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झारखंड : संस्कृत स्कूलों व मदरसा को कम अनुदान क्यों : हाइकोर्ट
रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने प्रस्वीकृति व मान्यता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों व मदरसा को कम अनुदान देने काे लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को स्पष्ट जवाब देने का निर्देश दिया. अदालत ने माैखिक रूप से कहा कि एक ही नियमावली से मान्यता प्राप्त वित्तरहित हाइस्कूल व […]
रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने प्रस्वीकृति व मान्यता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों व मदरसा को कम अनुदान देने काे लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को स्पष्ट जवाब देने का निर्देश दिया. अदालत ने माैखिक रूप से कहा कि एक ही नियमावली से मान्यता प्राप्त वित्तरहित हाइस्कूल व इंटर कॉलेजों को अनुदान मिलता है, तो उसी नियमावली के तहत संस्कृत विद्यालयों व मदरसा को कम अनुदान क्यों दिया जा रहा है. अनुदान देने के लिए राज्य सरकार ने ही नियमावली बनायी है.
अदालत ने स्टैडिंग काउंसिल को स्पष्ट जवाब देने को कहा. मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 फरवरी की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता मनोज टंडन ने अदालत को बताया कि अनुदान नियमावली-2004 के तहत मान्यता प्राप्त वित्तरहित प्राथमिक स्कूल, हाइस्कूल, इंटर कॉलेज, संस्कृत विद्यालय व मदरसा को अनुदान दिया जाता है. इसमें संस्कृत विद्यालयों व मदरसा को छोड़ कर शेष सभी शिक्षण संस्थानों को दोगुना अनुदान दिया जाता है.
सरकार शिक्षण संस्थानों को अनुदान देने में भेदभाव कर रही है. अनुदान के रूप में कम राशि मिलने के कारण संस्कृत विद्यालय व मदरसा के शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन भुगतान प्रभावित होता है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी झारखंड प्रदेश संस्कृत विद्यालय शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष बलदेव पांडेय ने रिट याचिका दायर कर अनुदान देने में हो रहे भेदभाव को समाप्त करने की मांग की है. महंगाई को देखते हुए पर्याप्त अनुदान राशि देने की मांग की है.
तीन माह से नहीं मिला शिक्षकों को वेतन
रांची. राज्य के कई जिलों में प्राथमिक व मध्य विद्यालय के शिक्षकों को तीन माह से वेतन नहीं मिला है. जिले में वेतन के लिए राशि नहीं है. वेतन भुगतान को लेकर अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघका प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को प्राथमिक शिक्षा निदेशक मीना ठाकुर से मिला.
प्रतिनिधिमंडल ने राज्य में प्राथमिक व मध्य विद्यालय के शिक्षकों को वेतन नहीं मिलने का मामला निदेशक के समक्ष रखा. प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने वेतन भुगतान के लिए राशि आवंटन की प्रक्रिया 15 फरवरी को शुरू करने की बात कही. उन्होंने कहा कि वेतन के लिए जिलों को जल्द से जल्द राशि भेज दी जायेगी. 15 फरवरी तक वेतन के लिए राशि जिलों को भेज दिये जाने का आश्वासन दिया.
प्रतिनिधिमंडल ने राज्य में नव नियुक्त शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण की मांग की. प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि प्राथमिक व मध्य विद्यालय में नव नियुक्त लगभग नौ हजार शिक्षक अंतर जिला स्थानांतरण का इंतजार कर रहे हैं. प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने अंतर जिला स्थानांतरण की प्रक्रिया जून तक पूरा होने का आश्वासन दिया. प्रतिनिधिमंडल में अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष बिजेंद्र चौबे, प्रवक्ता नसीम अहमद, संतोष सिंह, कृष्णा शर्मा व अन्य लोग शामिल थे.
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