निगम बोर्ड की बैठक. सांसद महेश पोद्दार ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया
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देश में कहीं नहीं है 20 फीट चौड़ा फुटपाथ, स्मार्ट रोड के नाम पर पैसे की होगी बर्बादी
निगम बोर्ड की बैठक. सांसद महेश पोद्दार ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया रांची : राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने शनिवार को नगर निगम बोर्ड की बैठक में राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया. स्मार्ट रोड और फ्लाइओवर बनाने की योजना पर उन्होंने कहा कि देश के किसी भी पुराने शहर में 20 फुट […]
रांची : राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने शनिवार को नगर निगम बोर्ड की बैठक में राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया. स्मार्ट रोड और फ्लाइओवर बनाने की योजना पर उन्होंने कहा कि देश के किसी भी पुराने शहर में 20 फुट चौड़ा फुटपाथ नहीं है. फ्लाइओवर के लिए जितनी जमीन चाहिए, उतनी सरकार के पास है. सड़क के दोनों ओर 20-20 फीट चौड़ा फुटपाथ बनाने के नाम पर लोगों को उजाड़ने की तैयारी हो रही है. 100 करोड़ के प्रोजेक्ट के लिए 400 करोड़ रुपये (चार गुना अधिक) जमीन अधिग्रहण पर खर्च होंगे. यह जनता के पैसों की बर्बादी है. उन्होंने निगम बोर्ड के सदस्यों को भी कहा कि इस कार्य के लिए वे भी जिम्मेदार हैं.
श्री पोद्दार ने कहा कि बोर्ड की जिम्मेदारी है कि शहर के विकास के लिए कौन-कौन सी योजना ली जाये, लेकिन दुर्भाग्य है कि निगम बोर्ड में ऐसे मसलों पर चर्चा नहीं होती है. जनता अब जागरूक हो गयी है. चुनाव का समय है और एक साल बाद राज्य सरकार भी चुनाव में जायेगी. उस समय लोग सवाल तो उठायेंगे ही, जनता भी अपनी ताकत दिखायेगी. इसलिए सोच समझ कर कोई भी योजना पर निर्णय लें. श्री पोद्दार ने कहा कि वे चौड़ी सड़क व फुटपाथ के खिलाफ नहीं हैं,
लेकिन हमें यह विचार करना होगा कि जिस जगह पर हम इसे उतारना चाह रहे हैं उससे कितनों को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि हमें खुशी होती अगर इस प्रोजेक्ट को शहर से बाहर एचइसी तरफ किया जाता. क्योंकि वहां जमीन भी है और इससे लोगों को परेशानी भी कम होती. बैठक में मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, नगर आयुक्त डॉ शांतनु अग्रहरि, उप नगर आयुक्त संजय कुमार, एइओ रामकृष्ष्ण कुमार आदि उपस्थित थे.
कचरा यूजर चार्ज आधा करने की जरूरत : डिप्टी मेयर
बैठक में डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि शहर में कचरा यूजर चार्ज बहुत अधिक है. इसे आधा करने की जरूरत है. हर व्यक्ति के लिए इतना टैक्स देना संभव भी नहीं है. इसलिए इसे आधा करने के लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जायेगा. उन्होंने नगर आयुक्त से अनुरोध किया कि शहर में बेतरतीब ढंग से कई कॉलोनियों में लोगों ने जैसे-तैसे मकान बना लिये हैं. उनका नक्शा भी पास नहीं है. ऐसे मकानों को रेगुलराइज करने के लिए निगम ऐसा प्रस्ताव लाये, जिससे मकान का नक्शा जैसे का तैसा ही स्वीकृत हो जाये. इसके लिए जल्द सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जाये.
अतिक्रमण पर आंखें मूंद रहे निगम अधिकारी : पार्षद
वार्ड नंबर 21 की पार्षद रोशनी खलखो ने कहा कि निगम के अधिकारियों की लापरवाही के कारण अतिक्रमणकारियाें के हौसले बुलंद हैं. नगड़ा टोली में प्याऊ का अतिक्रमण कर लिया गया है. शीघ्र इस पर कार्रवाई नहीं हुई, तो लोगों का निगम से भरोसा उठ जायेगा. इस पर नगर अायुक्त ने कहा कि सोमवार को निगम की टीम मोहल्ले में जाकर जांच करेगी. वार्ड नंबर सात की पार्षद सुजाता कच्छप ने कहा कि उनके वार्ड में काफी संख्या में गैर मजरूआ जमीन है, लेकिन इस जमीन को बचाने के लिए निगम के अधिकारी गंभीर नहीं हैं. नतीजा दिनों दिन जमीन पर अतिक्रमण हो रहा है. इसे रोका जाये.
आवास के लाभुकों को राशि के लिए अभी करना होगा इंतजार : उप नगर आयुक्त संजय कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहे मकानों के लिए राज्य सरकार ने 10 करोड़ की राशि दी है, जो राशि नाकाफी है. इस राशि में से आठ करोड़ रुपये लाभुकों के अकाउंट में भेज दिये गये हैं. बाकी के दो करोड़ रुपये ऐसे लाभुकों के लिए रिजर्व रखे गये हैं, जिन्हें एक भी किस्त अब तक नहीं मिली है. जब तक सरकार से जल्द दूसरी किस्त नहीं मिलती है, सभी लाभुकों को राशि देना संभव नहीं है.
नगरपालिका मार्ग तकनीकी समिति को पार्षदों ने किया खारिज
शहर की पार्किंग व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए निगम द्वारा गठित की जानेवाली नगरपालिका मार्ग तकनीकी समिति को पार्षदों ने खारिज कर दिया. पार्षदों ने कहा कि ऐसे भी उनका कार्यकाल केवल एक माह का बचा हुआ है. चुनाव होने जा रहा है. इसलिए नये पार्षदों के आने के बाद ही इसका गठन किया जाये.
गली-मोहल्ले में अब पेवर ब्लॉक से बनेंगी सड़कें : नगर आयुक्त ने कहा कि वार्डों में बनने वाली सड़कें अब पीसीसी के बजाय पेवर ब्लॉक से बनायी जायेंगी. पेवर ब्लॉक से सड़कें बनाने का दो फायदा होगा. एक तो पीसीसी सड़क के लिए हमें हर बार टेंडर निकालना पड़ता है, जबकि पेवर ब्लॉक के लिए हमें केवल रेट कॉन्ट्रैक्ट करना पड़ेगा. एक बार रेट कॉन्ट्रैक्ट हो जाने के बाद हमें जहां भी जरूरत महसूस होगी. हम बिना टेंडर के ये सड़कें बनवा सकते हैं. ये सड़कें पीसीसी से सस्ती भी पड़ेंगी. ज्यादा मजबूत भी होगी. सबसे अच्छी बात यह होगी कि ये बारिश के पानी को अॉब्जर्व कर लेती है.
100 करोड़ के प्रोजेक्ट के लिए 400 करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण पर खर्च होंगे
चौड़ा फुटपाथ बनाने के नाम पर लोगों को उजाड़ने की तैयारी कर रही है सरकार
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