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पावर हब बनने की ओर अग्रसर है झारखंड : रघुवर

ऊर्जा संवाद l सौभाग्य योजना के तहत मुफ्त कनेक्शन दिये जायेंगे, दिसंबर तक सूबे के सभी गांवों तक पहुंचेगी बिजली रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड में असली विकास गांवों में हो रहा है. आजादी के 70 साल बाद गारू और सारंडा जैसी सुदूर जगहों पर बिजली पहुंच रही है. झारखंड पॉवर […]

ऊर्जा संवाद l सौभाग्य योजना के तहत मुफ्त कनेक्शन दिये जायेंगे, दिसंबर तक सूबे के सभी गांवों तक पहुंचेगी बिजली

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड में असली विकास गांवों में हो रहा है. आजादी के 70 साल बाद गारू और सारंडा जैसी सुदूर जगहों पर बिजली पहुंच रही है. झारखंड पॉवर हब बन रहा है. अडाणी और एनटीपीसी के साथ किया गया करार राज्य को दूरगामी फायदा पहुंचायेगा. 2020-21 तक झारखंड दुनिया को बिजली देगा.
मुख्यमंत्री हिंदुस्थान समाचार की ओर से आयोजित ऊर्जा संवाद में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि तीन साल पहले मुख्यमंत्री बनने के बाद ऊर्जा सचिव ने बताया कि राज्य के 30 लाख घरों में बिजली नहीं पहुंची है. हमने सभी घरों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा. 257 बिजली सब स्टेशन और 60 ग्रिड निर्माण का फैसला लिया. दिसंबर 2018 तक राज्य के सभी गांवों तक बिजली पहुंचेगी.
सौभाग्य योजना के तहत मुफ्त कनेक्शन प्रदान किये जायेंगे. 15 दिनों के अंदर हर पंचायत में कैंप लगा कर कनेक्शन बांटे जायेंगे. बिजली गांवों का अर्थशास्त्र बदल देगी.
हर घर में होनी चाहिए बिजली: सीएम श्री दास ने कहा कि 2018 तक राज्य में कृषि फीडर, औद्योगिक फीडर और आवासीय फीडर अलग-अलग कर दिया जायेगा. किसी को शिकायत नहीं होगी. झारखंड की तुलना देश के विकसित राज्यों से होगी. श्री दास ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि देश को 40 प्रतिशत खनिज देने वाले झारखंड के हर घर में बिजली होनी चाहिए.
भारत सरकार राज्य को रोशन करने में पूरा सहयोग कर रही है. आनेवाले समय में झारखंड में बिना बिजली के कोई घर नहीं होगा. सीएम ने कहा कि वर्तमान लोकतंत्र में सदन की अवमानना हो रही है. सदन का मजाक बन रहा है. सदन बाधित कर लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. मीडिया को इन बातों को सामने लाना चाहिए.
कार्यक्रम में हिंदुस्थान समाचार के अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा ने अतिथियों का स्वागत किया. वरिष्ठ पत्रकार बलबीर दत्त ने विषय प्रवेश कराया. समारोह में धनबाद के सांसद पीएन सिंह, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र राय, यदुनाथ पांडेय, पद्मश्री अशोक भगत, कार्मिक सचिव निधि खरे, नगर विकास सचिव अरुण कुमार सिंह, वाणिज्य कर सचिव केके खंडेलवाल समेत अन्य प्रबुद्ध लोग उपस्थित थे.
155 गांवों तक बिजली पहुंचाना बाकी : अमित खरे
विकास आयुक्त अमित खरे ने कहा कि तीन वर्ष पहले मुख्यमंत्री ने बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था दुरुस्त करने का टास्क दिया था. आज झारखंड, गुजरात के बाद सबसे अच्छा जीडीपी वाला प्रदेश बन गया है. 2014 में राज्य के 2932 गांवों में बिजली नहीं थी. आज केवल 155 गांवों तक बिजली पहुंचाना शेष है. राज्य के 281 दुरूह क्षेत्रों में सौर ऊर्जा से बिजली की व्यवस्था की जा रही है. 186 गांवों को सौर ऊर्जा से रोशन कर दिया गया है. बाकी जगहों पर इसी साल 31 दिसंबर तक बिजली पहुंचा दी जायेगी.
श्री खरे ने कहा कि ऊर्जा ही आर्थिक प्रगति का चिह्न है. सरकार ट्रांसमिशन पर ध्यान दे रही है. 2525 किमी नयी संचरण लाइन बनायी गयी है. कई ग्रिड बनाये गये हैं. स्कूलों तक बिजली पहुंचायी गयी है. देश में सबसे पहले सोलर कोर्ट झारखंड में तैयार किया गया है. श्री खरे ने कहा कि तेजी से विकास के बाद भी झारखंड कई राज्यों से पीछे है. इसी वजह से निवेशकों को आमंत्रित किया जा रहा है. युवाओं का कौशल विकास किया जा रहा है. आनेवाले समय में निश्चित रूप से झारखंड ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ा हिस्सेदार होगा.
स्थानीय लोगों को भी भागीदार बनाना जरूरी : आरपी
पावर ग्रिड के पूर्व अध्यक्ष आरपी सिंह ने कहा कि आज रोटी, कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत जरूरतें भी बिजली पर निर्भर करती हैं. गांवों तक बिजली पहुंचाना बहुत जरूरी है. इसके लिए व्यवस्था में परिवर्तन की आवश्यकता है. स्थानीय लोगों को भागीदार बनाना होगा. ऊर्जा के विकास के लिए पीपीपी मॉडल नितांत आवश्यक है. तकनीकी सत्र में कोल इंडिया के चेयरमैन गोपाल सिंह ने कहा कि सरकार एक-एक घर तक बिजली पहुंचाना चाहती है. देश की इस जरूरत को कोल इंडिया पूरी करेगी.
कोल इंडिया व इसकी अनुषंगी कंपनियां देश की ऊर्जा आवश्‍यकता को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. सितंबर में कोल इंडिया ने लगभग 21 फीसदी अधिक कोयला प्रेषण कर राष्‍ट्र की ऊर्जा आवश्‍यकता को पूरा करने में अहम भूमिका निभायी है. हमारे देश में लगभग 320 बिलियन टन कोयला का भंडार है. इसका दोहन करने की क्षमता कोल इंडिया में है. देश की कुल बिजली उत्‍पादन अपनी क्षमता का 60 फीसदी अकेले कोयला पर आधारित है. यह सबसे सस्‍ती भी है. कोल इंडिया अपने वृहद परिवार के सहयोग से उत्‍पादन बढ़ाकर अपनी अहम भूमिका निभा रहा है .

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