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आर्मी में सप्लाइ करने के दौरान प्रह्लाद ने सीखा था शराब बनाना

रांची : राजधानी रांची में जहरीली शराबकांड का मास्टरमाइंड प्रह्लाद सिंघानिया का पुलिस ने स्वीकारोक्ति बयान तैयार किया है. अपने बयान में प्रह्लाद सिंघानिया ने नकली शराब से हुई मौत के लिए खुद और अपने भाई नरेश सिंघानिया और पुत्र तरुण सिंघानिया को जिम्मेदार ठहराया है. उसने नकली शराब बनाने और इससे हुई मौत के […]

रांची : राजधानी रांची में जहरीली शराबकांड का मास्टरमाइंड प्रह्लाद सिंघानिया का पुलिस ने स्वीकारोक्ति बयान तैयार किया है. अपने बयान में प्रह्लाद सिंघानिया ने नकली शराब से हुई मौत के लिए खुद और अपने भाई नरेश सिंघानिया और पुत्र तरुण सिंघानिया को जिम्मेदार ठहराया है. उसने नकली शराब बनाने और इससे हुई मौत के लिए अपने कर्मियों को भी जिम्मेदार ठहराया है. बयान के अनुसार, प्रह्लाद सिंघानिया पहले मिलिट्री कैंटीन में दारू सप्लाई करने का काम करता था. इसी दौरान उसने शराब बनाना सीखा.
उल्लेखनीय है कि प्रह्लाद सिंघानिया का नाम जहरीली शराबकांड में आने के बाद पुलिस ने उसकी तलाश तेज कर दी थी. पुलिस ने 10 अक्तूबर को जमशेदपुर के गोलमुरी थाना क्षेत्र स्थित उसके रिश्तेदार के घर से उसे गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद उसे रांची लाया गया और कई बिंदुओं पर पूछताछ की गयी. कुछ दिन पहले सुखदेवनगर थाना की पुलिस ने भी पूछताछ के लिए उसे रिमांड पर लिया था. उसने पुलिस को कई बिंदुओं पर अहम जानकारी दी थी.
ज्ञात हो कि राजधानी में जहरीली शराब से जैप के जवान सहित 17 लोगों की मौत हो गयी है. कई लोग गंभीर रूप से बीमार भी हो गये थे. पुलिस ने जांच में जहरीली शराब से हुई मौत के लिए प्रह्लाद सिंघानिया को दोषी पाया है.
स्वीकारोक्ति बयान के अनुसार, प्रह्लाद सिंघानिया का परिवार मूल रूप से पाकिस्तान का रहने वाला था. उसके दादा 1948 में रांची आये और चुटिया में रहने लगे. प्रह्लाद सिंघानिया चार भाई है.
उनके तीन अन्य भाई का नाम घनश्याम सिंघानिया, मनोज सिंघानिया और नरेश सिंघानिया है. उसकी एक बहन का नाम सुनीता कुमारी है. सभी भाइयों के बीच बंटवारा हो चुका है. घनश्याम सिंघानिया ट्रांसपोर्टिंग का काम, मनोज किराना दुकान और नरेश केबल चलाने का काम करता है. प्रह्लाद सिंघानिया की शादी जमशेदपुर की रिफ्यूजी कॉलोनी गोलमुरी थाना क्षेत्र निवासी पुष्पा रानी के साथ हुई थी. प्रह्लाद सिंघानिया के पुत्र का नाम तरुण और अरुण है. तरुण शराब के अवैध धंधे का काम संभालता है. वह वर्तमान में एक्सिस बैंक में काम भी करता है.
प्रह्लाद ने 1998 से नकली शराब बनाने का काम शुरू कर दिया था. पहले वह शराब बनाने के लिए स्प्रिट छिपा कर लाता था. बाद में उसे पता चला कि मैकडोवेल कंपनी का स्प्रिट जाे बलरामपुर से ओड़िशा तक टैंकर से जाता है.
उस टैंकर से जोरार निवासी कृष्णा पाठक राइसा मोड़ के पास स्प्रिट की कटिंग करता है. इसके बाद कृष्णा पाठक प्रह्लाद सिंघानिया को शराब बनाने के लिए स्प्रिट सप्लाई करने लगा. इसके अलावा ओरमांझी के गुड्डू जायसवाल और रामगढ़ के आजाद ओरमांझी में मेहता होटल के पास टैंकर से स्प्रिट की कटिंग कर प्रह्लाद सिंघानिया को पहुंचाते थे.
जब शराब की मांग बढ़ने लगी, तब प्रह्लाद से नकली शराब बनाने के लिए बजरंग गोप, जोसेफ, अरविंद मिश्रा, गुड्डू दुबे सहित अन्य लोगों को शराब बनाने के काम में रख लिया. शराब तैयार कर बोतल में भरने और उसे दुकान तक पहुंचाने का काम लेबर करते थे. नकली शराब में उपयोग किया जाना वाला स्प्रिट जितेंद्र सिंह उर्फ पहलवान भी उपलब्ध कराता था.
वहीं शराब की बोतल में चिपकाने के लिए लेबर खेलगांव ओपी क्षेत्र स्थित शंभु कबाड़ी उपलब्ध कराता था. शराब सप्लाई करने का काम तुपुदाना का सौरभ साहू, रातू चट्टी का दिनेश यादव और कांके का राजेश कुमार भी करता था. डोरंडा इलाके का गौतम थापा और एक अन्य युवक नकली शराब बेचने के लिए प्रह्लाद सिंघानिया के पास से शराब ले जाता था.

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