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रांची : शिक्षकों व कर्मियों की मांगें पूरी करे सरकार

22 फरवरी को 20,000 शिक्षक व कर्मचारी जैक का करेंगे घेराव अाठ मार्च से संस्थानों में तालाबंदी कर चाभी क्षेत्र के विधायक को साैंपेंगे शिक्षक रांची : झारखंड राज्य वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में सोमवार को राजभवन के समक्ष महाधरना का आयोजन किया गया. महाधरना में वित्तरहित शिक्षण संस्थानों में सैकड़ों शिक्षक […]

22 फरवरी को 20,000 शिक्षक व कर्मचारी जैक का करेंगे घेराव
अाठ मार्च से संस्थानों में तालाबंदी कर चाभी क्षेत्र के विधायक को साैंपेंगे शिक्षक
रांची : झारखंड राज्य वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में सोमवार को राजभवन के समक्ष महाधरना का आयोजन किया गया. महाधरना में वित्तरहित शिक्षण संस्थानों में सैकड़ों शिक्षक व कर्मचारी शामिल हुए. इस दौरान उच्चस्तरीय समिति की अनुशंसाअों को लागू करने की मांग की गयी. सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की गयी. शिक्षक पठन-पाठन से अलग रहे और महाधरना पर बैठे. संस्थानों के लाखों विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हुई. महाधरना के अंत में मोर्चा ने मांगों से संबंधित ज्ञापन राज्यपाल के नाम दिया.
मोर्चा के अध्यक्षमंडल के सदस्य रघुनाथ सिंह ने कहा कि पिछले 25 वर्षों से वित्तरहित शिक्षक संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार सिर्फ आश्वासन देते आ रही है. समस्याएं ज्यों की त्यों बनी हुई है. उन्होंने कहा कि सरकार ने उच्चस्तरीय समिति बनायी थी. समिति ने 21 माह बाद अपनी रिपोर्ट सरकार को 30 नवंबर 2017 को दी है. मोर्चा की सभी मांगों पर समिति ने स्पष्ट अनुशंसा की है. अधिग्रहण व घाटानुदान पर समिति ने अनुशंसा की है. सरकार अनुशंसाअों को अविलंब लागू करे, ताकि 25 वर्षों से लंबित मांगे पूरी हो सकें. वक्ताअों ने कहा कि रांची के जिला शिक्षा पदाधिकारी रतन कुमार महावर ने 80 संस्थानों के अॉनलाइन अनुदान का आवेदन समय पर विभाग को नहीं भेजा है. इस कारण संस्थान अनुदान से वंचित रह जायेंगे.
शिक्षकों व कर्मचारियों को वेतन मिलना मुश्किल हो जायेगा. शिक्षा पदाधिकारी के खिलाफ अविलंब कार्रवाई करने की मांग की गयी. जिला शिक्षा पदाधिकारी का पद राज्य से समाप्त करने की मांग की गयी. यह पद आर्थिक शोषण का केंद्र बन गया है. संस्कृत स्कूल व मदरसा की नियमावली बनने के बाद भी उनके अनुदान को दोगुना नहीं किया गया है.
शिक्षकों में रोष है. कहा गया कि मांगे पूरी नहीं करने पर 20,000 शिक्षक व कर्मचारी 22 फरवरी को जैक का 24 घंटे का घेराव करेंगे. इसके बाद अाठ मार्च को संस्थानों में तालाबंदी कर चाबी संबंधित क्षेत्र के विधायक को साैंपा जायेगा. इस अवसर पर सुरेंद्र झा, नरोत्तम सिंह, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, बलदेव पांडेय, चंद्रेश्वर पाठक, अरविंद सिंह, विजय झा, प्रियरंजन पाठक, नरेश घोष, सिबिरिया टोप्पो, सिद्धेश्वर प्रसाद, अशफाक आलम, प्रभु दयाल चाैरसिया, अर्जुन पांडेय, शिवनाथ सिंह, अभय कुमार सिंह, वीरेंद्र तिवारी, मो मुस्कीन, बीके दत्ता, प्रेमनाथ मुंडा सहित विभिन्न जिलों से आये सैकड़ों शिक्षक उपस्थित थे.
मोर्चा की प्रमुख मांगें
उच्चस्तरीय समिति की अनुशंसा पर अविलंब कार्रवाई की जाये.
अधिग्रहण/घाटानुदान पर अविलंब निर्णय लिया जाये.
नियमावली-2004 के अनुसार संस्कृत विद्यालयों व मदरसों काे दोगुना अनुदान दिया जाये.
प्रस्वीकृति नियमावली-2005 में संशोधन किया जाये.
मान्यता प्राप्त स्कूल-कॉलेजों में परीक्षा केंद्र बनाया जाये.
आरएन त्रिपाठी समिति की रिपोर्ट पर कार्रवाई की जाये.
सरकार व जैक के पास लंबित संचिकाअों का अविलंब निष्पादन किया जाये.
रांची के जिला शिक्षा पदाधिकारी पर कार्रवाई की जाये.
इंटर कॉलेजों में द्वितीय व तृतीय वर्ग के पदों को सृजित करने की अनुशंसा हो.

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