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बलि साहू का भतीजा सहित दो गिरफ्तार
खुलासा. बलि साहू ने काशीनाथ पर फायरिंग के लिए किया था सौदा कल्याण विभाग बनायेगा चार सीएचसी व नौ पीएचसी रांची : अल्पसंख्यक बहुल इलाके में संचालित मल्टी सेक्टोरल डेवलपमेंट प्रोग्राम (एमएसडीपी) के तहत चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) तथा नौ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) का निर्माण किया जायेगा. कल्याण विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार […]
खुलासा. बलि साहू ने काशीनाथ पर फायरिंग के लिए किया था सौदा
कल्याण विभाग बनायेगा चार सीएचसी व नौ पीएचसी
रांची : अल्पसंख्यक बहुल इलाके में संचालित मल्टी सेक्टोरल डेवलपमेंट प्रोग्राम (एमएसडीपी) के तहत चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) तथा नौ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) का निर्माण किया जायेगा. कल्याण विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को अनुमोदन के लिए भेजा है.
कहीं कोई डुप्लीकेसी तो नहीं होगी : इधर, इस संबंध में केंद्र ने कल्याण विभाग के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग, झारखंड से पूछा है कि वह बताये कि इन स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण से कहीं कोई डुप्लीकेसी तो नहीं होगी. यानी संबंधित जगहों पर पहले से सीएचसी व पीएचसी तो नहीं है. स्वास्थ्य विभाग इसका जवाब तैयार कर रहा है.
सीएचसी के संबंध में यह बताया जा रहा है कि इसमें डुप्लीकेसी नहीं होगी. कुल चार सीएचसी में से दो गुमला, एक रांची तथा एक खूंटी जिले में बनेंगे. वहीं पीएचसी विभिन्न जिलों में प्रस्तावित हैं. गौरतलब है कि राज्य के 10 जिलों के 44 चयनित प्रखंडों (जहां अल्पसंख्यकों की आबादी कुल आबादी की कम से कम 25 फीसदी है) में कल्याण विभाग के तहत एमएसडीपी का कार्यक्रम चल रहा है. इसके तहत संबंधित इलाके में शिक्षा व स्वास्थ्य सहित बहुअायामी विकास कार्य किये जाते हैं.
पहले से संचालित स्वास्थ्य कार्यक्रम
कल्याण विभाग पहले से कुछ अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन कर रहा है.इनमें समेकित जनजातीय विकास कार्यक्रम (अाइटीडीपी) वाले क्षेत्रों में 50-50 बेड वाला नौ मेसो अस्पताल, संताल परगना इलाके में पहाड़िया जनजाति के लिए 18 पहाड़िया स्वास्थ्य केंद्र तथा अन्य जनजातीय इलाके में 35 आयुर्वेदिक अस्पताल (इनमें से 12 में इनडोर सुविधा) शामिल हैं. हालांकि कुल 14 में से पांच मेसो अस्पताल करीब चार वर्ष पूर्व बन कर बेकार हैं. अब सभी 14 अस्पतालों के संचालन के लिए टेंडर निकाला जा रहा है.
उधर, अायुर्वेदिक अस्पतालों में भी चिकित्सकों की कमी है. कुल 35 अस्पतालों के लिए अभी सात चिकित्सक ही कार्यरत हैं. अब विभाग ने अपने अस्पतालों तथा स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर बनाने की प्रक्रिया शुरू की है.
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