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चारा घोटाला मामला : हार्ट, किडनी, आंख व दिमाग नहीं दे रहा साथ, उम्र बनी मुसीबत, रहम करें हुजूर : लालू

दलील. लालू और अन्य दोषियों को कम सजा दिलाने के लिए अधिवक्ताओं की अपील कोर्ट से बाहर निकलकर लालू ने पी चाय रांची : आरोपियों को दोषी करार दिये जाने के बाद जब थोड़ी देर के लिए कोर्ट की कार्यवाही रोकी गयी, तो लालू प्रसाद कोर्ट से बाहर निकले. सुरक्षाकर्मियों अौर समर्थकों के घेरे में […]

दलील. लालू और अन्य दोषियों को कम सजा दिलाने के लिए अधिवक्ताओं की अपील
कोर्ट से बाहर निकलकर लालू ने पी चाय
रांची : आरोपियों को दोषी करार दिये जाने के बाद जब थोड़ी देर के लिए कोर्ट की कार्यवाही रोकी गयी, तो लालू प्रसाद कोर्ट से बाहर निकले. सुरक्षाकर्मियों अौर समर्थकों के घेरे में वह कोर्ट परिसर में ही एक छोटी सी चाय की दुकान पर पहुंचे. यहां उन्होंने अशोक की चाय पी. इस दौरान उन्हें देखने अौर फोटो खींचने के लिए मीडियाकर्मियों अौर कोर्ट में आये आम लोगों केबीच होड़ लग गयी. धीरे-धीरे चाय की चुस्कियां लेते हुए पार्टी के नेताअों के साथ बात की. इसके बाद पुन: वे कोर्ट रूम के अंदर चले गये.
रांची : चारा घोटाला से जुड़े चाईबासा कोषागार से फर्जी निकासी मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद सहित अन्य आरोपी सीबीअाइ के न्यायाधीश एसएस प्रसाद की कोर्ट में बुधवार को पेश हुए. इस दौरान मुवक्किल को कम सजा मिले, इसको लेकर अधिवक्ताओं ने कोर्ट के समक्ष साक्ष्य पेश कर कम सजा देने का अनुरोध किया.
लालू के वकील ने न्यायालय को बताया कि इन्हें हार्ट, डायबिटिज, बीपी की बीमारी है. बाइपास सर्जरी भी हुई है. उम्र भी काफी हो गया है. सजल चक्रवर्ती के अधिवक्ता ने कहा कि मेरे मुवक्किल रिम्स में भर्ती हैं. उनकी एंजियोग्राफी हुई है. उन्हें सिर्फ 100 एमएल लिक्विड लेना है. वजन भी 130 से 140 किलो है. डायबिटिज और डिप्रेशन भी है. इसी तरह पूर्व क्षेत्रीय पशुपालन पदाधिकारी केएन झा के संबंध में कोर्ट को बताया गया कि इनकी किडनी फेल कर गयी है. उम्र भी 83 साल हो गयी है. अांख भी सही से काम नहीं करता. सेंस भी ठीक नहीं है. इस तरह कई और अभियुक्तों के पक्ष में अधिवक्ताओं ने दलील दी.
जगन्नाथ मिश्र व बीएन शर्मा नहीं आये थे कोर्ट, गैर जमानतीय वारंट जारी
सजा के दौरान बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे डॉ जगन्नाथ मिश्रा और पूर्व जिला पशुपालन पदाधिकारी बीएन शर्मा उपस्थित नहीं हुए. मिश्रा के वकील ने कोर्ट को बताया कि उनकी पत्नी का देहांत हो गया है. इस वजह से वे कोर्ट में हाजिर नहीं हुए. वहीं बीएन शर्मा के अधिवक्ता ने कोर्ट को कहा कि उन्हें ठंड लग गयी है. डॉक्टर ने उन्हें एक सप्ताह रेस्ट करने को कहा है. इस मामले में दोनों की गिरफ्तारी के लिए न्यायालय ने गैर जमानतीय वारंट जारी किया है. इसकी पुष्टि सीबीआइ के एक अधिकारी ने की है.
दोषी करार देने के साथ ही सुनायी सजा
कोर्ट रूम में जगह कम थी. चारा घोटाले के आरोपी लालू सहित 54 लाेग वहां खड़े थे. इनके अलावा अधिवक्ता, मीडियाकर्मियों के अलावा अन्य लोग थे. कोर्ट रूम में जगह नहीं होने के कारण कई आरोपी हाजिरी के दौरान नाम पुकारे जाने पर बरामदे से ही अपनी मौजूदगी के लिए आवाज लगा रहे थे. फिर धीरे-धीरे सभी को कोर्ट रूम मेें प्रवेश कराया गया. आरोपी में जो महिलाएं थी और जो पुरुष आरोपी बीमार थे, उनके बैठने के लिए भी कोर्ट रूम में जगह दी गयी थी. जज साहब एक बार आसन पर बैठने के बाद सजा सुना कर ही उठे. कई अधिवक्ता अौर आरोपियों को यह उम्मीद ही नहीं थी कि दोषी करार दिये जाने के बाद उन्हें सजा भी कुछ देर बाद ही दे दी जायेगी. लेकिन न्यायाधीश ने सभी आरोपियों का पक्ष सुनने के बाद छह को रिहा करने का आदेश दिया. वहीं 50 दोषियों को हिरासत में लेने का निर्देश दिया. इसके एक-डेढ़ घंटे बाद ही सभी दोषियों को सजा भी सुना दी गयी.
शीर्ष पद पर बैठे लोगों के लिए सबक : प्रतुल शाहदेव
कोर्ट परिसर में मौजूद भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि शीर्ष पद पर बैठे लोगों के लिए यह फैसला एक सबक है. उन्होंने कहा कि जब घोटाला हुआ, तो उसमें तत्कालीन दक्षिण बिहार के जिलों से बहुत ज्यादा अवैध राशि की निकासी की गयी थी. इस क्षेत्र के लोगों को उसका नुकसान हुआ.
लालू के खिलाफ साजिश : इंतेखाब आलम
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के इंतेखाब आलम ने कहा कि लालू प्रसाद के खिलाफ साजिश की गयी. वे गठबंधन के बड़े नेता हैं. उनसे शिष्टाचार मुलाकात के लिए आये हैं. मुझे विश्वास है कि आगे जाकर हमलोग जीतेंगे.
लालू विचारधारा हैं : रामचंद्र पूर्वे
राजद के बिहार के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कोर्ट परिसर में कहा कि लालू प्रसाद एक व्यक्ति नहीं, विचारधारा है. उन्हें सजा होने से ऐसा नहीं समझना चाहिए कि राजद साफ हो जायेगा. राजद का हर कार्यकर्ता लालू है. उन्होंने कहा कि जो गरीबों के लिए काम करता है, उसे भगवान का आशीर्वाद मिलता है. लालू प्रसाद को भगवान का आशीर्वाद है. तेजस्वी के नेतृत्व में राजद आगे बढ़ेगा.
अन्नापूर्णा देवी सहित अन्य नेता भी कोर्ट पहुंचे
कोर्ट परिसर में राजद नेत्री अन्नपूर्णा देवी, डॉ मनोज कुमार सहित अन्य नेता अौर कार्यकर्ता भी पहुंचे थे. कोर्ट द्वारा लालू समेत अन्य को सजा सुनाये जाने के बाद सभी चिंतित दिखाई दे रहे थे.
होटल हयात रेजेंसी में देखा था सजल चक्रवर्ती को : चांडक
रांची : दीपेश चांडक ने बयान में होटल हयात रेजेंसी में आइएएस सजल चक्रवर्ती के देखने की बात कही है. कहा है कि डॉ श्याम बिहारी सिन्हा को किडनी ट्रांसप्लांट कराने के लिए ऑस्ट्रेलिया जाना था. उनके ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले भारी संख्या में पशुपालन विभाग के अधिकारी और सप्लायर कोलकाता पहुंचे थे ओर होटल ताज बंगाल में ठहरे थे. होटल ताज बंगाल में आरके राणा के नाम से होटल बुक किया गया था. इसका भुगतान चांडक ने किया था. दीपेश चांडक ने अपने बयान के पारा 46 में कहा है कि उसने सजल चक्रवर्ती को होटल हयात रेजेंसी के कमरे में देखा था.
लालू सहित कई के लिए खरीदे गये थे हवाई टिकट
अभियोजन पक्ष की गवाह जयंती झा ने अपने बयान में कहा है कि लालू प्रसाद, मुकुल प्रसाद, पीके राय, डॉ आरके राणा, हेमा, चंद, रोहिणी, राजलक्ष्मी, तेजप्रताप, धानु और तरुण के नाम पर हवाई जहाज का टिकट खरीदा गया था.
श्याम बिहारी सिन्हा थे लालू की बेटियों के अभिभावक
दस्तावेजों की जांच में एजेंसी ने यह भी पाया कि श्याम बिहारी सिन्हा लालू प्रसाद की बेटी रागिनी, रोहिणी और चंदा के रांची में लोकल अभिभावक थे. लालू की बेटियां रांची के बिशप वेेस्टकॉर्ट स्कूल में पढ़ती थीं.
सईद ने नेताअों, अफसरों के टिकट का किया भुगतान
डॉ केएन झा, पूर्व मंत्री विद्या सागर निषाद, आरके राणा, जगदीश शर्मा, कृष्ण मोहन प्रसाद की हवाई यात्रा के लिए खरीदे गये टिकट का भुगतान सप्लायर मो सईद के प्रतिष्ठान के माध्यम से किया गया था.
घटना के समय थे नहीं, तो चाेरी कैसे कर लिये : भगत
ध्रुव भगत ने कोर्ट को बताया कि 1990 से 1995 के बीच वे विधायक नहीं थे. न ही चारा घोटाला में उनके परिवार के किसी का कोई लेना-देना है. वे खुद भी वकील हैं. जब हम घटना के समय किसी पद पर थे ही नहीं, तो फिर चोरी कैसे कर ली.
सीवीसी की अनुशंसा पर भी जांच नहीं करायी गयी थी
रांची : चारा घोटाले के सिलसिले में वर्ष 1993 में ही बिहार विधानसभा और विधान परिषद में सवाल उठाये गये थे, पर तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने सुशील मोदी के सवालों का जवाब ही नहीं दिया. साथ ही विधान परिषद में उठाये गये सवालों का सही जवाब नहीं दिया.सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (सीवीसी)ने भी 1993 में ही सांसद राम शरण यादव द्वारा की गयी शिकायत के आधार पर पशुपालन विभाग में हो रही गड़बड़ी की जांच की अनुशंसा की थी. पर जांच नहीं हुई.
चारा घोटाले की जांच के दौरान पाया गया कि सुशील मोदी ने वर्ष 1993 में चारा घोटाले से संबंधित सवाल उठाया था. उन्होंने पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा 1200 करोड़ रुपये की निकासी का आरोप लगाया था. इस सवाल के जवाब में लालू प्रसाद ने आठ जुलाई 1993 को सदन में यह आश्वासन दिया कि सरकार पशुपालन विभाग द्वारा की गयी निकासी और उसके खर्च का ब्योरा देगी. हालांकि उन्होंने कभी इससे संबंधित ब्योरा सदन में नहीं दिया.
जांच में पाया गया कि विधान परिषद सदस्य नीलांबर चौधरी ने परिषद के 122 में सत्र में एक सवाल उठाया था. इसमें उन्होंने पशुपालन विभाग द्वारा की गयी अधिक निकासी और राज्य की आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए पशुपालन विभाग द्वारा की जानेवाली निकासी पर पाबंदी लगाने की मांग की थी. इस सवाल केजवाब में सरकार की ओर से यह कहा गया कि पशुपालन विभाग द्वारा की गयी अधिक निकासी में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं है.
विधान परिषद सदस्य शत्रुघन सिंह ने भी पशुपालन विभाग द्वारा अधिक दाम पर पशुओं के
लिए दवाइयों की खरीद का मामला उठाया था. साथ ही इस मामले में केंद्रीय परचेज कमेटी की भूमिका पर सवाल उठाया था. पर इसके जवाब में भी यह कहा गया कि सेंट्रल परचेज कमेटी ने रेट निर्धारित करने में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं की है. विधानसभा और विधान परिषद के अलावा सीवीसी ने भी वर्ष 1993 में ही पशुपालन विभाग में जारी गड़बड़ी की जांच की अनुशंसा की थी. सीवीसी ने अनुशंसा के साथ सांसद राम शरण यादव का शिकायती पत्र भी भेजा था. इसमें यह आरोप लगाया गया था कि रांची में पशुपालन विभाग के आपूर्तिकर्ताओं के ठिकानों पर आयकर विभाग द्वारा की गयी छापेमारी में भारी रकम पकड़ी गयी है.
साथ ही स्कूटरों और मोटरसाइकिलों पर चारा और पशुओं को ढोये जाने का मामले प्रकाश में आया है. सीवीसी की अनुशंसा पर कार्रवाई करते हुए पशुपालन विभाग के तत्कालीन अपर सचिव इंदु भूषण पाठक ने जांच का प्रस्ताव तैयार कर आगे बढ़ाया. पशुपालन राज्य मंत्री भोला राम तूफानी ने इसे कैबिनेट मंत्री चंद्र देव प्रसाद वर्मा के पास भेज दिया. लेकिन इन लोगों ने जांच के प्रस्ताव पर सहमति नहीं दी.
पहली बार चारा घोटाला में दोषियों की मौजूदगी में दी गयी सजा
रांची : चर्चित चारा घोटाला से जुड़े आरसी 68ए/96 मामले में पहली बार दोषियों की मौजूदगी में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसएस प्रसाद ने बुधवार को सजा सुनायी. इससे पहले आरसी 20ए/96 में 30 सितंबर 2013 को और आरसी 64ए/96 में छह जनवरी 2018 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये लालू प्रसाद सहित अन्य दोषियों को कोर्ट ने सजा सुनायी थी.

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