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झारखंड : ….अब पब्लिक प्लेस में शराब पीया तो भरना पड़ेगा 10 हजार तक दंड, 3 माह तक जेल भी
झारखंड उत्पाद अधिनियम 2015 में संशोधन, मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी प्रणव रांची : झारखंड में शराब के अवैध कारोबार करने और सार्वजनिक स्थलों (पब्लिक प्लेस) पर शराब पीने या पीकर हंगामा करनेवालों पर अब और सख्ती होगी. पब्लिक प्लेस पर शराब पीते पकड़े जाने पर एक हजार से 10 हजार रुपये तक जुर्माना और एक […]
झारखंड उत्पाद अधिनियम 2015 में संशोधन, मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी
प्रणव
रांची : झारखंड में शराब के अवैध कारोबार करने और सार्वजनिक स्थलों (पब्लिक प्लेस) पर शराब पीने या पीकर हंगामा करनेवालों पर अब और सख्ती होगी. पब्लिक प्लेस पर शराब पीते पकड़े जाने पर एक हजार से 10 हजार रुपये तक जुर्माना और एक से तीन माह तक की सजा हो सकती है.
अगर अवैध शराब पीने से किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है, तो अवैध शराब के कारोबारी को 10 साल की सजा या 10 लाख रुपये जुर्माना हो सकता है. मामला गंभीर होने पर सजा और जुर्माना दोनों लगेगा. उत्पाद अधिनियम की धारा-52 इ में यह प्रावधान किया गया है.
इसमें कहा गया है कि मिलावटी शराब पीने से हुई मौत पर मृतक के परिजन को पांच से 10 लाख का मुआवजा अवैध कारोबारी को देना होगा. ऐसा नहीं करने पर उसकी संपत्ति बेच पीड़ित पक्ष को मुआवजा दिया जायेगा.
अगर मिलावटी शराब के कारण कोई व्यक्ति अंधा हो जाता है या कोई अंग बेकार हो जाता है, तो ऐसी स्थिति में कारोबारी को 10 साल की सजा और 10 लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान किया गया है. आंशिक क्षति होने पर ढाई लाख जुर्माना और 10 साल की सजा कारोबारी को हो सकती है.
अगर शराब पी कर पब्लिक प्लेस पर हंगामा करते हैं, तो 10 से 25 हजार रुपये तक जुर्माना और तीन माह तक जेल की सजा होगी. झारखंड उत्पाद अधिनियम 2015 में यह संशोधन किया गया है. इस पर विभागीय मंत्री के तौर पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपनी मंजूरी दे दी है. अब इसे कैबिनेट से मंजूरी के बाद विधानसभा में पेश किया जायेगा. वहां से पास होने पर यह कानून प्रदेश में प्रभावी होगा.
कोर्ट का अंतिम निर्णय आने के बाद ही जब्त चीजें होंगी मुक्त
झारखंड उत्पाद अधिनियम के उल्लंघन के आरोप में यदि वाहन, शराब और अन्य चीजें उत्पाद विभाग जब्त करता है, जिसे कोर्ट का अंतिम निर्णय आने के बाद ही मुक्त किया जा सकता है. अभी तक कोर्ट के अंतिम निर्णय से पूर्व ही चीजें मुक्त हो जाती है.
आरोपियों की जमानत का अभियोजक करेंगे विरोध
अभी तक अवैध शराब के कारोबार में शामिल आरोपी आसानी से जमानत ले लेते हैं. लेकिन नये प्रावधान के तहत अब आराेपियों की जमानत का सरकारी पक्ष के अभियोजक विरोध करेंगे. साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों को सजा दिलाने का प्रयास करेंगे. जमानत के दौरान आरोपी के पूर्व के इतिहास को भी न्यायालय के समक्ष रखेंगे. इसकी समीक्षा भी उच्च स्तर पर होगी.
मिलावटी शराब को किया गया परिभाषित
अधिनियम में संशोधन के बाद मिलावटी शराब को परिभाषित किया गया है. धारा 2(23) के तहत मिथाइल अल्कोहल, वूड नेपथा, क्लोरल हाइड्रेड या किसी प्रकार का अकार्बनिक अथवा कार्बनिक धातु या अधातु पदार्थ मिला हो, जो बीआइएस द्वारा अनुमोदित नहीं है. जहरीला पदार्थ जैसे : पेस्टीसाइडस, फंसीसाइडस, कीटनिरोधक, नारकोटिक्स पदार्थ, अल्कलायड, कृत्रिम अल्कलायड, धतूरा, काली मिर्च, तंबाकू और केरोसिन जैसे पदार्थ जो शराब के गुणों को प्रभावित करता हो, तो उसे मिलावटी शराब माना जायेगा.
सख्ती. अवैध शराब से मौत होने पर कारोबारी को 10 साल की सजा व 10 लाख जुर्माना
मिलावटी शराब से मौत होने पर
मृतक के परिजनों को देना होगा पांच से
10 लाख रुपये, मुआवजा नहीं देने पर कारोबारी की संपत्ति जब्त कर मुआवजे का होगा भुगतान
सार्वजनिक स्थलों पर शराब पीकर हंगामा करने पर
10 से 25 हजार रुपये तक जुर्माना व तीन माह तक जेल की सजा
खुद को साबित करना होगा निर्दोष
उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के अफसर अगर झारखंड उत्पाद अधिनियम की धारा 47 के उल्लंघन के आरोप में किसी व्यक्ति को पकड़ते हैं, तो उस व्यक्ति को खुद ही साबित करना होगा कि वह निर्दोष है. पहले उत्पाद विभाग को दोषी साबित करना पड़ता था.
उत्पाद विभाग के कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार पर सजा
झारखंड उत्पाद अधिनियम में किये गये संशोधन के मुताबिक धारा-61 के तहत छापामारी के दौरान उत्पाद विभाग के कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने पर दो साल की सजा और दो हजार रुपये जुर्माना हो सकता है.
अवैध मदिरालय के संचालन पर
पांच से 25 हजार जुर्माना व एक साल जेल
अवैध रूप से मदिरालय का संचालन करनेवाले के साथ ही जिसकी जमीन या घर में धंधा हो रहा है, उसे भी समान रूप से जिम्मेदार माना जायेगा. दोनों को पांच से 25 हजार रुपये तक जुर्माना और एक साल तक की सजा हो सकती है.
साथ ही कोई व्यक्ति किसी जमीन का मालिक है या उसका उपयोग करता है या उसका प्रबंधन करता है या उस पर उसका नियंत्रण है, यदि उस स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा कोई गंभीर अपराध किया जाता है, जो धारा 47, 49, 52 और धारा 56 का उल्लंघन है, तो उसमें पांच वर्ष तक की सजा हो सकती है. जबकि जुर्माना 10 हजार रुपये से दो लाख रुपये तक हो सकता है.
पक्के मकान सील व कच्चे तोड़े जायेंगे
अगर पक्के मकान में अवैध शराब का कारोबार करते हुए व्यक्ति को पकड़ा गया, तो उत्पाद विभाग की टीम उस मकान को सील कर देगी. साथ ही मकान अगर कच्चा होगा, तो डीसी से अनुमति लेकर उत्पाद विभाग की टीम उसे तोड़ सकती है.
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