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झारखंड : राजद नेता रघुवंश प्रसाद, शिवानंद तिवारी व तेजस्वी यादव को राहत

सीबीआइ कोर्ट की अवमानना नोटिस पर हाइकोर्ट ने लगायी रोक रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में शुक्रवार को सीबीआइ कोर्ट के अवमानना नोटिस को चुनाैती देनेवाली विभिन्न याचिकाअों पर सुनवाई हुई. अदालत ने पक्ष सुनने के बाद सीबीआइ की विशेष अदालत द्वारा जारी नोटिस पर रोक लगा दी. सीबीआइ […]

सीबीआइ कोर्ट की अवमानना नोटिस पर हाइकोर्ट ने लगायी रोक
रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में शुक्रवार को सीबीआइ कोर्ट के अवमानना नोटिस को चुनाैती देनेवाली विभिन्न याचिकाअों पर सुनवाई हुई. अदालत ने पक्ष सुनने के बाद सीबीआइ की विशेष अदालत द्वारा जारी नोटिस पर रोक लगा दी. सीबीआइ को जवाब दाखिल करने काे कहा़ जवाब शपथ पत्र के माध्यम से देने को कहा गया.
मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी. इससे पूर्व प्रार्थियों की अोर से अधिवक्ताअों ने अदालत को बताया कि इसी तरह के समान मामले में पूर्व में सीबीआइ कोर्ट की नोटिस पर रोक लगा दी गयी है. नोटिस जारी करने के पूर्व अदालत ने पूरी प्रक्रिया का पालन भी नहीं किया है. नोटिस को निरस्त करने का आग्रह किया गया. सीबीआइ की अोर से अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी पूर्व केंद्रीय मंत्री व राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह, वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी व बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री व लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव की अोर से अलग-अलग याचिका दायर की गयी है. उन्होंने सीबीआइ अदालत द्वारा जारी नोटिस को निरस्त करने की मांग की है.
चारा घोटाला के आरोपी लालू प्रसाद को दोषी करार देने के बाद राजद व कांग्रेस नेताअों द्वारा दिये गये बयान को सीबीआइ कोर्ट ने अवमानना का मामला बताया था. सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने बयान को गंभीरता से लेते हुए उनके विरुद्ध नोटिस जारी किया था.
इधर, बिहार के पूर्व डीजीपी डीपी ओझा को राहत
रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में शुक्रवार को चारा घोटाला मामले (आरसी-64ए/96) में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत द्वारा आरोपी बनाने को चुनाैती देनेवाली क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने बहस सुनने के बाद सीबीआइ अदालत द्वारा लिये गये संज्ञान आदेश पर रोक लगा दी. सीबीआइ को तीन सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा. इससे डीपी ओझा को राहत मिल गयी. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी बिहार के पूर्व डीजीपी डीपी अोझा ने क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका दायर की है.

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