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झारखंड : बैद्यनाथधाम में महाशिवरात्रि पर एक लाख भक्तों ने किया जलार्पण

देवघर : फाल्गुन मास चतुर्दशी तिथि के अवसर पर महाशिवरात्रि पर ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ पर जलार्पण के लिए बाबानगरी में बड़ी संख्या में भक्त जुटे. पट बंद होने तक करीब एक लाख भक्तों ने बाबा को जलार्पण किया. इनमें 4067 लोगों ने शीघ्र दर्शनम् के तहत जलार्पण किया. श्रद्धालु भोलेनाथ पर जलार्पण करने के लिए […]

देवघर : फाल्गुन मास चतुर्दशी तिथि के अवसर पर महाशिवरात्रि पर ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ पर जलार्पण के लिए बाबानगरी में बड़ी संख्या में भक्त जुटे. पट बंद होने तक करीब एक लाख भक्तों ने बाबा को जलार्पण किया. इनमें 4067 लोगों ने शीघ्र दर्शनम् के तहत जलार्पण किया. श्रद्धालु भोलेनाथ पर जलार्पण करने के लिए मंगलवार की रात से ही कतारबद्ध हो गये थे. वीआइपी गेट भी करीब चार घंटे तक जाम रहा.
बाबा मंदिर में भक्तों की टोली की सुविधा के लिए लिये संताल परगना डीआइजी अखिलेश झा, डीसी राहुल कुमार सिन्हा, एसपी नरेंद्र कुमार सिंह आदि आला अधिकारी घंटों मंदिर से लेकर रूट लाइन तक घूमते रहे, घंटों मंदिर के कंट्रोल रूम में बैठकर सीसीटीवी पर नजर बनाते हुए अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते देखे गये. वहीं, भक्तों की सुविधा के लिये मंदिर परिसर में जगह-जगह दंडाधिकारी व पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गयी थी.
चुस्त व्यवस्था के तहत श्रद्धालुओं ने कामनालिंग की स्पर्श पूजा की.कई वीआइपी पहुंचे मंदिर: महाशिवरात्रि के अवसर बाबा के दरबार में कई वीआइपी ने जलार्पण कर मंगलकामना की. इसमें मुख्य रूप से श्रम नियोजन मंत्री राज पलिवार, वरीय आइएएस अधिकारी आदित्य स्वरूप, विधायक ढुल्लू महतो, संताल परगना क्षेत्र के आयुक्त डॉ प्रदीप कुमार, जैप डीआइजी सुधीर कुमार झा आदि शामिल रहे.
सरदार पंडा ने बाबा भोले की चतुष्प्रहर षोड्षोपचार पूजा की
देवघर : महाशिवरात्रि पर 46 साल के बाद पहली बार सरदार पंडा अजीतानंद ओझा ने बाबा बैद्यनाथ की षोड्षोपचार चतुष्प्रहर पूजा की. इस्टेट की ओर से आचार्य के तौर पर गुलाब पंडित ने विधिवत मंत्रोचारण कर पूजा करायी. दूध, दही, शहद, शक्कर, भांग, धतूरा, अक्षत, चंदन आदि से बाबा भोले की पूजा हुई. हर प्रहर में बाबा बैद्यनाथ के शिवलिंग को आकर्षक तरीके से सजाया गया. वहीं चली आ रही परंपरा के अनुसार, बुधवार को श्रृंगार पूजा नहीं हुई. जलार्पण के बाद कुछ देर में बाबा का पट खुलने के साथ ही चतुष्प्रहर पूजा शुरू हुई, जो मध्य रात्रि तक चली.
बाबा को चढ़ाया गया सिंदूर : महाशिवरात्रि पर चली आ रही परंपरा के अनुसार, सरदार पंडा ने विल्व पत्र से बाबा के विग्रह पर अपने हाथों से सिंदूर चढ़ाया. मालूम हो कि इसके पूर्व बाबा को विधिवत चार प्रहर पूजा के दौरान दूल्हा बनाया गया.
बाबा के ऊपर अरवा चावल, डाभ, वस्त्र, इत्र व दूल्हे की माला पहनायी गयी. पुरातन परंपरा के अनुसार, बाबा मंदिर कार्यालय से एक पारंपरिक बारात निकाली गयी. इस बारात में मंदिर कर्मचारी शरू राउत के नेतृत्व में मशाल निकाला गया.

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