रांची : ऑपरेशन ग्रीन हंट के विरोध में भाकपा माओवादियों के झारखंड बंद का असर कई जिलों में दिखा. जबकि कई जिलों में बंद बेअसर रहा. गिरिडीह के मिर्जाडीह में मंगलवार रात 9:37 बजे नक्सलियों ने विस्फोट कर मोबाइल टावर उड़ा दिया. बनियाडीह समेत जिले के कई इलाकों में पोस्टरबाजी कर दहशत फैलाने का काम किया.
मंगलवार को ही चाईबासा के कराईकेला में पुलिस ने पांच केन बरामद किया. इसके अलावा अन्य किसी जिले में नक्सली घटना की सूचना नहीं है. कोडरमा और गुमला के अलावा संताल परगना के छह जिलों में बंद बेअसर रहा. आॅपरेशन ग्रीन हंट व बूढ़ा पहाड़ी में चलाये जा रहे नक्सल अभियान के खिलाफ माओवादियों ने 18-19 दिसंबर को विरोध दिवस के रूप में मनाया. वहीं 20 दिसंबर को झारखंड-बिहार बंद का एलान किया था.
राज्य में कहां बंद का क्या रहा असर
पलामू : पलामू के मोहम्मदगंज प्रखंड मुख्यालय की दुकानें बंद रही. बस व अन्य वाहनों का परिचालन नहीं हुआ. बैंक व डाक घर भी बंद रहे. हालांकि ट्रेनों का परिचालन जारी रहा.
लातेहार : बसों एवं भारी वाहनों का परिचालन नहीं हुआ. ग्रामीण क्षेत्रों में भी दुकानें नहीं खुली.
लोहरदगा: बाक्साइट लदे ट्रकों का परिचालन नहीं हुआ. लंबी दूरी के वाहन नहीं चले. बाजार, दुकानें खुले रहे.
गढ़वा : बिहार, उत्तरप्रदेश एवं छतीसगढ़ जानेवाली बसें नहीं चली. मालवाहक गाड़ियों का परिचालन भी नहीं हुआ. मेराल में बॉक्साइट ढोनेवाली गाड़ियां नहीं चली.
चतरा : लंबी दूरी की गाड़ियां नहीं चली. टंडवा, कुंदा, कान्हाचट्टी, हंटरगंज में बंद असरदार रहा. टंडवा में कोल परियोजना बंद रही. कोयले का उत्खनन व ट्रांसपोर्टिंग ठप रहा. पेट्रोल पंप बंद रहे. कान्हाचट्टी में उंटा-तमासीन पथ का निर्माण कार्य बंद रहा. कान्हाचट्टी व राजपुर बाजार बंद रहा. सिमरिया, चतरा, पत्थलगड्डा, गिद्धौर, इटखोरी में भी बंद का असर दिखा.
रामगढ़ : सीसीएल क्षेत्र में बंद असरदार रहा . तापीन उत्खनन परियोजना, परेज पूर्वी उत्खनन परियोजना, केदला बसंतपुर वाशरी, केदला उत्खनन परियोजना, झारखंड उत्खनन परियोजना, केदला भूगर्भ परियोजना का कोयला ट्रांसपोर्टिंग ठप रहा. सबसे ज्यादा कोयला परिवहन कार्य प्रभावित रहा.