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झारखंड : जानें हज सब्सिडी समाप्त पर रांचीवासियों की राय, मांग पूरी हुई, पर रांची से सीधी उड़ान की सुविधा न छीनें
रांची : केंद्र सरकार ने मंगलवार को हज सब्सिडी समाप्त करने की घोषणा की़ हर साल 1,75,000 हज यात्रियों को यह सब्सिडी मिलती थी़ पिछले साल केंद्र सरकार ने इस पर 180 करोड़ रुपये खर्च किये, जो बतौर किराया था. झारखंड से इस साल अब तक 2827 आजमीने हज ने फॉर्म भरा है, कोटा 3311 […]
रांची : केंद्र सरकार ने मंगलवार को हज सब्सिडी समाप्त करने की घोषणा की़ हर साल 1,75,000 हज यात्रियों को यह सब्सिडी मिलती थी़ पिछले साल केंद्र सरकार ने इस पर 180 करोड़ रुपये खर्च किये, जो बतौर किराया था. झारखंड से इस साल अब तक 2827 आजमीने हज ने फॉर्म भरा है, कोटा 3311 का है़ देश भर में लगभग चार लाख लोगों ने हज यात्रा के लिए आवेदन दिया है
हज यात्रियों के नाम पर एयर इंडिया को बचाया जा रहा था : राज्य हज कमेटी के पूर्व सदस्य खुर्शीद हसन रूमी ने निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह पैसा समाज के कमजोर तबकों के उत्थान पर खर्च होना चाहिए़ वैसे भी यह पैसा किराये के रूप में एयर इंडिया जैसी डूबती कंपनी को बचाने के लिए ही इस्तेमाल हो रहा था़ सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में यह रूलिंग दी थी कि 2022 तक सब्सिडी धीरे-धीरे समाप्त की जाये़ सरकार ने हज यात्रा का फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद अचानक यह निर्णय लिया, इसलिए एक झटके की तरह है, पर इसका स्वागत है़
राजधानी के मुसलमानों ने हज सब्सिडी समाप्त करने के केंद्र सरकार के निर्णय का किया स्वागत
ओपन टिकट की व्यवस्था हो, सही किराया लिये जायें : एदारे शरीया, झारखंड के नाजिमे आला, मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने कहा कि मुसलमानों को हब तक सब्सिडी नहीं मिली, सिर्फ इसका लेबल ही मिला़ ओपन टिकट की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि सही किराया लिया जाये़
प्रत्येक हज यात्री पर विभिन्न मदों में 1,20,000 रुपये खर्च होते हैं, जबकि 2017 में 2,42,000 रुपये लिये गये़ सब्सिडी कहां रही? उमरा में सभी खर्च मिला कर हर व्यक्ति के 50 से 60 हजार रुपये ही खर्च होते हैं. जेद्दा के लिए सीधी उड़ान के प्वाइंट 21 से घटा कर नौ करने से परेशानी होगी़
रांची का इंबार्किंग प्वाइंट हटा, तो होगी परेशानी : शहर काजी, कारी जान मोहम्मद ने कहा कि हम पहले से ही इसकी मांग कर रहे थे़ निर्णय से कोई शिकायत नहीं है़ यदि रांची से जेद्दा की सीधी उड़ान की सुविधा रोकी गयी, तो दुख होगा़ हज पर जाने के लिए जो पैसा लगता है, वह ज्यादा है़ साऊदी अरब जाने के लिए एक लाख रुपये का किराया उचित नहीं है़ वहां ठहरने की दुरुस्त व्यवस्था होनी चाहिए, क्योंकि दो व्यक्तियों के कमरे में चार, तो तीन व्यक्तियों के कमरों में पांच लोगों को ठहरा दिया जाता है़ यह व्यवस्था सही होनी चाहिए़
स्वागत है, एक विशेष समुदाय पर आरोप हटेगा : सामाजिक कार्यकर्ता सह ‘वीमेंस फ्रीडम’ की अध्यक्ष कौसर परवीन ने कहा कि वह निर्णय के समर्थन में हैं. एक बड़े तबके की नाराजगी दूर होगी और एक विशेष समुदाय पर सब्सिडी लेने का आरोप भी हटेगा़ वर्ष 2011 तक सब्सिडी मात्र 12,000 रुपये की थी़
आज भी किसी सामान्य उड़ान से जाने पर आने-जाने का खर्च 45 से 50 हजार रुपये ही है़ पर 600 डॉलर प्रति हजयात्री की दर से किराये को लेकर आजमीने हज से 1200 डॉलर लिया जाता था़ सब्सिडी समाप्त होने से एक छलावा समाप्त हो जायेगा.
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