पिछड़े जिलों की स्थिति सुधारने की कोशिश
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प्रधानमंत्री की बैठक में राज्य के 38 अधिकारी होंगे शामिल
पिछड़े जिलों की स्थिति सुधारने की कोशिश रांची : नीति आयोग ने देश के पिछड़े जिलों की स्थिति सुधारने के लिए चार और पांच जनवरी को दिल्ली में बैठक बुलायी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में होनेवाली बैठक में झारखंड के 38 अफसर शामिल होंगे. झारखंड के 19 जिले देश के सबसे पिछड़े 115 […]
रांची : नीति आयोग ने देश के पिछड़े जिलों की स्थिति सुधारने के लिए चार और पांच जनवरी को दिल्ली में बैठक बुलायी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में होनेवाली बैठक में झारखंड के 38 अफसर शामिल होंगे. झारखंड के 19 जिले देश के सबसे पिछड़े 115 जिलों में शामिल हैं. बैठक में झारखंड के इन 19 जिलों के उपायुक्तों के अलावा जिलों के प्रभारी बनाये गये 19 सचिव और प्रधान सचिव स्तर के अधिकारी शामिल होंगे. इस संबंध में नीति आयोग के सीइओ अमिताभकांत ने मुख्य सचिव राजबाला वर्मा को पत्र लिखा है.
पीएम ने बुलायी बैठक…
पत्र में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछड़े जिलों के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं. उनके निर्देश पर छह बिंदुओं पर फोकस कर पिछड़े जिलों के उत्थान की योजना बनायी गयी है. स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि, जल संसाधन, कौशल विकास, आधारभूत संरचना निर्माण और एलडब्लूई प्रभावित क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री इन बिंदुओं पर अधिकारियों को संबोधित करेंगे.
चार व पांच जनवरी को दिल्ली में होगी बैठक
नीति आयोग के आंकड़ों के अनुसार देश के 115 सबसे पिछड़े जिलों में से झारखंड में 19 और बिहार में 13 जिले हैं
झारखंड के पिछड़े जिलों में रांची, खूंटी, सिमडेगा, हजारीबाग, गुमला, गिरिडीह, गढ़वा, दुमका, चतरा, बोकारो, रामगढ़, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम, पलामू, लोहरदगा, लातेहार, गोड्डा, पाकुड़ और साहेबगंज शामिल हैं
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