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लीज नवीकरण : डोरंडा व कोनका इलाके में एक डिसमिल के देने होंगे 70 हजार

नये नियम से शहर के 1245 लाेगाें काे लाभ रांची : राज्य में खास महल भूमि के लीज नवीकरण के प्रावधानों को सरल करने से रांची शहर के 1245 लीज धारकों को लाभ मिलेगा. सरकार ने सलामी व लीज रेंट में तो संशोधन किया ही है, उत्तराधिकारी के मामले में भी प्रावधान बदले गये हैं. […]

नये नियम से शहर के 1245 लाेगाें काे लाभ
रांची : राज्य में खास महल भूमि के लीज नवीकरण के प्रावधानों को सरल करने से रांची शहर के 1245 लीज धारकों को लाभ मिलेगा. सरकार ने सलामी व लीज रेंट में तो संशोधन किया ही है, उत्तराधिकारी के मामले में भी प्रावधान बदले गये हैं.
सरकार को भी यह अनुमान है कि अब इस सरलीकरण के बाद से लोग जमीन का लीज करायेंगे. नये प्रावधान के तहत अब एक लाख रुपये मूल्य की जमीन के लीज नवीकरण के लिए 20 हजार रुपये फीस लिये जायेंगे. लीज नवीकरण 30 वर्षों तक के लिए होगा. वहीं इस जमीन का व्यावसायिक उपयोग होगा, तो ऐसे मामले में दोगुनी फीस यानी 40 हजार रुपये ली जायेगी.
शुरू में यह प्रावधान था कि उत्तराधिकारी के नाम लीज नहीं होगा. न्यायालय से उत्तराधिकारी का सर्टिफिकेट लाने पर ही होगा. अब नये प्रावधान में अंचलाधिकारियों द्वारा तैयार वंशावली पर लीज कर दिया जायेगा.
जमीन के सरकारी मूल्य की 20 फीसदी राशि देनी होगी : नये प्रावधान के तहत अब लीज धारकों को जमीन के सरकारी मूल्य की 20 फीसदी राशि लीज के लिए देनी होगी. सरकारी दर पांच लाख रुपये कट्ठा जमीन होने की स्थिति में लीज धारकों को एक कट्ठा जमीन के लिए एक लाख रुपये का भुगतान करना होगा.
60 वर्षों से नहीं हुआ है लीज नवीकरण : राज्य में खास महल जमीन के कुल 10276 लीज धारक हैं. 4962 एकड़ जमीन लीज पर दी गयी है. रांची, पलामू, हजारीबाग, चाईबासा, साहेबगंज सहित अन्य जिलों में खास महल की जमीन चिह्नित की गयी है. करीब 60 वर्षों से किसी का लीज नवीकरण नहीं हुआ है.
झारखंड सरकार ने 2014 में लीज धारकों को लीज कराने को कहा और रेंट तय कर दिया. इसके तहत एक लाख की जमीन पर 30 साल तक लीज के लिए दो लाख रुपये रेंट तय किया गया था. वहीं उत्तराधिकारी को लीज का प्रावधान भी नहीं था. ऐसे में कोई भी लीज कराने नहीं आया. 2017 में लीज नवीकरण के प्रावधान में तब्दीली की गयी. इस बार एक लाख रुपये मूल्य की जमीन पर 30 साल के लिए रेंट 80000 रुपये तय किये गये.
इस बार उत्तराधिकारी के मामले को भी सरल किया गया. यह तय हुआ कि न्यायालय से उत्तराधिकारी होने का सर्टिफिकेट बनवा कर लाना होगा. लोगों ने फिर भी रेंट ज्यादा होने की बात कही. इस साल प्रावधान में यह तय किया गया कि 50 डिसमिल जमीन से कम की जमीन का लीज उपायुक्त अपने स्तर से कर सकेंगे. 50 डिसमिल से एक एकड़ तक की जमीन का लीज प्रमंडलीय आयुक्त करेंगे. फिर भी लोग लीज कराने नहीं पहुंचे. अब 2018 में प्रावधान में एक बार और बदलाव किया गया है.
इसके तहत एक लाख रुपये मूल्य की जमीन का 30 वर्षों तक के लीज नवीकरण के लिए 20 हजार रुपये फीस के रूप में लिये जायेंगे. जमीन का व्यावसायिक इस्तेमाल होगा, तो फीस दोगुनी यानी 40000 रुपये देने होंगे. लोगों के वंशावली देने पर उसे स्वीकार्य किया जायेगा.
शहर में कहां कितने लीजधारी हैं
मौजा संख्या
डोरंडा 409
कोनका 457
हुंडरू 18
हेसल 10
हिनू 93
हेहल 07
नामकुम 17
लालपुर 179
कडरू 42
कुसई 03
नगड़ी 10
कुल 1245
लालपुर में एक डिसमिल जमीन के लिए 1.30 लाख
सरकार द्वारा जमीन की तय सरकारी दर के मुताबिक लालपुर इलाके की खास महल जमीन के लीज नवीकरण के लिए एक डिसमिल जमीन के लिए 1.30 लाख रुपये देने होंगे. वहीं कोनका व डोरंडा इलाके में एक डिसमिल जमीन के लिए 70-70 हजार रुपये का भुगतान करना होगा.

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