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पहले समाप्त कर दी मान्यता, फिर दाे कॉलेज के छात्रों को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति

झारखंड एकेडमिक काउंसिल l कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने पहले तो कॉलेजों की मान्यता समाप्त की, उसके बाद फिर से उनमें से दाे कॉलेजों के विद्यार्थियाें को परीक्षा में शामिल करने की अनुमति दे दी. दाे ही कॉलेजाें के विद्यार्थियाें काे अनुमति देने के फैसले पर सवाल उठाये जा […]

झारखंड एकेडमिक काउंसिल l कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल

रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने पहले तो कॉलेजों की मान्यता समाप्त की, उसके बाद फिर से उनमें से दाे कॉलेजों के विद्यार्थियाें को परीक्षा में शामिल करने की अनुमति दे दी. दाे ही कॉलेजाें के विद्यार्थियाें काे अनुमति देने के फैसले पर सवाल उठाये जा रहे हैं. खबर है कि इनमें से एक कॉलेज के सचिव भाजपा नेता आैर पूर्व सांसद अभयकांत प्रसाद हैं.
स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के आदेश पर राज्य के सभी इंटर कॉलेजों की उपायुक्त द्वारा जांच की गयी थी. विभाग ने सभी जांच रिपोर्ट जैक को भेज कर इस पर कार्रवाई करने को कहा था. जैक ने उपायुक्त की जांच रिपोर्ट के आधार पर गत वर्ष जून में 73 इंटर कॉलेजों की मान्यता समाप्त कर दी.
पहले समाप्त कर…
जिन कॉलेजों की मान्यता समाप्त की गयी, उनमें से 14 कॉलेजों में वर्ष 2016-18 के लिए विद्यार्थी नामांकित थे. जैक ने मान्यता समाप्त किये गये कॉलेजों का नाम भी जारी किया. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग को भी इसकी जानकारी दी.
बिना सार्वजनिक सूचना के कागजात मंगाये : मान्यता समाप्त करने के लिए समाचार पत्रों में जो नोटिस जारी किया गया, उनमें कॉलेजों से सत्र 2017-19 के लिए नामांकन नहीं लेने को कहा गया, पर वर्ष 2016-18 के लिए नामांकित बच्चे परीक्षा में कैसे शामिल होंगे, इसके बारे में कुछ नहीं कहा गया. मान्यता समाप्त होने के बाद कुछ कॉलेजों ने अपने स्तर से जैक से नामांकित विद्यार्थियों को वर्ष 2018 की परीक्षा में शामिल होने देने की अनुमति देने का आग्रह किया.
इसके बाद बिना कोई सूचना जारी किये हुए जैक ने उन कॉलेजों से कागजात जमा करने को कहा, जिन्होंने वर्ष 2018 में विद्यार्थियाें को परीक्षा में शामिल होने देने का आग्रह किया था. जैक कार्यालय में परीक्षा नियंत्रक व संयुक्त सचिव ने कागजात की जांच की. जांच कर दो कॉलेजों के विद्यार्थियाें को परीक्षा में शामिल करने की अनुमति दे दी गयी. शेष कॉलेज के नामांकन को जैक ने फर्जी करार दिया.
भाजपा के पूर्व सांसद हैं सचिव : जिन कॉलेजों को मान्यता समाप्त किये जाने के नोटिस के बाद परीक्षार्थियों को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी गयी, उनमें बाबा बासुकीनाथ इंटर कॉलेज जरमुंडी दुमका व माता सुशीला देवी इंटर कॉलेज शाहपुर, पलामू शामिल हैं. बाबा बासुकीनाथ इंटर कॉलेज जरमुंडी के शासी निकाय के सचिव भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद अभयकांत प्रसाद हैं. उन्हाेंने अपने कार्यकाल में इस कॉलेज काे लाखाें रुपये अनुदान भी दिया था.
इन कॉलेजों को जारी किया गया था नोटिस : जैक ने मान्यता समाप्त करने से पहले 14 इंटर कॉलेजों से स्पष्टीकरण पूछा था. जिन कॉलेजों काे नोटिस जारी किया गया था, उनमें से दो कॉलेज को छोड़ कर सभी कॉलेजों की मान्यता समाप्त करने की विज्ञप्ति जैक ने समाचार पत्रों के माध्यम से जारी की.
इनकी समाप्त हुई थी मान्यता
कर्पूरी ठाकुर इंटर कॉलेज, रांची
ईमामुल हिंद इंटर कॉलेज, मांडर
देवनंदन सिंह इंटर कॉलेज, उमेडंडा
लॉरेंस इंटर कॉलेज, रातू
छोटानागपुर इंटर कॉलेज, बूटी
माता सुशीला देवी इंटर कॉलेज, शाहपुर पलामू
बेचु राउत स्मारक इंटर कॉलेज, हंसडीहा दुमका
बाबा बासुकीनाथ पार्वती इंटर कॉलेज, जरमुंडी
सरदार बल्लभ भाई पटेल कॉलेज, हजारीबाग
मां छिन्नमस्तिका इंटर कॉलेज गोला, रामगढ़
शहीद शेख भिखरी इंटर कॉलेज, करमाटांड
इस्पात इंटर कॉलेज कनारी, बोकारो
(स्रोत : जैक द्वारा वेबसाइट पर काॅलेजों की मान्यता समाप्त करने को लेकर दी गयी विज्ञप्ति )
क्या कहते कॉलेजाें के प्राचार्य
कॉलेज की मान्यता बीच सत्र में समाप्त करने की जानकारी दी गयी. कॉलेज की ओर से वर्ष 2018 की परीक्षा में विद्यार्थियों को शामिल होने देने की अनुमति देने का आग्रह किया गया था. जैक की ओर से कहा गया कि उनकी मान्यता समाप्त हो गयी है. हालांकि मान्यता समाप्त किये गये कुछ कॉलेज के परीक्षार्थी को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी गयी.
रतन सिंह, प्राचार्य, देवनंदन सिंह इंटर कॉलेज उमेडंडा
कॉलेज को नोटिस जारी किया गया. नामांकन से संबंधित पूरी जानकारी मांगी गयी. कॉलेज द्वारा सभी कागजात जैक को उपलब्ध कराये गये. जैक ने आज तक कुछ कागजात लौटाये भी नहीं. जैक में बैठे-बैठे कुछ पदाधिकारियों ने मनमाने ढंग से किसी कॉलेज के विद्यार्थी को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दे दी, तो किसी को रिजेक्ट कर दिया. इसकी जांच होनी चाहिए.
इंतखाब आलम, प्राचार्य लॉरेंस इंटर कॉलेज रातू
मान्यता समाप्त करने के बाद बिना नोटिस िदये जैक ने कॉलेजों से लिये कागजात
जैक कार्यालय में दो पदाधिकारियों ने जांचे कागजात, दो को दी अनुमति, बाकी को बताया फर्जी
बाबा बासुकीनाथ पार्वती इंटर कॉलेज जरमुंडी व माता सुशीला देवी इंटर कॉलेज शाहपुर पलामू को मिली अनुमति
जैक ने जून 2017 में उपायुक्त की जांच रिपोर्ट पर समाप्त की थी 73 कॉलेजों की मान्यता
स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग को दी थी मान्यता समाप्त करने की जानकारी
सूचना सार्वजनिक क्यों नहीं की
जैक ने अगर मान्यता समाप्त किये गये कॉलेजों में से दाे के विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी, तो इसके लिए सूचना सार्वजनिक क्यों नहीं की गयी? जब मान्यता समाप्त करने के लिए नोटिस समाचार पत्रों व वेबसाइट के माध्यम से जारी किया गया, तो फिर वैसे कॉलेज के विद्यार्थी को परीक्षा में शामिल करने के लिए भी सूचना प्रकाशित क्यों नहीं की गयी? कॉलेजों को अनुमति देने या रिजेक्ट करने का आधार क्या था? क्या इसके लिए मान्यता समिति, परीक्षा समिति व जैक बोर्ड से स्वीकृति ली गयी थी?
मेरेे कॉलेज में सत्र 2017-19 में नामांकन लेने पर रोक लगायी गयी है. जारी नोटिस में कहा गया था कि कॉलेज की ओर से प्रस्वीकृति के लिए कोई रुचि नहीं दिखायी गयी, जबकि कॉलेज ने जैक में आवेदन दिया था. फिर भी मान्यता खत्म करने का नोटिस कैसे जारी किया गया, वे नहीं जानते. कॉलेज ने फिर से मान्यता के लिए आवेदन दिया है. -विनोद कुमार
प्राचार्य, बाबा बासुकीनाथ इंटर कॉलेज जरमुंडी
मान्यता समाप्त किये जाने के बाद कुछ कॉलेजों की ओर से वर्ष 2016-18 के लिए नामांकित विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल करने की अनुमति मांगी गयी थी. जैक ने उनके कागजात की जांच की, जिसके कागजात सही पाये गये, उनके बच्चों को परीक्षा में शामिल करने की अनुमति दी गयी. जैक ने अपने स्तर से इस संबंध में किसी कॉलेज से आवेदन नहीं मांगा था. -रजनीकांत वर्मा, सचिव जैक

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