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रिम्स में महिला की हुई थोरेसिक सर्जरी
रांची : राज्य के सबस बड़े अस्पताल रिम्स में वैस्कुलर सर्जरी के बाद अब थोरेसिक सर्जरी भी शुरू हो गयी है. यह सर्जरी व कार्डियो थाेरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग के सहयोग से संभव हुआ है. पहली सर्जरी पलामू की रहने वाली शकुंतला देवी की हुई है. महिला की छाती के दायें भाग में ट्यूमर […]
रांची : राज्य के सबस बड़े अस्पताल रिम्स में वैस्कुलर सर्जरी के बाद अब थोरेसिक सर्जरी भी शुरू हो गयी है. यह सर्जरी व कार्डियो थाेरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग के सहयोग से संभव हुआ है. पहली सर्जरी पलामू की रहने वाली शकुंतला देवी की हुई है.
महिला की छाती के दायें भाग में ट्यूमर (शिस्ट) था, जिसे मेडिकल भाषा में हाइडाटेड कहा जाता है. यह दायें फेफड़े के मध्य भाग में पूरी तरह फैल चुका था. सर्जरी विभाग में डॉ विनय प्रताप की यूनिट में देखने के बाद इसको सीटीवीएस विभाग में भेजा गया था. यहां कार्डियेक सर्जन डॉ अंशुल कुमार ने जांच की. जांच के बाद ऑपरेशन करने का निर्णय लिया गया. महिला का ऑपरेशन कर ट्यूमर को निकाल दिया गया है.
एेसे फैलता है यह ट्यूमर
यह ट्यूमर पैरासाइट से होता है, जो सामान्यत: कुत्तों में पाया जाता है. कुत्तों के मल-मूत्र से यह पहले जमीन में और उसके बाद मिट्टी व पेड़-पौधों में चला जाता है. मीट या जमीन की साग-सब्जी से होते हुए यह मनुष्य के शरीर में प्रवेश करता है. इसके बाद लिवर से शुरू हाेते हुए हार्ट के जरिये लंग्स में पहुंच जाता है.
आॅपरेशन में इनका रहा सहयोग : सर्जरी में कार्डियेक सर्जन डॉ अंशुल कुमार व डॉ राकेश चौधरी, सर्जन डॉ विनय प्रताप, पीडियेट्रिक सर्जन डॉ अभिषेक, एनेस्थिसिया के डॉ मुकेश कुमार आदि शामिल थे.
हाइडाटेड शिस्ट महिला की छाती के दायें हिस्से को पूरी तरह प्रभावित कर चुका था. इसे थोरेसिक सर्जरी के माध्यम से निकाला गया. छाती को खोल कर फेफड़े के मध्यम भाग में विकसित इस शिस्ट को हटाया गया. रिम्स में अब वास्कुलर सर्जरी के बाद थोरेसिक सर्जरी भी शुरू हो गयी है.
डॉ अंशुल कुमार, सीटीवीएस सर्जन
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