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बैंक अधिकारी के ट्विट का मामला : स्पेशल ब्रांच को 5 माह पहले मिला था जिम्मा, अब तक जांचकर्ता ही नियुक्त नहीं
मंत्री सरयू राय के पत्र के बाद 31 अगस्त 2017 को ही स्पेशल ब्रांच को सौंपा गया था मामला रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने विधानसभा में घोषणा की है कि इंडसइंड बैंक के अधिकारी की ओर से किये गये ट्विट की जांच स्पेशल ब्रांच से करायी जायेगी. पर स्पेशल ब्रांच ने मामले की जांच […]
मंत्री सरयू राय के पत्र के बाद 31 अगस्त 2017 को ही स्पेशल ब्रांच को सौंपा गया था मामला
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने विधानसभा में घोषणा की है कि इंडसइंड बैंक के अधिकारी की ओर से किये गये ट्विट की जांच स्पेशल ब्रांच से करायी जायेगी. पर स्पेशल ब्रांच ने मामले की जांच का जिम्मा मिलने के पांच माह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की है. मंत्री सरयू राय के जांच कराने संबंधी अनुरोध पत्र मिलने के बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर 31 अगस्त 2017 को स्पेशल ब्रांच को जांच का जिम्मा सौंपा गया था.
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार ने स्पेशल ब्रांच के अपर पुलिस महानिदेशक को पत्र लिख कर निश्चित समय सीमा के अंदर जांच कराने का आदेश दिया था. पर अब तक स्पेशल ब्रांच ने मामले की जांच ही शुरू नहीं की है. पांच माह बीत जाने के बाद भी स्पेशल ब्रांच ने जांचकर्ता को ही नियुक्त नहीं किया है. स्पेशल ब्रांच के एडीजी अनुराग गुप्ता इस बारे में पूछने पर कुछ भी कहने से इंकार करते हैं. उन्होंने कहा : मैं इस बारे में कोई बात नहीं कर सकता.
क्या है मामला
इंडसइंड बैंक के अधिकारी अद्वैत हेबर ने ट्विट किया था कि मुख्य सचिव ने अपने बेटे की कंपनी में निवेश के लिए कहा है, तभी वह हमारा पैसा रिलीज करेंगी़ इस ट्विट के बाद मंत्री सरयू राय ने सीएम को पत्र लिख कर मामले की जांच कराने का आग्रह किया था़ मंत्री का कहना था कि यह गंभीर मामला है, इसकी जांच होनी चाहिए. इसके बाद सरकार ने स्पेशल ब्रांच को जांच का जिम्मा दिया था.
विपक्ष बेवजह कर रहा हंगामा
14 वर्षों के बाद राज्य में प्रशासनिक संस्कृति दिख रही है. मुख्यमंत्री ने तो सदन में कह दिया है कि गलत करनेवाले अधिकारी पर कार्रवाई होगी. सरकार के संज्ञान में जो भी मामले आ रहे हैं, उस पर कार्रवाई हो रही है. इसी दिशा में सरकार ने स्पेशल ब्रांच को जांच के आदेश दिये हैं. मुख्यमंत्री ने यहां तक कहा है कि वह खुद भी गलत करेंगे, दोषी पाये गये, तो कार्रवाई होगी. इसके बाद कहां संशय है. विपक्ष बेवजह हंगामा कर रहा है. थोड़ा वक्त लगेगा दूध का दूध, पानी का पानी हो जायेगा. – राधाकृष्ण किशोर, सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक
भ्रष्ट अधिकािरयों को बचा रही सरकार
सरकार की मंशा साफ है. सरकार राज्य में भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रही है. भ्रष्ट और दागी अधिकारियों को बचाने का काम हो रहा है. सरकार के मंत्री ने बैंक अधिकारी के ट्विट पर सवाल उठाया. उसकी भी लीपापोती हो गयी. स्पेशल ब्रांच से जांच की बात केवल आइवास है.
मुख्य सचिव के गलत काम को सरकार का संरक्षण है. एक कनीय अधिकारी सीएस की क्या जांच करेगा. इस जांच से कुछ हासिल होनेवाला नहीं है़ सरकार को यह भी बताना चाहिए कि अब तक जांच की क्या स्थिति है. सरकार को विधानसभा में जवाब देना होगा़ – प्रदीप यादव, झाविमो विधायक दल के नेता
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