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अनुदान नहीं मिलने के लिए अफसर जिम्मेवार

रांची: राज्य के ग्रामीण विकास और श्रम नियोजन मंत्री केएन त्रिपाठी ने केंद्रीय सहयोग के नहीं मिलने के मामले में अधिकारियों पर आरोप मढ़ा है. उन्होंने कहा है कि पदाधिकारियों की अकर्मण्यता की वजह से ही झारखंड को केंद्रीय सहयोग नहीं मिल रहा है. केंद्र सरकार से प्रत्येक वर्ष झारखंड सरकार को अनुदान के रूप […]

रांची: राज्य के ग्रामीण विकास और श्रम नियोजन मंत्री केएन त्रिपाठी ने केंद्रीय सहयोग के नहीं मिलने के मामले में अधिकारियों पर आरोप मढ़ा है. उन्होंने कहा है कि पदाधिकारियों की अकर्मण्यता की वजह से ही झारखंड को केंद्रीय सहयोग नहीं मिल रहा है.

केंद्र सरकार से प्रत्येक वर्ष झारखंड सरकार को अनुदान के रूप में मोटी रकम मिलती है. लेकिन यहां के अधिकारियों की लापरवाही के कारण केंद्र से अतिरिक्त सहायता समय पर नहीं मिलती है और न ही रिलीज होती है. उन्होंने कहा कि केंद्र से अतिरिक्त सहायता के रूप में पिछले वित्तीय वर्ष में सिर्फ 1546.53 करोड़ फ्लैगशिप योजना के तहत मिल पाये. जबकि झारखंड के लिए 8000 करोड़ से अधिक की स्वीकृति दी गयी थी.

श्री त्रिपाठी बुधवार को रांची में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पंचायती राज, ग्रामीण विकास और श्रम नियोजन विभाग में केंद्र प्रायोजित कई योजनाएं चल रही हैं. उन्होंने कहा कि पंचायती राज विभाग के अधिकारियों की जवाबदेही तय की जायेगी. दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जायेगी.

मनरेगा कर्मियों की मांगें होंगी पूरी
ग्रामीण विकास व श्रम मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा है कि मनरेगा कर्मियों के मामले में कार्रवाई की जायेगी. उनकी मांगों पर विचार कर उसे पूरा करने की दिशा में पहल की जायेगी. कर्मियों के आंदोलन की उन्हें जानकारी नहीं है. मामले उनके संज्ञान में आने पर मांगों विचार किया जायेगा.

बैठक 22 को : ग्रामीण विकास मंत्री 22 मई को विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे. बैठक में कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी, युवाओं के कौशल विकास से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम की समीक्षा की जायेगी.

ग्रामीण विकास मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा है कि 19 से 24 मई तक सभी प्रखंडों में अधिकार शिविर का आयोजन किया गया है. शिविर में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, विधवा पेंशन योजना, विकलांगता पेंशन योजना, राष्ट्रीय परिवार हित लाभ योजना, मनरेगा मजदूरों का निबंधन, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का निबंधन समेत कई कार्य किये जायेंगे. श्री त्रिपाठी ने कहा कि राज्य के 259 प्रखंडों में ग्रामीणों के लिए विजिटर्स रूम बनाया जायेगा. इसी कक्ष में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी ग्रामीणों की शिकायतों का निराकरण करेंगे. अधिकारियों से मनरेगा मजदूरी राशि को दोगुना करने का प्रस्ताव तैयार करने का भी निर्देश दिया गया है. इंदिरा आवास के लिए झारखंड के 49,701 कोटे को बढ़ा कर दो लाख करने का अनुरोध केंद्र सरकार से किया जायेगा.

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