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मोमेंटम झारखंड : 3.10 लाख करोड़ का एमओयू, मात्र 6269 करोड़ का हुआ निवेश, 70 करोड़ से सजी थी रांची

II सुनील चौधरी II रांची : मोमेंटम झारखंड के एक साल पूरे हो गये हैं. 16-17 फरवरी 2017 को तामझाम के साथ रांची में मोमेंटम झारखंड का आयोजन किया गया था. तब रांची को दुल्हन की तरह सजाया गया था. इसका नाम मोमेंटम झारखंड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट रखा गया था. मोमेंटम झारखंड के दौरान 17 […]

II सुनील चौधरी II
रांची : मोमेंटम झारखंड के एक साल पूरे हो गये हैं. 16-17 फरवरी 2017 को तामझाम के साथ रांची में मोमेंटम झारखंड का आयोजन किया गया था. तब रांची को दुल्हन की तरह सजाया गया था.
इसका नाम मोमेंटम झारखंड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट रखा गया था. मोमेंटम झारखंड के दौरान 17 फरवरी को 210 एमओयू हुए थे. 3.10 लाख करोड़ के निवेश का करार कंपनियों ने किया था. जिसमें छह लाख लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देने की बात कही गयी. इस आयोजन में 11 हजार से ज्यादा डेलिगेट्स आये.
जिसमें 600 जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर जैसे देशों से लोग आये थे. तब सरकार ने कहा था कि जितने एमओयू हुए हैं उन सबको को साल भर में धरातल पर उतारा जायेगा. आयोजन में 70 करोड़ से ज्यादा खर्च हुए थे, जिसका अब तक हिसाब हो रहा है.
6269 करोड़ का ही निवेश आया: मोमेंटम झारखंड से ठीक पहले 14 कंपनियों और बाद में 44 कंपनियों यानी कुल 268 कंपनियों के साथ एमओयू हुए. लिहाजा, वादे के अनुरूप सरकार ने कार्रवाई आरंभ की. जमीन देने का काम आरंभ हुआ. राज्य के अलग-अलग हिस्सों में कंपनियों को पसंद के अनुसार जमीन दी गयी. जमीन का पट्टा देने के लिए भी तीन बार बड़े आयोजन किये गये. जिसका नाम ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी रखा गया. पहला ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी रांची में हुआ. इस दौरान 21 कंपनियों को जमीन का पट्टा दिया गया.
जिनके द्वारा 710 करोड़ निवेश की बात कही गयी. दूसरा समारोह जमशेदपुर में हुआ. जहां 74 कंपनियों को जमीन का पट्टा दिया गया. इन कंपनियों द्वारा 2184 करोड़ रुपये निवेश की बात कही गयी. तीसरा समारोह बोकारो में आयोजित किया गया. जहां 105 कंपनियों को पट्टा दिया गया और इनके द्वारा 3375 करोड़ रुपये निवेश की बात कही गयी. यानी 268 में से कुल 200 कंपनियों को जमीन का पट्टा दे दिया गया. पर 3.10 लाख करोड़ के एमओयू में केवल 6269 करोड़ रुपये का निवेश ही झारखंड को मिल सका है.
55 कंपनियों ने काम आरंभ किया
हैरत की बात यह है कि सरकार ने 200 कंपनियों को जमीन का पट्टा दिया है, जिसमें से अब तक केवल 55 कंपनियों ने ही आरंभिक स्तर पर काम आरंभ किया है. यानी आवंटित जमीन पर पजेशन लेकर बाउंड्री करने, मशीन लगाने का काम आरंभ कर दिया गया है.
हालांकि ओरियेंट क्राफ्ट ने इरबा में किराये पर भवन लेकर रेडीमेड वस्त्र का उत्पादन आरंभ कर दिया है. जहां 500 महिलाएं काम कर रही हैं. इसी तरह कावेरी ग्रुप ने नगड़ी में वेयर हाउस आरंभ कर दिया है. वहीं एमिटी व आइसेक्ट यूनिवर्सिटी ने भी राज्य में पढ़ाई आरंभ कर दी है. उद्योग विभाग द्वारा कहा गया है कि कंपनियों को जमीन लेने व अन्य प्रक्रियाओं को पूरा करने में समय लगता है. जल्द ही अन्य कंपनियों से भी उत्पादन आरंभ होने लगेगा.
दो वर्ष में उत्पादन नहीं तो जमीन का आवंटन होगा रद्द
मोमेंटम झारखंड के दौरान जमीन देने के एवज में जियाडा की ओर से शर्त रखी गयी थी कि एमओयू करने के बाद जिन कंपनियों द्वारा दो वर्ष के अंदर उत्पादन आरंभ नहीं किया जायेगा, उनसे जमीन का आवंटन वापस ले लिया जायेगा. साथ ही यह भी कहा गया था कि उद्योग विभाग दो वर्षों तक इंतजार करेगा, यदि कंपनियां सीरियस नहीं हुईं तो उनका आवंटन रद्द हो जायेगा.
कोरियाई कंपनी ने नाता तोड़ा, सात हजार करोड़ के निवेश से वंचित हुआ झारखंड
जानकारी के मुताबिक पिछले साल कोरियाई ग्रुप अॉफ कंपनीज द्वारा सात हजार करोड़ के निवेश के लिए मोमेंटम झारखंड के दौरान एमओयू किया गया था.
लेकिन कुछ अड़चनाें के कारण यह प्लांट रांची में लगने के बजाय वियतनाम चला गया. कोरियाई कंपनी स्मार्ट ग्रिड के ओएमडी सुनील मिश्रा का कहना है कि झारखंड सरकार प्लांट को लेकर गंभीर नहीं थी तो कंपनी क्यों गंभीर रहती. यहां के अधिकारियों का रवैया इंडस्ट्रीज फ्रेंडली नहीं है.
तो इस परिस्थिति में कंपनी भी आगे नहीं बढ़ सकती. इसके अलावे दक्षिण कोरिया की ग्रुप अॉफ कंपनीज द्वारा भी रांची के तुपुदाना इलाके में कोरियन इंडस्ट्रियल पार्क बनाने के लिए आठ एमओयू पर साइन किये गये थे. तुपुदाना में रियाडा की 200 एकड़ जमीन कोरियन पार्क के लिए चिह्नित की गयी थी. कंपनी के प्रतिनिधियों ने वहां पार्क लगाने पर सहमति दे दी थी.पर अधिकारियों से अनबन होने के कारण बात बिगड़ गयी और कंपनी ने परियोजना वियतनाम स्थानांतरित कर ली. फिलहाल इस मुद्दे पर सरकार ने चुप्पी साध ली है.
मोमेंटम झारखंड से पहले और बाद में कितने एमओयू हुए
मोमेंटम झारखंड से पहले हुए एमओयू 14
मोमेंटम झारखंड के दौरान हुए एमओयू 210
मोमेंटम झारखंड के बाद हुए एमओयू 44
कुल एमओयू की संख्या 268
इनमें 55 एमओयू ही हैं, जिसने अपना प्रारंभिक काम राज्य में शुरू किया है.
अडाणी की परियोजना पर नहीं हो सका है काम
अडाणी व टाटा ग्रुप जैसी कंपनियों के साथ भी करार किये गये थे. मुख्यमंत्री की उपस्थिति में 210 कंपनियों ने एमओयू पर साइन किया था. जिसमें अलग-अलग क्षेत्र में निवेश के लिए एमओयू किये गये थे. इसमें अडाणी ग्रुप ने 50 हजार करोड़ के निवेश के लिए एमओयू किया था. अडाणी द्वारा चार हजार मेगावाट के पावर प्लांट, सब्सिटीट्यूट नेचुरल गैस व यूरिया प्लांट की स्थापना की जानी है. लेकिन इस दिशा में अब तक कोई काम शुरू नहीं हो सका है.
हाउसिंग प्रोजेक्ट पर भी नहीं हो सका है काम
टाटा हाउसिंग डेवलपमेंट कंपनी लि. द्वारा अफोर्डेबल हाउसिंग कॉलोनी निर्माण के लिए एमओयू हुआ था. कंपनी द्वारा करीब 750 करोड़ का निवेश किया जाना था. बताया गया कि अलग-अलग क्षेत्र में कंपनी द्वारा हाउसिंग कॉलोनी का निर्माण किया जायेगा जो बाजार से कम दर पर लोगों को उपलब्ध होगा. इसी क्षेत्र में नाइंटीनाइन बिल्डर्स प्रा. लि. द्वारा 350 करोड़ के निवेश के लिए एमओयू किया गया. पर इस दिशा में भी काम नहीं हो सका है.
अरबन इंफ्रास्ट्रक्चर में सबसे बड़ा निवेश स्वीडन की कंपनी कोआलो ग्लोबल एबी द्वारा 17300 करोड़ के निवेश के लिए एमओयू किया गया. कंपनी द्वारा अफोर्डेबल हाउसिंग, मेट्रो प्रोजेक्ट, वेस्ट एनर्जी व स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट में निवेश किया जाना है. हाउसिंग क्षेत्र में ही एस्सेल इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लि. द्वारा 5700 करोड़ निवेश के लिए एमओयू किया गया. इस कंपनी द्वारा इंडस्ट्रियल पार्क का भी निर्माण किया जाना है. पर इन बड़ी परियोजनाओं पर काम नहीं हो सका है.

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