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वेदों से भी अधिक महत्ता है पुराणों की

आयोजन. आचार्य गोपेश जी महाराज ने कहा मारवाड़ी भवन में 30 तक दोपहर 2.30 बजे से प्रतिदिन चलेगी कथा रांची : सनातन धर्म में पुराणों की बहुत महत्ता है. पुराण ज्ञान का प्रकाश फैलाता है. जैसे भगवान अनादि हैं, वैसे ही पुराण भी अनादि है. वेदों के प्रकरण कठिन हैं, जबकि पुराण सरल भाषा का […]

आयोजन. आचार्य गोपेश जी महाराज ने कहा

मारवाड़ी भवन में 30 तक दोपहर 2.30 बजे से प्रतिदिन चलेगी कथा
रांची : सनातन धर्म में पुराणों की बहुत महत्ता है. पुराण ज्ञान का प्रकाश फैलाता है. जैसे भगवान अनादि हैं, वैसे ही पुराण भी अनादि है. वेदों के प्रकरण कठिन हैं, जबकि पुराण सरल भाषा का संग्रह है. इसी कारण वेदों से भी अधिक महत्ता पुराणों की है. यह बातें शनिवार को पहाड़ी बाबा के 21 वें वार्षिकोत्सव मेें हरमू रोड स्थित मारवाड़ी भवन में आयोजित श्रीब्रह्मवैवर्त महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ में आचार्य गोपेश जी महाराज ने कहा.
उन्होंने कहा कि श्रीब्रह्मवैवर्त महापुराण में भगवान कृष्ण का साक्षात व वृहद रूप में वर्णन किया गया है. ज्ञान की प्राप्ति कर्म से होती है. जाति सनातन धर्म की नींव व अाधार है, लेकिन राजनेता इसे अपने उपयोग के लिए इस्तेमाल करने लगे हैं. जहां शास्त्र सम्मत अनुष्ठान व पूजा-पाठ की बात होगी, वहां जाति काे प्राथमिकता दी जायेगी. लोगों में यह भ्रम है कि सूत विलोम जाति के थे, लेकिन ऐसा नहीं है, वह ब्राह्मण थे. उनकी उत्पत्ति अग्नि से हुई है, किसी इंसान से नहीं,
इसलिए उन्हें ब्राह्मण माना जाता है. प्रेम में जाति और धर्म मायने नहीं रखते हैं, जो भी प्रेम से भगवान का सुमिरन करता है, वह उन्हें प्राप्त कर लेता है. कथा से पूर्व अाचार्य गोपेश जी महाराज को पहाड़ी मंदिर का भ्रमण कराया गया. वहां से उन्हें कथा स्थल पर लाया गया. मंडल के पुरुष व महिला सदस्य पारंपरिक वस्त्र पहन कर आचार्य के साथ इसमें शामिल हुए. जगह-जगह आचार्य का स्वागत किया गया.

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