रांची : राज्य गठन के बाद झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ यानी झासा ने पहली बार हड़ताल की घोषणा की है. इसके पहले झारखंड में हड़ताल की घोषणा भी नहीं हुई थी. झासा ने हड़ताल को लेकर सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है. मुख्य सचिव को दिये पत्र में झासा के सदस्यों ने स्पष्ट कर दिया […]
रांची : राज्य गठन के बाद झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ यानी झासा ने पहली बार हड़ताल की घोषणा की है. इसके पहले झारखंड में हड़ताल की घोषणा भी नहीं हुई थी. झासा ने हड़ताल को लेकर सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है. मुख्य सचिव को दिये पत्र में झासा के सदस्यों ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी बात नहीं सुनी गयी, तो पूरे राज्य में 12 मार्च से हड़ताल की जायेगी.
यानी झासा के सारे अधिकारी अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर चले जायेंगे. इसका असर राज्य के सारे कार्य पर पड़ेगा. विधि व्यवस्था से लेकर विकास के काम प्रभावित हो जायेंगे. यानी हड़ताल में बीडीओ, अंचलाधिकारी, कार्यपालक दंडाधिकारी से लेकर अनुमंडल पदाधिकारी, एडीएम व समकक्ष अधिकारियों के साथ ही सचिवालय में कार्यरत राज्य प्रशासनिक सेवा के सारे अधिकारी हड़ताल पर चले जायेंगे.
क्यों कर रहे हैं विरोध
जानकारी के मुताबिक सरायकेला-खरसावां के जिला भू-अर्जन पदाधिकारी दीपू कुमार के साथ ईचागढ़ के विधायक साधु चरण महतो के द्वारा मारपीट की घटना सहित अन्य मामलों को लेकर हड़ताल की जा रही है. अधिकारी कह रहे हैं कि बार-बार उन्होंने विधायक की गिरफ्तारी की मांग की है, लेकिन उनकी नहीं सुनी जा रही है. सरकार झासा की मांगों की अनदेखी कर रही है. झासा के पदाधिकारियों का कहना है कि बार-बार उनके सदस्यों के साथ घटनाएं हो रही है.
इसे लेकर सरकार से सकारात्मक कदम उठाने का आग्रह किया जा रहा है, लेकिन सरकार ने चुप्पी साध रखी है. कोई सकारात्मक पहल भी सरकार की अोर से नहीं हो रही है. ऐसे में मजबूरन झासा को हड़ताल की घोषणा करनी पड़ी है. सचिवालय खुलने के बाद अब अफसर पांच से सात मार्च तक काला बिल्ला लगा कर काम करेंगे.