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रांची : जेब खर्च नहीं मिलने पर युवकों ने लूटपाट के लिए बनाया गिरोह
शहर में लोगों से मोबाइल छीननेवाले गिरोह के सदस्य गिरफ्तार गिरोह के सरगना राेहित सिंह की मोबाइल दुकान संचालक से थी जान-पहचान दुकान का संचालक सहित चार आरोपी गिरफ्तार रांची : लालपुर पुलिस की टीम ने राजधानी के विभिन्न थाना क्षेत्रों से युवती सहित अन्य लोगों से मोबाइल लूटपाट करनेवाले गिरोह के सरगना रोहित कुमार […]
शहर में लोगों से मोबाइल छीननेवाले गिरोह के सदस्य गिरफ्तार
गिरोह के सरगना राेहित सिंह की मोबाइल दुकान संचालक से थी जान-पहचान
दुकान का संचालक सहित चार आरोपी गिरफ्तार
रांची : लालपुर पुलिस की टीम ने राजधानी के विभिन्न थाना क्षेत्रों से युवती सहित अन्य लोगों से मोबाइल लूटपाट करनेवाले गिरोह के सरगना रोहित कुमार सिंह उर्फ गजनी और उसके दो सहयोगी गाेलू सिंह और रोशन कुमार को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने रोहित की निशानदेही पर सुखदेवनगर थाना क्षेत्र निवासी मोबाइल दुकान के संचालक कुणाल विश्वकर्मा को भी गिरफ्तार किया है.
उसकी दुकान से लूटपाट करनेवाले गिरोह द्वारा बेचे गये सात मोबाइल बरामद किये गये. आरोपियों की निशानदेही पर सात अन्य मोबाइल विभिन्न लोगों के पास से बरामद किये गये. इसके अलावा आरोपियों के पास से घटना को अंजाम देने में प्रयुक्त बाइक, चाकू, कटार सहित अन्य सामान बरामद किये गये हैं. यह जानकारी बुधवार को लालपुर थाना में आयोजित प्रेस वार्ता में सिटी डीएसपी राजकुमार मेहता ने दी.
सिटी डीएसपी ने बताया कि लालपुर थाना प्रभारी रमोद कुमार सिंह के नेतृत्व में गठित टीम ने मंगलवार को पेंटालून के पास बाइक सवार तीन लोगों को संदेह के आधार पर रोकने की कोशिश की. इस पर वे भागने लगे. भागने के दौरान पुलिस की टीम ने लालपुर चौक से पास के तीनों युवकों को पकड़ लिया. जांच के क्रम में पुलिस को पता चला कि बाइक सवार रोहित मूल रूप से पटना का रहनेवाला है और वर्तमान में सुखदेवनगर थाना में रहता है.
वहीं दूसरी ओर गोलू गाड़ीखाना और रौशन शिवगंज हरमू रोड का रहनेवाला है. रोहित बाइक की कागजात भी दिखा नहीं पाया. उसके पास से बरामद एक बैग से चार नंबर प्लेट और एक मोबाइल बरामद किया गया. सख्ती से पूछताछ करने पर तीनों ने बताया कि वे घूम- घूम कर मोबाइल की छिनतई करते हैं. पुलिस के अनुसार पूछताछ में आरोपियों ने लालपुर थाना क्षेत्र से चार मोबाइल लूटपाट की घटना में संलिप्तता स्वीकार की है. पुलिस अब आरापियों द्वारा लूटे गये मोबाइल के आइएमइआइ नंबर के आधार पर उसके मालिक का पता लगाने का प्रयास रही है.
मारपीट के केस में जेल जा चुका है
रोहित कुमार सिंह उर्फ गजनी ने बताया कि वह पूर्व में मारपीट के केस में जेल जा चुका है. वह एक बार अपने परिजनों ने जेब खर्च के रुपये मांगे थे. लेकिन उसके परिजनों ने रुपये देने से इनकार कर दिया. इसके बाद वह मोबाइल लूटपाट के पेशे में उतर आया मोबाइल.
उसने लूटपाट में सहयोग करने के लिए गोलू और रौशन को शामिल किया. पुलिस ने गाेलू और रौशन से यह पूछा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि वे गर्लफ्रेंड के लूटपाट करते थे. इस दोनों ने बताया कि रोहित के साथ रहने से मौज- मस्ती के लिए रुपये मिल जाते थे. इस वजह से वे रोहित को सहयोग करने लगे. उनकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.
कम पैसे में छात्रों को लूट का फोन बेचता था दुकानदार
रोहित ने बताया कि उसका संपर्क पहले से ही मोबाइल दुकान संचालक कुणाल विश्वकर्मा से रहा है.इसलिए वह लूटपाट की घटना के बाद कुणाल विश्वकर्मा के पास जाता था और 2500 से 3000 रुपये में मोबाइल बेच देता था. कुणाल विश्वकर्मा ने बताया कि वह पढ़ने-लिखने वाले छात्रों को 500 से 1000 रुपये के फायदे में मोबाइल बेच देता था. वह आश्वासन देता था कि वह बाद में मोबाइल का पेपर उपलब्ध करवा देगा. इधर, पुलिस ने मोबाइल खरीदने वाले चार अन्य युवकों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था. लेकिन चारों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनके द्वारा खरीदे गये मोबाइल लूटपाट के हैं. मामले में किसी की संलिप्तता सामने नहीं आने पर पुलिस ने उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया.
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