राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस 2017 पर हुई कार्यशाला, खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय बोले
रांची : खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा ‘राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस 2017’ के अवसर पर रविवार को होटल बीएनआर चाणक्या में कार्यशाला आयोजित की गयी थी. इसमें विभिन्न जिलों से प्रतिनिधि पहुंचे थे. उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा कि आज हम डिजिटल मार्केटिंग के दौर पर हैं. ऐसे में उपभोक्ताअों को कैसे न्याय दिलाया जाये, यह बड़ासंकट है.
मंत्री ने कहा कि विकास या उत्पादन के नाम पर अपने आप को नंबर वन करने के लिए या बाजार की शक्ति तथा दुनिया की ताकत बनने का प्रयास करना सरकार का काम नहीं है. बल्कि सरकार की प्राथमिक काम है कि कमजोर को तकलीफ से राहत दिलाये. सरकार इसलिए बनी है कि वह बेजुबान, लाचार, कमजोर व कष्ट में हैं, उसे न्याय दिलाये. कहा कि किसी भी देश या राष्ट्र की तरक्की तब तक संभव नहीं है जब तक कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक लाभ नहीं पहुंचे.
जांच का जिम्मा खाद्य आपूर्ति विभाग के पास हो
मंत्री ने कहा कि आज बड़ी कंपनियों के खाद्य व्यंजन बच्चे खा रहे हैं. इसकी जांच तक नहीं होती है. जांच करनेवाले अधिकारी को खाद्य आपूर्ति विभाग से संलग्न होना चाहिए था, जबकि स्वास्थ्य विभाग के अधीन हैं. उन्होंने कहा कि हम 80 दिनों में अपने पूरे तंत्र को दुरुस्त कर देंगे. उन्होंने बड़ी कंपनियों को सुझाव दिया कि वे अपना शिकायत निवारण तंत्र बनायें.
कानून बना, लेकिन उद्देश्य पूरा नहीं हुअा
मौके पर सेवानिवृत्त न्यायाधीश आरके मेरठिया ने कहा कि सरकार के सामने घंटी बज रही है. स्थिति ठीक करें. उन्होंने कहा कि अभी कानून में कई खामियां हैं, उसे दुरुस्त करें.
व्यवस्था मजबूत करें. कानून कंज्यूमर के प्रोटेक्शन के लिए बना था, पर उद्देश्य पूरा नहीं हुआ. इसके कई कारण हैं. विभागीय सचिव डॉ अमिताभ कौशल ने कहा कि आज उपभोक्ताअों को लेकर मुख्य समस्या है कि उन्हें एक्ट की ठीक से जानकारी नहीं है. उपभोक्ता अधिकार के लिए बनी फोरम भी सुदृढ़ नहीं है. इससे उपभोक्ता अधिकार से वंचित हो रहे हैं. संकल्प लें कि अधिकार के प्रति जागरूकता पूरी तरह की जाये.
बोले सरयू राय
सरकार का काम नंबर वन बनना नहीं, बल्कि कमजोर लोगों की तकलीफ दूर करना हो
शीतकालीन सत्र में बन जायेगा कानून, राज्यों की व्यवस्था को सुधारने में बल मिलेगा
मौजूदा तंत्र को 80 दिनों में किया जायेगा दुरुस्त, कंपनियां अपना शिकायत निवारण तंत्र बनाएं
मिसलीड विज्ञापन से छले जा रहे हैं लोग : मौके पर राजकोषीय अध्ययन संस्थान के निदेशक प्रमुख हरिश्वर दयाल ने कहा कि आज कंज्यूमर गैर संगठित हैं. उनकी सूचना के स्रोत हमारे पास कम हैं या जुबानी है. उन्होंने कहा कि मिसलीड विज्ञापन से लोग छले जा रहे हैं.
कॉस्मेटिक में तो कंपोजिशन तक नहीं लिखा होता है. मार्केटिंग रिसर्च वाले यह पता करते हैं कि कैसे उपभोक्ताअों को लुभायें. यह बतानेवाला कोई नहीं है कि कंज्युमर प्रोटेक्शन एक्ट के लिए मीडिया को जागरूक करना होगा. उनका साथ लेना होगा. मौके पर कंज्यूमर फेडरेशन अॉफ इंडिया के संयुक्त सचिव झारखंड उपभोक्ता संरक्षण परिषद के सदस्य राकेश कुमार सिंह ने उपभोक्ता कैसे अपना अधिकार ले सकते हैं, पर प्रजेंटेशन दिया. अतिथियों का स्वागत निदेशक सुनील कुमार सिन्हा ने किया.
इन्हें सम्मानित किया गया
1. झारखंड उपभोक्ता जागरूकता पुरस्कार के रूप में 50 हजार की राशि सर्वोत्तम उपभोक्ता जागरूकता संस्था रांची को.
2.बिरसा मुंडा उपभोक्ता जागरूकता पुरस्कार के रूप में 25 हजार रुपये सर्वोत्तम पुरुष उपभोक्ता जागरूकता कार्यकर्ता पूर्वी सिंहभूम के दुखु मछुआ को.
3.बिरसा मुंडा उपभोक्ता जागरूकता पुरस्कार के रूप में 25 हजार रुपये सर्वोत्तम उपभोक्ता जागरूकता कार्यकर्ता चतरा की कविता देवी को.