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झारखंड : योगेंद्र की सदस्यता वापस हो, स्पीकर ने हड़बड़ी में ले लिया फैसला : कुणाल षाड़ंगी
रांची : झामुमो विधायक कुणाल षाड़ंगी ने गोमिया विधायक योगेंद्र महतो की सदस्यता वापस लेने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि स्पीकर ने सरकार के दबाव में हड़बड़ी में फैसला लिया है. संविधान के अनुच्छेद 192 में कहा गया है कि जब भी किसी जनप्रतिनिधि की सदस्यता समाप्त करने का मामला सामने आये, तो […]
रांची : झामुमो विधायक कुणाल षाड़ंगी ने गोमिया विधायक योगेंद्र महतो की सदस्यता वापस लेने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि स्पीकर ने सरकार के दबाव में हड़बड़ी में फैसला लिया है.
संविधान के अनुच्छेद 192 में कहा गया है कि जब भी किसी जनप्रतिनिधि की सदस्यता समाप्त करने का मामला सामने आये, तो इस बात को राज्यपाल के संज्ञान में लाना चाहिए.
राज्यपाल से सहमति मिलने के बाद ही कोई निर्णय लिया जायेगा. परंतु योगेंद्र महतो के मामले को राज्यपाल के पास नहीं भेजा गया. स्पीकर ने इनकी सदस्यता समाप्त कर निर्वाचन आयोग को भेज दिया, जो न्याय संगत नहीं है.
श्री षाड़ंगी बुधवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. कहा कि निचली अदालत ने 31 जनवरी 2018 को वर्ष 2010 के एक मामले में योगेंद्र महतो को तीन साल की सजा सुनायी. इसके बाद 19 फरवरी को एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज ने निचली अदालत की सजा पर रोक लगा दी. इससे पहले ही स्पीकर की ओर से योगेंद्र महतो की सदस्यता रद्द कर दी गयी
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स्कूल हो रहे बंद, खुल रही शराब दुकानें : झामुमो विधायक श्री षाडंगी ने कहा कि आये दिन रघुवर सरकार अव्यावहारिक व अप्रासंगिक निर्णय ले रही है. सरकार ने राज्य के 15 हजार सरकारी विद्यालयों को विलय करने का निर्णय लिया गया है. बिना किताब के लाखों छात्र आठवीं बोर्ड की परीक्षा में शामिल हो रहे हैं. इस पर सरकार का ध्यान नहीं है. सरकार शराब दुकान खुलवाने में व्यस्त है.
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