रांची : पद्यश्री डॉ रामदयाल मुंडा के जीवन पर आधारित डॉक्यूमेंटरी फिल्म नाची से बांची को 15 वां मुंबई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (2018) में जूरी अवार्ड मिला है. फिल्म के निर्देशक बीजू टोप्पो व मेघनाथ ने अवार्ड मिलने पर खुशी जाहिर की है.
70 मिनट के फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह रांची जिले के देउड़ी गांव का एक आदिवासी बालक अपनी बहुमुखी प्रतिभा के बल पर अमेरिका तक पहुंचता है. वहां भी शिक्षा में झारखंड का नाम बुलंद करते हैं. फिर झारखंड से बुलावा आने पर अमेरिका से रांची आ जाते हैं. फिर आदिवासी अधिकारों को लेकर उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ी.
दिल्ली से लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उन्होंने आवाज बुलंद की. उनके जीवन से जुड़े हर पहलू को फिल्म में दिखाया गया है. फिल्मस डिवीजन ने प्रोड्यूस किया है. डॉ रामदयाल मुंडा के पुत्र गुंजल इकिरा मुंडा की नजरों से फिल्म की कहानी कही गयी है. फिल्म में झारखंड की संस्कृति को भी दर्शाया गया है. निर्देशक मेघनाथ अौर बीजू टोप्पो तकरीबन हर उस जगह गये, जहां डॉ रामदयाल मुंडा गये थे. टीम अमेरिका भी गयी अौर वहां शूटिंग की.