणों ने एक-एक गांव गोद लेकर अपने और जन प्रतिनिधियों के सहयोग से विकास का काम शुरू किया है. इसमें शुरुआती दौर में कुछ बदलाव भी हो रहा है. गांव के लोगों का जीवन स्तर सुधर रहा है. वैसे झारखंड की महिलाएं प्रगतिशील है. यहां का समाज घर से बाहर निकल कर समाज का नयी दिशा दे रहा है.
उन्होंने कहा कि यह सकुन की बात है. झारखंड की महिलाएं की खेल में उल्लेखनीय प्रदर्शन कर रही हैं. इसमें सावित्री पुर्ति, अशुंता लकड़ा, बिगन सोय, प्रेमलता मुरमू, अरुणा मिश्रा जैसे कई उल्लेखनीय नाम हैं.
महिलाओं को सम्मानित कर हम खुद को गौरान्वित महसूस कर रहे हैं : के के गोयनका
अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रभात खबर के प्रबंध निदेशक केके गोयनका ने कहा कि लगातार तीसरे साल महिलाओं का सम्मानित किया जा रहा है. अब तक 240 महिलाओं को प्रभात खबर सम्मानित कर चुका है. खेल, कला, समाज सेवा, प्रशासनिक, संगीत, शिक्षा जगत के कई ऐसे नाम हैं, जिनको सम्मानित कर प्रभात खबर खुद को गौरवांवित महसूस करता है.
उन्होंने कहा कि इससे अन्य महिलाओं को भी आगे बढ़कर काम करने की प्रेरणा मिलती है. इस बार 10 शहरी और नौ ग्रामीण महिलाओं को सम्मानित कर रहा है. मंच पर प्रभात खबर के बिजनेस हेड विजय बहादुर और कार्यकारी निदेशक आरके दत्ता भी मौजूद थे.
शायरा और कवयित्रियों ने बांधा समां
इस अवसर पर देश की मशहूर शायरा डॉ अंजुम रहबर, शबीना अदीब, कवयित्री डॉ सरिता शर्मा और डॉ कीर्ति काले ने अपनी प्रस्तुति दी. इसकी प्रस्तुति ने दर्शकों को तालियां बजाने और झूमने पर मजबूर कर दिया. सभी ने लोगों के बीच प्रेम, हास्य, व्यंग्य और प्रेरणा संप्रेषित की.
ये हुए सम्मानित
नैंसी सहाय
क्षेत्र : प्रशासनिक सेवा, नैंसी सहाय 2014 बैच की आइएएस अधिकारी हैं. यूपीएससी में ऑल इंडिया रैंकिंग 35वां रहा है. पहले प्रयास में आइएएस परीक्षा पास करनेवाली नैंसी ने बतौर प्रशिक्षु अधिकारी चाईबासा से करियर शुरू किया. इसके बाद पलामू में एसडीओ रहीं. अभी साहेबगंज में एसडीओ हैं.
अंजलि यादव
क्षेत्र : प्रशासनिक सेवा, अंजलि यादव वर्तमान में रांची एसडीएम के रूप में सेवाएं दे रही हैं. 2015 बैच की आइएएस अधिकारी अंजलि ने दिल्ली विवि से बिजनेस इकोनॉमिक्स में स्नातक और सोशल वर्क में स्नातकोत्तर किया है. जेएनयू से पब्लिक मैनेजमेंट में भी मास्टर की डिग्री हासिल कर चुकी हैं.
मृणालिनी अखौरी
क्षेत्र : म्यूजिक, झारखंड में संगीत के क्षेत्र का जाना-पहचाना नाम हैं मृणालिनी अखौरी. शास्त्रीय संगीत के प्रति गहरा लगाव रखने वाली मृणालिनी को संगीत की कई अन्य विधाओं में भी महारत हासिल है. संगीत की शिक्षा लेने को इच्छुक युवक और युवतियों की गुरु के रूप में वह पहली पसंद हैं. संगीत संस्थान भी चलाती हैं.
सुषमा केरकेट्टा
क्षेत्र : लेखन, राजनीति शास्त्र, हिंदी और नागपुरी में स्नातकोत्तर सुषमा ने एक दशक से अधिक दक्षिण सिक्किम के नेपाली और तिब्बतीयन बच्चों के लिए संचालित स्कूल नामची पब्लिक स्कूल में काम किया. लेखन, गायन में पकड़ रखने वाली सुषमा वर्तमान में संत गैब्रिएल एंड मोनिका स्कूल चलाती हैं.
जयश्री इंदवार
क्षेत्र : आर्ट, जयश्री इंदवार झारखंड की प्रमुख पेंटिंग सोहराई को बचाने की मुहिम में जुटी हैं. गुमला के सिसई गांव की गरीब, मजबूर और जरूरतमंद महिलाओं को सोहराई से जोड़ कर महिलाओं को सशक्त करने का काम कर रही हैं. इनका ट्रस्ट है स्तंभ झारखंड से लेकर दिल्ली के झारखंड भवन को सोहराई के रंग में रंग दिया है.
सपना कुमारी
क्षेत्र : एथलीट, जुलाई 2013 से साइ में प्रशिक्षणरत सपना ने ऑल इंडिया अंतर विवि में स्वर्ण पदक, जूनियर नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक, जूनियर फेडरेशन कप 2018 में रजत और राष्ट्रीय विद्यालय खेलकूद व जूनियर नेशनल एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीता है. फेडरेशन कप एथलेटिक्स 2018 में स्वर्ण पदक मिला.
राजश्री प्रसाद
क्षेत्र : उदघोषिका (एंकरिंग), राज्य स्तरीय कार्यक्रम हो या संगीत-गीत का कार्यक्रम, मंच से जो मधुर आवाज आपको बांधे रहती है, वह आवाज राजश्री प्रसाद की होती है. एंकरिंग की दुनिया में राजश्री प्रसाद का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है. इनकी आवाज दूरदर्शन और आकाशवाणी में उभरती है.
अलका निजामी
क्षेत्र : समाज सेवा, जब भी स्पेशल बच्चों के भविष्य निर्माण और समाज में उनकी पहचान बनाने के जिद की बात आती है, तो एक मात्र नाम अलका निजामी का आता है. दीपशिखा के नाम से इन्होंने स्पेशल बच्चों के लिए स्पेशल स्कूल की शुरुआत की. आज यह स्कूल कितने ही स्पेशल बच्चों को पहचान दिला चुका है.
रंभा देवी
क्षेत्र : एक्टिविस्ट, समाज की गंभीर समस्या नशापान के खिलाफ अपनी आवाज जोरों से बुलंद की. इनके नेतृत्व में एक हजार से अधिक महिलाएं शराब के खिलाफ लोगों को जागरूक कर रही हैं. शराबबंदी के खिलाफ इनके द्वारा उठायी गयी अवाज सिर्फ अनगड़ा प्रखंड ही नहीं बल्कि सिल्ली प्रखंड तक गूंज रही है.
रूबी खातून
क्षेत्र : कम्युनिटी, जर्नलिस्ट, अनगड़ा के महेशपुर गांव की रूबी खातून की पहचान कम्युनिटी जर्नलिस्ट की है. इनकी यात्रा की शुरुआत बतौर बुक-कीपर हुई. फिर टैबलेट दीदी के रूप में प्रसिद्ध हुईं. आज कम्युनिटी जर्नलिस्ट के रूप में देश-दुनिया तक अपनी कहानी पहुंचा रही हैं. रूबी ने अपने गांव और परिवार का नाम रोशन किया है.
रूक्मिनी देवी
क्षेत्र : बैंक सखी, गुमला जिला के रायडीह ब्लॉक सिलम गांव की रहने वाली रूक्मिनी देवी कृषक परिवार से ताल्लुक रखती हैं. इंटर तक की पढ़ी रूक्मिनी देवी का जीवन घर-परिवार और बच्चों तक सीमित था. 2015 में जेएसएलपीएस से जुड़ने के बाद जीवन में बदलाव आया. आजसू कर पालन कर अच्छी कमाई कर रही हैं.
सिरिना बीबी
क्षेत्र : रिसोर्स पर्सन, पाकुड़ जिले के चपतुड़ा गांव की रहनेवाली 31 वर्षीय सिरिना रिसोर्स पर्सन हैं. अल्पसंख्यक समुदाय की सिरिना इच्छा के बावजूद छठी कक्षा से ज्यादा नहीं पढ़ सकीं. 2012 से जेएसएलपीएस के एनआरएलएम प्रोजेक्ट से जुड़ी हैं. हाल ही में मैट्रिक की परीक्षा पास की. उनके दो बच्चे भी हैं.
सुशीला गुड़िया
क्षेत्र : वनोपज मित्र, वनोपज मित्र सुशीला गुड़िया की ग्रामीणों के बीच एक अलग छवि है. आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद उनके जीवन में बड़ा परिवर्तन आया. लाह की खेती की विशेषज्ञ के रूप में पहचान बना चुकी हैं. साथ ही सुशीला गुड़िया 70 से अधिक किसानों को लाह की खेती का प्रशिक्षण भी देती हैं और प्रोत्साहित करती हैं.
निर्मला देवी
क्षेत्र : कृषक मित्र, पश्चिम सिंहभूम जिले के घाघरा गांव की रहनेवाली निर्मला देवी की पहचान कृषक मित्र के रूप में है. खेती की नयी तकनीक से यह न केवल अवगत हैं, बल्कि लोगों को भी प्रशिक्षित करती हैं. बतौर कृषक मित्र काम करना आसान नहीं था, लेकिन खुद कृषि तकनीक को अपना कर दूसरे किसानों के लिए उदाहरण बनीं.
सीता देवी
क्षेत्र : पशु सखी, रातू ब्लॉक के कनोज गांव की 32 वर्षीय सीता देवी को लोग डॉक्टर दीदी कहते हैं. सीता देवी के पति किसान हैं. छोटी सी दुकान भी चलाते हैं, लेकिन इससे इतनी आय नहीं हो पाती थी कि जरूरतें पूरी हो सकें. 2015 में जेएसएलपीएस से जुड़ गयीं. आजीविका पशु सखी प्रोजेक्ट से जुड़कर काम किया.
नीलम देवी
क्षेत्र : स्वच्छता, नीलम देवी ने अपने गांव में 169 टॉयलेट बनाने में भूमिका अदा की. इसके अतिरिक्त वह घर-घर जा कर लोगों को जागरूक भी करती हैं. स्वच्छता को कायम करने के लिए खुद की कमाई के 60 हजार रुपये से शौचालय निर्माण का कार्य पूरा कराया. वे स्वच्छता दीदी के नाम से भी प्रसिद्ध हैं.
डॉ सुमन दुबे
क्षेत्र : चिकित्सा, हेल्थ स्क्रिन की निदेशक डॉ सुमन दूबे ने महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज (एमजीएम) जमशेदपुर से एमबीबीएस किया है. रिम्स से एमडी करने के बाद हेल्थ से जुड़े मुद्दों पर कई रिसर्च पेपर पेश कर चुकी हैं. वहीं कई हेल्थ अवेयरनेस के कार्यक्रम से लोगों को जागरूक भी किया है.
हुस्ना बानो
क्षेत्र : समाज सेवा, समाज सेविका हुस्ना बानो अनाथ और छोड़ दिये गये बच्चों की मां के नाम से लोगों के बीच चर्चित हैं. हमीद स्ट्रीट में रहनेवाली हुस्ना बानो पेपर का ठोंगा बना और घरों में दाई का काम कर अनाथ बच्चों को पालती हैं. हुस्ना बानो अब तक 20 से अधिक लड़कियों का विवाह संपन्न करा चुकी हैं.
निकिता सिन्हा
क्षेत्र : समाज सेवा, निकिता सिन्हा सामाजिक कार्यों में लगातार सक्रिय रहती हैं. ये निमित संस्था के माध्यम से बढ़-चढ़ कर सामाजिक कार्यों का नि ष्पादन करती हैं. इसके अतिरिक्त छोटे बच्चों की शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराती हैं. इसी उद्देश्य के साथ निकिता सिन्हा चिरौंदी में मोंटेसरी लर्निंग स्कूल संचालित करती हैं.
ये थे प्रायोजक
जेएसएलपीएस, इस्टर्न इस्टेट, एनआइबीएम, चैंप स्क्वायर, बायोम इंस्टीट्यूट, सैनको गोल्ड, फिरायालाल, पर्ल हाउस, वेद टेक्सटाइल एंड अपेरल, रामपुरिया गार्मेंट, वीएलसीसी, डब्ल्यू एच मार्ट, अनुष्का एक्वा केयर, चंदा चकौरी, लिटिल विंग्स स्कूल, सीएमपीडीआइ और यूएआइडी. सभी प्रायोजकों को भी प्रभात खबर की ओर से सम्मानित किया गया.