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यात्री बस और स्कूल बस चालकों व खलासियों की आंखों की होगी जांच
रांची : राजधानी में यात्री बस और स्कूल बस के ड्राइवर व खलासी के लाइसेंस के साथ-साथ आंखों की भी जांच की जायेगी. इस दौरान जिसकी नजर कमजोर पायी जायेगी, उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जायेगा. जिला परिवहन पदाधिकारी नागेंद्र पासवान ने इस संबंध में आदेश जारी किया है. जनवरी से नियमित जांच अभियान चलेगा. […]
रांची : राजधानी में यात्री बस और स्कूल बस के ड्राइवर व खलासी के लाइसेंस के साथ-साथ आंखों की भी जांच की जायेगी. इस दौरान जिसकी नजर कमजोर पायी जायेगी, उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जायेगा. जिला परिवहन पदाधिकारी नागेंद्र पासवान ने इस संबंध में आदेश जारी किया है.
जनवरी से नियमित जांच अभियान चलेगा. जिला परिवहन पदाधिकारी ने बस ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण मोहन सिंह और किशोर मंत्री को पत्र लिखकर सूचना दे दी है. दोनों से कहा गया है कि वे सभी बस चालकों और खलासियों को तय तिथि पर जांच के लिए उपस्थित होना सुनिश्चित करें.
चिकित्सकों की टीम करेगी जांच
जांच के लिये जिला प्रशासन की ओर से डॉक्टरों की टीम भी बनायी जा रही है. जांच का केंद्र खादगढ़ा स्थित बिरसा मुंडा बस टर्मिनल में बनाया जायेगा, जहां डॉक्टरों की टीम मशीन के साथ मौजूद रहेगी. चालकों और खलासियों की आंखों की जांच सप्ताह में दो या तीन दिन की जायेगी. जांच के बाद रिपोर्ट भी मिल जाएगी, जिसके आधार पर तय किया जायेगा कि कौन सा बस चालक या खलासी बस चलाने लायक है. जिनकी आंखें कमजोर होंगी, उनका लाइसेंस रद कर दिया जायेगा.
स्कूल बसों के चालकों की भी होगी जांच
स्कूल बसों के चालकों और सह चालकों की आंखों की जांच भी की जायेगी. प्रावधानों के तहत स्कूल प्रबंधन को भी अपने चालकों की आंखों की जांच करा कर उसकी रिपोर्ट रखना जरूरी है. लेकिन अधिकांश स्कूलों में इसका पालन नहीं किया जा रहा है. जिला प्रशासन की जांच में यदि चालकों की नजर कमजोर पायी गयी, तो उनके लाइसेंस रद कर दिये जायेंगे.
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