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व्यवहार न्यायालय और केंद्रीय कारा के बीच होगी नेटवर्किंग
रांची : सरकार ने बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, रांची समेत पांच केंद्रीय कारा और व्यवहार न्यायालय को नेटवर्किंग से जोड़ने का फैसला लिया है. सरकार का मानना है कि अंडर ट्रायल के सजायाफ्ता कैदियों की कोर्ट रूम में पेशी और समय की बचत को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा […]
रांची : सरकार ने बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, रांची समेत पांच केंद्रीय कारा और व्यवहार न्यायालय को नेटवर्किंग से जोड़ने का फैसला लिया है. सरकार का मानना है कि अंडर ट्रायल के सजायाफ्ता कैदियों की कोर्ट रूम में पेशी और समय की बचत को देखते हुए यह फैसला लिया गया है.
बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा समेत केंद्रीय कारा हजारीबाग, केंद्रीय कारा जमशेदपुर, केंद्रीय कारा दुमका और केंद्रीय कारा पलामू तथा संबद्ध जिलों के व्यवहार न्यायालयों के बीच नेटवर्किंग स्थापित कर वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा मुहैया करायी जायेगी.
कोर्ट रूम में न्यायाधीश समेत दोनों पक्षों के पैरोकार, गवाह की प्रस्तुति और कारा के बीच नेटवर्किंग स्थापित की जायेगी. कोर्ट रूम में वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा भी बहाल की जायेगी. इस योजना में 93 करोड़ रुपये खर्च होंगे. सरकार इन सभी जिलों में केंद्रीय कारा से लेकर व्यवहार न्यायालय तक नेटवर्किंग के लिए ऑप्टिकल फाइबर भी बिछायेगी.
सूचना प्रावैधिकी विभाग की मानें, तो इस सुविधा से लंबित मामलों का त्वरित निष्पादन होगा. मामलों की स्पीडी ट्रायल भी सुनिश्चित हो सकेगी. इतना ही नहीं हार्ड कोर अपराधियों, नक्सलियों को कोर्ट में प्रस्तुत करने का जोखिम भी नहीं रहेगा.
सजायाफ्ता कैदियों को कोर्ट तक लाने में सरकार के खर्च पर भी अंकुश लग पायेगा. सरकार की यह सुविधा लोकल एरिया नेटवर्किंग, वीडियो कांफ्रेंसिंग, स्टेट वाइड एरिया नेटवर्किंग और निकनेट पर आधारित होगी. जहां कोर्ट रूम और केंद्रीय कारा में नियंत्रण कक्ष भी स्थापित रहेगा, ताकि कोर्ट ट्रायल की वीडियो भी सुरक्षित रखी जा सकेगी.
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