19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड : अब “1050 से ज्यादा बस भाड़ा नहीं ले सकते स्कूल

हर बच्चे से 1700 रुपये तक वसूला जा रहा है बस भाड़ा, जबकि प्रशासन ने जारी कर रखा है आदेश जिला प्रशासन द्वारा तय मापदंड की अनदेखी कर राजधानी के निजी स्कूल बस भाड़ा वसूल रहे हैं. स्कूलों ने अपने हिसाब से बस का किराया तय कर रखा है. वहीं, प्रशासन ने भी कभी इसकी […]

हर बच्चे से 1700 रुपये तक वसूला जा रहा है बस भाड़ा, जबकि प्रशासन ने जारी कर रखा है आदेश
जिला प्रशासन द्वारा तय मापदंड की अनदेखी कर राजधानी के निजी स्कूल बस भाड़ा वसूल रहे हैं. स्कूलों ने अपने हिसाब से बस का किराया तय कर रखा है. वहीं, प्रशासन ने भी कभी इसकी जांच नहीं की है कि आदेश का पालन हो रहा है या नहीं.
रांची : बीते दिनों के दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के अायुक्त की अध्यक्षता में राजधानी के निजी स्कूल के प्राचार्यों की बैठक हुई थी. उसमें स्कूलों के शिक्षण शुल्क, बस किराया, सुरक्षा के मानक समेत विभिन्न बिंदुओं पर विचार हुआ. बैठक के बाद जारी निर्देश में अप्रैल 2016 के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया है कि स्कूलों को 26 अप्रैल 2016 को तय किराया के अनुरूप एक से पांच किमी के लिए 710 रुपये, पांच से 10 किमी के लिए 850 रुपये, 10 से 15 किमी के लिए 985 रुपये व 15 से किमी से अधिक दूरी के लिए 1050 रुपये बस किराया लेना है.
हालांकि, राजधानी के अधिकतर निजी स्कूल प्रति विद्यार्थी 1600 से 1700 रुपये तक बस किराया वसूल रहे हैं. कुछ स्कूलों ने तो बस किराया फिक्स कर रखा है. एक से पांच किमी हो या 15 किमी, तय राशि ही लेते हैं. कुछ स्कूलों द्वारा पांच किमी से कम दूरी के लिए भी 1000 तक किराया लिया जा रहा है. इधर, प्रशासन की ओर बस किराया का निर्धारण तो कर दिया गया, लेकिन इसका अनुपालन सुनिश्चित नहीं कराया गया.
ढीली हो रही अभिभावकों की जेब
राजधानी के निजी स्कूलों के बस भाड़ा में नहीं है एकरूपता, प्रशासन भी नहीं करता जांच
तय मापदंड के अनुरूप नहीं, अपने हिसाब से बस का किराया तय करते हैं निजी स्कूल
पूरे साल का बस भाड़ा ले रहे निजी स्कूल
प्रशासन ने स्कूलों को साल में 11 महीना का बस किराया लेने का निर्देश दिया है. राजधानी के कुछ स्कूल इस निर्देश का भी पालन नहीं करते हैं. साल भर का बस किराया वसूल लेते हैं.
इसके अलावा कक्षा दस व 12वीं के विद्यार्थियों का जनवरी के बाद से कक्षा संचालन बंद हो जाता है. इसके बाद भी कुछ स्कूल मार्च तक का बस किराया ले लेते हैं, जबकि कुछ स्कूल कक्षा संचालन बंद होने के बाद बस किराया नहीं लेते. इसमें भी एकरूपता नहीं है.
12 वर्ष से अधिक उम्र के एक बच्चों के लिए एक सीट
प्रशासन द्वारा बस में बच्चों के बैठाने को लेकर भी दिशा-निर्देश दिया गया है, लेकिन इसका भी पालन नहीं होता. प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रति सीट 1.5 एवं 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए प्रति बच्चा एक सीट देने को को कहा गया है.
इसके बाद भी समय-समय पर किये गये जांच में बसों में ओवरलोडिंग का मामला सामने आया है. स्कूलों को किसी हाल में 15 वर्ष से अधिक पुरानी बस नहीं चलाने को कहा गया है. 31 जनवरी तक सभी स्कूलों को बस की स्थिति से संबंधित प्रतिवेदन जिला परिवहन कार्यालय में जमा करने को कहा गया है.
टैक्स में छूट का अभिभावकों को नहीं मिलता है लाभ
सरकार स्कूल के नाम से निबंधित स्कूल बस के टैक्स में भी छूट देती है. स्कूल के नाम से निबंधित बसों के एडिशनल टैक्स में परिवहन विभाग 50 फीसदी की छूट देता है. स्कूल को टैक्स में छूट इस शर्त के साथ दी गयी है कि वह इसका लाभ बच्चों के अभिभावकों को देगा. स्कूल टैक्स में छूट तो लेता है, पर इसका लाभ कभी बच्चों को नहीं देता. जिला परिवहन कार्यालय द्वारा इस संबंध में स्कूलों से जानकारी मांगी गयी, पर अधिकतर स्कूलों ने इसकी जानकारी नहीं दी.
निजी स्कूलों के शिक्षण शुल्क, बस किराया निर्धारण को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया गया है. स्कूलों को तय मापदंड के अनुरूप ही भाड़ा लेने को कहा गया है. अगर किसी स्कूल द्वारा इसका अनुपालन नहीं किया जाता है, तो अभिभावक इसकी शिकायत करें.
जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी. अभिभावक अपना आवेदन, अायुक्त, उपायुक्त, जिला परिवहन पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी या जिला शिक्षा अधीक्षक किसी कार्यालय में दे सकते हैं.
शिवेंद्र कुमार, डीएसइ, रांची
प्रशासन द्वारा तय किराया
01 से 05 किमी : 710 रुपये
05 से 10 किमी : 850 रुपये
10 से 15 किमी : 985 रुपये
15 किमी से अधिक : 1050 रुपये

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें