अब इसके लिए सुयोग्य श्रेणी में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, पिछड़ा वर्ग (एनेक्सचर एक व दो), सैनिक, अर्द्धसैनिक बल के सदस्य, पूर्वी पाकिस्तान एवं बर्मा से 1947 के विभाजन के बाद आये हुए शरणार्थी के अतिरिक्त सामान्य जाति के भूमिहीन परिवार, भूमिहीन दिव्यांग तथा कर्तव्य निर्वाह करने के दौरान शहीद हुए राज्य के पुलिस कर्मियों को भी शामिल किया गया है. पहले से ही सुयोग्य श्रेणी के वैसे परिवारों को भूमिहीन की श्रेणी में रखा गया है, जिनके पास अपनी दो एकड़ तक की भूमि हो.
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सामान्य जाति के भूमिहीन परिवार के नाम भी सरकारी जमीन की हो सकेगी बंदोबस्ती
रांची: राजस्व निबंधन और भूमि सुधार विभाग के सचिव केके सोन ने जानकारी दी है कि सरकारी जमीन, जिसकी संदेहास्पद या अवैध जमाबंदी कायम है, को सुयोग्य व्यक्तियों के साथ बंदोबस्त करने के संबंध में सरकार द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये है. सरकार ने निर्णय लिया है कि पूर्व से सरकारी जमीन की बन्दोबस्ती के […]
रांची: राजस्व निबंधन और भूमि सुधार विभाग के सचिव केके सोन ने जानकारी दी है कि सरकारी जमीन, जिसकी संदेहास्पद या अवैध जमाबंदी कायम है, को सुयोग्य व्यक्तियों के साथ बंदोबस्त करने के संबंध में सरकार द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये है. सरकार ने निर्णय लिया है कि पूर्व से सरकारी जमीन की बन्दोबस्ती के लिए बनाये गये नियमों में परिवर्तन कर इसे जनहित में और अधिक व्यापक किया जाये.
अब इसके लिए सुयोग्य श्रेणी में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, पिछड़ा वर्ग (एनेक्सचर एक व दो), सैनिक, अर्द्धसैनिक बल के सदस्य, पूर्वी पाकिस्तान एवं बर्मा से 1947 के विभाजन के बाद आये हुए शरणार्थी के अतिरिक्त सामान्य जाति के भूमिहीन परिवार, भूमिहीन दिव्यांग तथा कर्तव्य निर्वाह करने के दौरान शहीद हुए राज्य के पुलिस कर्मियों को भी शामिल किया गया है. पहले से ही सुयोग्य श्रेणी के वैसे परिवारों को भूमिहीन की श्रेणी में रखा गया है, जिनके पास अपनी दो एकड़ तक की भूमि हो.
राज्य के शहीद पुलिसकर्मी के परिजनों को भी मिलेगा इस योजना का लाभ
राज्य सरकार अब सैनिक, अर्द्धर्सैनिक बल, कर्तव्य निर्वाह करते हुए शहीद हुए राज्य पुलिसकर्मी के परिवारवाले भी भूमिहीन की श्रेणी में रखेगी. वैसे भूमिहीन परिवार (अर्थात जिनके पास अधिकतम 2 एकड़ जमीन हो) जो वर्ष 1985 के पहले से सरकारी भूमि पर दखलकार हैं पर तकनीकी कारणों से कागज नहीं है, वैसे लोगों को सरकार सत्यापित कर भूमि उपलब्ध करायी जायेगी. शहरी एवं अर्द्धशहरी क्षेत्रें में सरकारी भूमि का नियमितीकरण या बन्दोबस्त नहीं होगा. पूर्वी पाकिस्तान एवं बर्मा से आये शरणार्थियों पर यह लागू नहीं होगा. कर्तव्य पर रहते हुए शहीद सैन्य/अर्द्धसैनिक बल या राज्य पुलिस के सदस्यों को उसी जिले में बन्दोबस्ती की जायेगी, जहां के वे रहनेवाले हैं. सैनिक/अर्द्धसैनिक/पुलिसकर्मी के अलावे सुयोग्य श्रेणी के वैसे भूमिहीन परिवार को बन्दोबस्ती नहीं की जायेगी जो सरकारी सेवा में हैं या सेवानिवृत्त हो गये हैं या आयकरदाता हैैं.
सरकारी संस्थानों के आसपास की जमीन नहीं होगी बंदोबस्त
सरकारी संस्थानों या परिसरों के आस-पास 150 मीटर की परिधि में आनेवाली जमीन की बन्दोबस्ती नहीं हो सकेगा. राजपथ, उच्चपथ या मुख्य मार्गों के दोनों तरफ 150 मीटर तक की दूरी के अंतर्गत आनेवाली भूमि की भी बन्दोबस्ती नहीं हो सकेगी. वन भूमि, श्मशान, हड़गड़ी, कब्रिस्तान, सरना, मसना स्थल गोचर, नदी, नाला, पहाड़ तथा आम रास्ता के रूप में प्रयोग में आनेवाली तथा सार्वजनिक उपयोग के अंतर्गत आनेवाली भूमि का भी नियमितिकरण नहीं हो सकेगा. इस प्रकार की जमीन, जिसकी बंदोबस्ती की जायेगी की खरीद–बिक्री नहीं हो सकेगी. ऐसी जमीन उनके उत्तराधिकारियों के नाम से स्थानांतरित हो सकेगी.
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