24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड : स्कूलों व अस्पतालों में लड़कियों को मुफ्त सेनेटरी नैपकिन देगी सरकार : सीएम

राज्य में महिला स्वयं सहायता समूह तैयार करेंगे सेनेटरी नैपकिन रांची/जमशेदपुर : सेनेटरी नैपकिन महिलाओं से बनवाया जायेगा और इसको सरकार अपने स्कूलों में मुफ्त में लड़कियों के बीच वितरित करेगी. यह बातें राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कही. श्री दास बागुनहातू में 20सूत्री समिति की सदस्य प्रमीला साहू के नेतृत्व में सेनेटरी नैपकिन […]

राज्य में महिला स्वयं सहायता समूह तैयार करेंगे सेनेटरी नैपकिन
रांची/जमशेदपुर : सेनेटरी नैपकिन महिलाओं से बनवाया जायेगा और इसको सरकार अपने स्कूलों में मुफ्त में लड़कियों के बीच वितरित करेगी. यह बातें राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कही. श्री दास बागुनहातू में 20सूत्री समिति की सदस्य प्रमीला साहू के नेतृत्व में सेनेटरी नैपकिन बनाने के लिए चल रहे कार्यों को देखा. टाटा समूह द्वारा कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व के तहत इस समूह को सेनेटरी नैपकिन के निर्माण का प्रशिक्षण दिया गया.
उन्होंने यहां के कार्यों की सराहना की और बताया कि महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में यह एक अहम कदम है. इसको लेकर सरकार मुफ्त में स्कूलों में सेनेटरी नैपकिन की सप्लाइ करेगी.
इसको खुद सरकार महिला समूहों के माध्यम से बनवायेगी और खरीद कर स्कूलों में सप्लाइ करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कौशल विकास (स्किल डेवलपमेंट) को बढ़ावा देकर सबके हाथों में हुनर पैदा कर स्वरोजगार से जोड़ रही है. उन्होंने कहा कि बागुनहातु की 15 महिलाओं ने समूह बनाकर नैपकिन बनाने का काम शुरू किया है, लेकिन इसका मार्केट इनके पास नहीं है. राज्य सरकार हर वर्ष स्कूली छात्राओं को नैपकिन का वितरण करती है, इस पर करीब 25 करोड़ रुपये खर्च किये जाते हैं.
ये नैपकिन स्कूलों में आपूर्ति कराये जाते हैं. इस बार के बजट में घोषणा की गयी है कि राज्य की महिला स्वयं सहायता समूह सेनेटरी नैपकिन बनायेगा, उनको राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा खरीदा जायेगा. स्कूल की छात्राओं को ये नैपकिन वितरित किये जायेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है कि हर गरीब की आय को दोगुना किया जाये. छोटे-छोटे ग्रामोद्योग से हम झारखंड को अपने पैरों पर खड़ा कर सकते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह काफी हर्ष का विषय है कि यहां की महिलाएं नैपकिन के निर्माण में संलग्न हैं.
इसकी अधिक से अधिक ब्रांडिंग करने का अनुरोध मुख्यमंत्री ने किया. उन्होंने कहा कि इसकी ब्रांडिंग करने के लिए विशेषकर ऐसे परिवारों को चुनें, जहां आय के साधन नहीं हैं. मुख्यमंत्री ने उपस्थित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे आसपास के क्षेत्रों से इच्छुक महिलाओं को लाकर यहां कार्यरत महिलाओं और सेनिटरी नैपकिन निर्माण की प्रक्रिया से अवगत करायें.
झारखंड : प्रत्येक वर्ष 21 करोड़ रुपये के नैपकिन की खरीदारी, पर नियमित वितरण नहीं
II दीपक II
रांची : झारखंड में बच्चियों को नि:शुल्क सैनिटरी नैपकिन वितरित करने के लिए सरकार की तरफ से प्रत्येक वर्ष 21 करोड़ रुपये की खरीदारी की जाती है. 2017-18 में गवर्नमेंट इलेक्ट्रॉनिक मार्केट (जेम) से यह खरीदारी की गयी है. स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग की तरफ से यह नैपकिन खरीदा जाता है.
खरीदे गये नैपकिन को प्रखंड स्वास्थ्य चिकित्सा केंद्रों (पीएचसी) से वितरित करने का सरकार का निर्देश है. राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) की मानें, तो सरकारी विद्यालयों में पीएचसी की तरफ से चार-पांच महीने पहले नैपकिन दिया गया था. इसके बाद से नैपकिन का वितरण नहीं किया गया है. नैपकिन दिये जाने की रिपोर्टिंग का कोई फॉरमेट भी सरकार के स्तर पर विकसित नहीं किया गया है.
कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों में स्कूल के फंड से ही बाजार से सैनिटरी नैपकिन की खरीद की जाती है. स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग से बांटे जानेवाले नैपकिन की गुणवत्ता सही नहीं रहती है और उसे अधिकांश बालिकाएं उपयोग नहीं करना चाहती हैं. यहां यह बताते चलें कि उत्तरप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में सरकारी विद्यालयों की बच्चियों के लिए सेनेटरी नैपकिन नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाना है.
कहीं नहीं है सेनेटरी नैपकीन वेंडिंग मशीन : राज्य भर में सेनेटरी नैपकीन की वेंडिंग मशीन कहीं भी नहीं है.सरकारी, निजी विद्यालय, महाविद्यालय, सार्वजनिक स्थानों, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और अन्य जगहों पर यह सुविधाएं अब तक नहीं दी गयी हैं. स्वच्छ भारत अभियान के तहत केंद्रीय स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की ओर से स्कूलों और कॉलेजों, संस्थानों में वेंडिंग मशीन और इसे जलाने के लिए इंसीनरेटर लगाने का निर्देश भी दिया गया है. इसकी जानकारी किसी भी अधिकारी को नहीं है.
छत्तीसगढ़ सरकार ने लागू की है सूचिता योजना : छत्तीसगढ़ में सूचिता योजना के तहत नैपकिन वेंडिंग मशीन स्कूलों में लगायी जा रही है. पहले चरण में दो हजार सरकारी विद्यालयों में सूचिता योजना के तहत बालिकाओं के स्कूलों में स्वचालित वेंडिंग मशीन लगायी गयी है.
सरकार की तरफ से एक बालिका को उसके शिक्षण काल तक 72 हजार सेनेटरी नैपकिन मुफ्त दिये जाने का प्रावधान किया गया है. इतना ही नहीं उपयोग में लाये गये नैपकिन को डिस्ट्राय करने के लिए इको फ्रेंडली इंसीनरेटर भी लगाये जा रहे हैं.
झारखंड शिक्षा परियोजना के पास इसके लिए फंड नहीं : झारखंड शिक्षा परियोजना अथवा कल्याण विभाग की तरफ से संचालित स्कूलों के लिए वेंडिंग मशीन और इंसीनरेटर खरीदने की कोई योजना भी नहीं है. परियोजना की तरफ से सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय व बालिकाओं के हाइस्कूल की गतिविधियाें पर नजर रखी जाती है.
आज भी होता है कपड़े का अधिक उपयोग
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से अक्तूबर 2017 में कराये गये सर्वेक्षण में यह पाया गया कि देश भर में 62 प्रतिशत महिलाएं, युवतियां आज भी माहवारी के दौरान कपड़े और अन्य पारंपरिक वस्तुओं का उपयोग करती हैं, जो स्वास्थ्यवर्द्धक नहीं है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का सर्वेक्षण रांची समेत बेंगलुरु, श्रीनगर, सूरत, दिल्ली, मुंबई, तिरुवनंतपुरम समेत 35 शहरों में आयोजित किया गया था. इसमें यह खुलासा हुआ कि आज भी 43 प्रतिशत महिलाओं और युवतियों के पास सैनिटरी नैपकीन खरीदने का कोई बजट नहीं है. 36 प्रतिशत महिलाएं इसे दुकानों और अन्य जगहों से खरीदने में संकोच करती हैं, जबकि अन्य आज भी पारंपरिक और प्रचलित उपायों पर ही अधिक भरोसा करती हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें