मंत्रालय ने उद्योगों के निबंधन और अन्य कार्य के लिए वेबपोर्टल भी बनाया है
सूक्ष्म इकाइयों को 80 %, छोटी इकाइयों को 60 % और मझले उद्योगों को 50 % की वित्तीय सहायता
रांची : केंद्र सरकार ने लघु, मझोले और छोटे उद्योगों के लिए जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट (जेड) प्रमाण पत्र योजना की शुरुआत की है. यह प्रमाण पत्र हासिल करनेवाले उद्योगों को केंद्र सरकार वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी. केंद्रीय मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्योग मंत्रालय (एमएसएमइ) की तरफ से क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया को प्रमाणन (सर्टिफिकेशन) के लिए प्राधिकृत किया है. इसके लिए www.zed.org.in वेबपोर्टल भी मंत्रालय ने उद्योगों के निबंधन और अन्य कार्य के लिए बनाया है. ताकि जेड प्रमाण पत्र लेने में उद्योगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े.
50 मानकों पर खरा उतरना होगा
हालांकि जेड प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए उद्योगों को उत्पादन, गुणवत्ता सुधार, डिजाइन, सुरक्षा, पर्यावरण संतुलन समेत 50 मानकों पर खरा उतरना होगा. केंद्र सरकार ने वैसी इकाइयों को जोड़ने का निर्णय लिया है, जो रक्षा क्षेत्र के लिए विभिन्न उत्पादों का उत्पादन कर रहे हैं. इकाइयों को जेड सर्टिफिकेशन के लिए ब्रांज, सिल्वर, गोल्ड, डायमंड और प्लेटिनम प्रमाण पत्र लेना होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लघु और छोटी इकाइयों का नुकसान कम करने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए इस योजना की शुरुआत की है. मेक इन इंडिया में सहयोग करने के लिए भी इन इकाइयों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. ऐसी इकाइयां ऑनलाइन आधार पर इ-प्लेटफाॅर्म के जरिये अपनी सेवाओं को ऑनलाइन कर निरंतर उत्पादकता बढ़ा सकगी. केंद्र सरकार ने इसके लिए 491 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया है.
आरबीआइ ने इंडियन बैंक एसोसिएशन को भेजा है एडवाइजरी : भारतीय रिजर्व बैंक ने जेड सर्टिफिकेट धारक इकाइयों को वित्त पोषित करने के लिए इंडियन बैंक एसोसिएशन को एडवाइजरी भी भेजा है. इसमें सूक्ष्म इकाइयों को 80 प्रतिशत, छोटी इकाइयों को 60 फीसदी और मझले उद्योगों को 50 प्रतिशत की वित्तीय सहायता देने को कहा गया है. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियों को अतिरिक्त पांच प्रतिशत का अनुदान भी योजना में दिया जायेगा.