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जेंडर बजट में 6.6 प्रतिशत की वृद्धि, जमशेदपुर महिला कॉलेज को विश्वविद्यालय बनाया जायेगा

रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज वित्तीय वर्ष 2018-19 का बजट पेश किया. पिछले साल की तरह ही इस बार भी बजट में ‘जेंडर बजट’ का प्रावधान किया गया है. अपने बजट भाषण में ही मुख्यमंत्री ने बताया कि इस वर्ष इस मद में 6.6 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है. उन्होंने […]


रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज वित्तीय वर्ष 2018-19 का बजट पेश किया. पिछले साल की तरह ही इस बार भी बजट में ‘जेंडर बजट’ का प्रावधान किया गया है. अपने बजट भाषण में ही मुख्यमंत्री ने बताया कि इस वर्ष इस मद में 6.6 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है. उन्होंने कहा कि झारखंड की महिलाएं बहुत मेहनती हैं और उन्हें सशक्त करना हमारा लक्ष्य है. गौरतलब है कि पिछले साल जेंडर बजट में कुल 5908.99 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था. इस बजट का उद्देश्य महिलाओं का उत्थान और सशक्तीकरण है. वर्ष 2018-19 के जेंडर बजट का लक्ष्य भी महिलाओं का उत्थान और सशक्तीकरण है, जानें इसकी खास बातें:-

1. 2022 तक महिलाओं का विकास बेहद जरूरी है. उद्यमी सखी मंडल के जरिये हर बीपीएल परिवार तक रोजगार, स्वरोजगार पहुंचाने के लिए सरकार प्रयासरत.
2. अवैध पलायन से मुक्त करायी गयी बालिकाओं हेतु दो आवासीय विद्यालय की समुचित व्यवस्था की जायेगी.
3. राज्य में स्थापित किये गये दो बीएड कॉलेज-हाट गम्हारिया एवं रेहला को वित्तीय वर्ष 2018-19 में कार्यशील बनाया जायेगा.
4. महिलाओं को पचास लाख रुपये के विक्रय पत्र के निबंधन पर मुद्रांक एवं निबंधन शुल्क से पूर्ण छूट दी गयी है तथा मात्र एक रुपया की टोकन राशि लेकर रजिस्ट्री की योजना इस साल भी जारी रहेगी.
5. दहेज रहित विवाह को बढ़ावा देने हेतु सामूहिक विवाह कार्यक्रमों के आयोजकों को 1,000 रुपये प्रति विवाह प्रोत्साहन राशि प्रदान की जायेगी.
6. उच्च शिक्षा में बालिकाओं के आवासन की कठिनाई को देखते हुए महिला महाविद्यालयों के पास महिला छात्रावासों का निर्माण किए जाने का प्रस्ताव है.
7. सामूहिक सहभागिता के माध्यम से महिला सशक्तिकरण हेतु संचालित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य के 20 चिन्हित जिलों में महिला शक्ति केंद्रों की स्थापना की जायेगी.
8. उच्च शिक्षा में बालिकाओं की हाउसिंग की समस्या को ध्यान में रखते हुए महिला महाविद्यालयों के पास चरणबद्ध तरीके से 300 शैय्या वाले महिला छात्रावासों का निर्माण कराया जायेगा . सभी कस्तूरबा विद्यालयों में चहारदीवारी का निर्माण कराया जाना भी प्रस्तावित है
9. जमशेदपुर महिला कॉलेज को विश्वविद्यालय के रूप में उत्क्रमित किया जायेगा, ताकि उस क्षेत्र की बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर उच्च शिक्षा का लाभ प्राप्त हो सके.
10. एक लाख सखी मंडलों की संख्या को बढ़ाकर 1.50 लाख करने की योजना है. इन्हीं के माध्यम से महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराते हुए स्वावलंबी बनाये जाने का कार्यक्रम तैयार किया गया है सखी मंडलों के द्वारा पूरक पोषाहार, सैनिटरी नैपकिन और स्कूल ड्रेस बनवाई जायेंगी

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