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70 हजार पारा शिक्षकों को नौ माह में तीन बार मिला मानदेय

रांची : राज्य के 70 हजार पारा शिक्षकों के मानदेय पर संकट है. पारा शिक्षकों काे वित्तीय वर्ष 2017-18 में अब तक मात्र दो माह का ही नियमित वेतन मिला है. वित्तीय वर्ष में नौ माह में तीन बार मानदेय का भुगतान हुआ है. राज्य के अधिकतर जिलों में पारा शिक्षकों को अक्तूबर से मानदेय […]

रांची : राज्य के 70 हजार पारा शिक्षकों के मानदेय पर संकट है. पारा शिक्षकों काे वित्तीय वर्ष 2017-18 में अब तक मात्र दो माह का ही नियमित वेतन मिला है. वित्तीय वर्ष में नौ माह में तीन बार मानदेय का भुगतान हुआ है.
राज्य के अधिकतर जिलों में पारा शिक्षकों को अक्तूबर से मानदेय भुगतान नहीं हुआ है. 70 हजार पारा शिक्षकों के भरोसे 15 हजार स्कूलों का पठन-पाठन चल रहा है. नियमित मानदेय भुगतान नहीं होने से शिक्षक आर्थिक तंगी झेल रहे हैं. वित्तीय वर्ष 2017-18 में अप्रैल से लेकर जुलाई तक पारा शिक्षकों को मानदेय नहीं मिला. चार माह का मानदेय अगस्त में दिया गया. इसके बाद अगस्त व सितंबर का मानदेय नियमित रूप से दिया गया. इसके बाद अक्तूबर से दिसंबर तक का मानदेय नहीं मिला है.
मानदेय के लिए जिलों में पर्याप्त राशि नहीं है. पारा शिक्षकों के मानदेय में 2017 अप्रैल से दस फीसदी की बढ़ोतरी भी हो गयी है. शिक्षकों को अब तक बढ़ा हुआ मानदेय भी नहीं मिला है. केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट में मानदेय बढ़ोतरी को स्वीकृति दी थी. झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यकारिणी परिषद की स्वीकृति मिल गयी है. झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा दस फीसदी मानदेय बढ़ोतरी का पत्र भी जारी कर दिया गया है, इसके बाद भी राशि के अभाव में बढ़े हुए मानदेय का अब तक भुगतान नहीं हुआ है. दो माह बाद वित्तीय वर्ष 2017-18 समाप्त हो जायेगा.
केंद्र सरकार देती है 60 फीसदी राशि
पारा शिक्षकों के मानदेय का भुगतान सर्व शिक्षा अभियान के तहत किया जाता है. मानदेय की 60 फीसदी राशि केंद्र व 40 फीसदी राशि राज्य सरकार देती है. झारखंड शिक्षा परियोजना का कहना है कि समय पर राशि नहीं मिलने के कारण पारा शिक्षकों के मानदेय भुगतान में विलंब होता है. वर्तमान में पारा शिक्षकों को न्यूनतम 7480 व अधिकतम 9240 रुपये मानदेय मिलता है. मानदेय में दस फीसदी की बढ़ोतरी के बाद न्यूनतम 8228 व अधिकतम 10164 रुपये मिलेगा.
राज्य स्तरीय आंदोलन की तैयारी
झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक संघ के अध्यक्ष संजय कुमार दुबे ने कहा है कि सरकार पारा शिक्षकों की समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं है. राज्य सरकार की ओर से प्रति माह के प्रथम सप्ताह में मानदेय भुगतान का आदेश है. इसके बाद भी शिक्षकों को समय पर मानदेय नहीं मिलता है. शिक्षक आर्थिक तंगी झेल रहे हैं. पारा शिक्षकों के बच्चों का पठन-पाठन बाधित हो रहा है. इलाज के अभाव में शिक्षकों की मौत हो रही है. सरकार अगर पारा शिक्षकों की समस्याओं का समाधान नहीं करती है, तो संघ आंदोलन करने को बाध्य होगा. वर्ष 2018 आंदोलन का वर्ष होगा.
सेवा स्थायी करने की मांग
पारा शिक्षक सेवा स्थायी करने की मांग कर रहे हैं. शिक्षक संघ का कहना है कि बिहार, ओड़िशा, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा समेत कई राज्यों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत नियुक्त शिक्षकों की सेवा स्थायी करने की प्रक्रिया शुरू की गयी है. झारखंड में भी शिक्षकों की सेवा स्थायी की जाये.

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