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झारखंड : अनिल शर्मा को रिहा कराने के लिए रांची एसएसपी से मांगी गयी रिपोर्ट

सुनवाई. 20 साल से जेल में है, अभी दुमका केंद्रीय कारा में काट रहा सजा प्रणव रांची : झारखंड के कुख्यात गैंगस्टरों में शुमार रहे अनिल शर्मा को जेल से रिहा करवाने के लिए जेल प्रशासन सक्रिय हो गया है. शर्मा अभी सुधीर कुमार सिंह उर्फ भोमा सिंह की हत्या के मामले में आजीवन कारावास […]

सुनवाई. 20 साल से जेल में है, अभी दुमका केंद्रीय कारा में काट रहा सजा
प्रणव
रांची : झारखंड के कुख्यात गैंगस्टरों में शुमार रहे अनिल शर्मा को जेल से रिहा करवाने के लिए जेल प्रशासन सक्रिय हो गया है. शर्मा अभी सुधीर कुमार सिंह उर्फ भोमा सिंह की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. वह दुमका केंद्रीय कारा में बंद है. इस संबंध में दुमका के जेल अधीक्षक ने रांची एसएसपी को पत्र लिख कर शर्मा के मामले में जांच प्रतिवेदन मांगा है.
अधीक्षक ने पत्र में कहा है कि अनिल शर्मा आजीवन कारावास सजावार बंदीकारा में विचाराधीन और सजावार अवधि 18 वर्ष की सजा पूरी कर चुका है. साथ ही कुल 20 वर्ष की सजा जेल में पूरी कर चुका है. उसके असमय कारा मुक्ति का प्रस्ताव राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद को भेजा जाना है. इसके लिए जेल आइजी को प्रस्ताव भेजना है. इसके लिए एसपी का जांच प्रतिवेदन आवश्यक है. इस मामले में बिहार के बेगूसराय एसपी और रांची के प्रोबेशन पदाधिकारी ने जांच प्रतिवेदन दे दिया है. इस मामले में रांची एसएसपी का जांच प्रतिवेदन अभी तक नहीं मिला है. इस वजह से अनिल के असमय कारा मुक्ति का प्रस्ताव राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद को नहीं भेजा जा सका है. इसलिए प्रस्ताव जल्द भेजा जाये. ताकि प्रस्ताव बनाकर जेल आइजी को भेजा जा सके.
एक अप्रैल 2002 को हुई थी उम्रकैद की सजा
भोमा सिंह की हत्या के मामले में रांची के लोअर बाजार थाने में अनिल शर्मा सहित अन्य के खिलाफ धारा 302/34 और 307/34 के तहत कांड संख्या 12/99 दर्ज किया गया था. इस मामले में एक अप्रैल 2002 को शर्मा, इसके सहयोगी बबलू श्रीवास्तव सहित अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी थी. शर्मा मूल रूप से बिहार के बेगूसराय जिले के रामदीरी का निवासी है. लेकिन उसका वर्तमान पता मेट्रो फर्नीचर, मेन रोड, रांची है. इस मामले में भोमा के चचेरे भाई हरेराम सिंह ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
जेल में उस्तरा से की गयी थी भोमा सिंह की हत्या
90 के दशक में रांची में अनिल शर्मा और सुरेंद्र सिंह रौतेला उर्फ सुरेंद्र बंगाली गिरोह के बीच वर्चस्व को लेकर कई अपराधी मारे गये थे. 21 जनवरी 1999 को रांची के पुरानी जेल गेट के बाहर सुरेंद्र बंगाली के गुर्गों ने अनिल शर्मा के गिरोह के एक शख्स की हत्या की कोशिश की थी.
इससे खफा शर्मा ने अगले दिन 22 जनवरी 1999 को जेल में बंद सुरेंद्र बंगाली के खास शूटर सुधीर उर्फ भोमा की हत्या की योजना बनायी.
इसके बाद जेल में बंद अपने सहयोगी बबलू श्रीवास्तव समेत अन्य अपराधियों ने जेल वार्ड में पहले भोमा की पिटाई की. इसके बाद भोला के गले पर उस्तरा से वार कर उसकी हत्या कर दी. दुमका जेल में अनिल शर्मा के साथ आजीवन कारावास की सजा काट रहा बबलू श्रीवास्तव की कुछ दिनों पहले ही दुमका जेल में बीमारी के कारण मौत हो चुकी है.

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