सदन की मर्यादा तार-तार हुई है. मुख्यमंत्री ने विपक्षी सदस्यों के खिलाफ भरे सदन में अपशब्द बोले. झामुमो विधायक ने पत्र में कहा है कि भारत के संसदीय इतिहास में सदन नेता द्वारा सदन में गाली-गलौज किये जाने की संभवत: यह पहली घटना है. झामुमो विधायकों ने पत्र में कहा है कि संविधान की धारा 194-3 के अंतर्गत विधानसभा अध्यक्ष को विधानसभा की कार्रवाई मर्यादित एवं उपयोगी ढंग से चलाने के लिए अपार शक्तियां प्रदान की गयी है. दुर्व्यवहार और अमर्यादित आचरण करने वाले सदस्यों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष को है.
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झामुमो विधायक ने स्पीकर को लिखा पत्र, कहा सीएम ने सदन की गरिमा गिरायी, सदस्यता खत्म हो
रांची: झामुमो के मुख्य सचेतक नलिन सोरेन ने स्पीकर दिनेश उरांव को पत्र लिख कर सदन में मुख्यमंत्री रघुवर दास पर अमर्यादित आचरण करने का आरोप लगाया है. श्री सोरेन के साथ पार्टी विधायक स्टीफन मरांडी, दीपक बिरुआ, पौलुस सुरीन, योगेंद्र प्रसाद और निरल पूर्ति के हस्ताक्षरयुक्त पत्र मंगलवार को विधानसभा के प्रभारी सचिव विनय […]
रांची: झामुमो के मुख्य सचेतक नलिन सोरेन ने स्पीकर दिनेश उरांव को पत्र लिख कर सदन में मुख्यमंत्री रघुवर दास पर अमर्यादित आचरण करने का आरोप लगाया है. श्री सोरेन के साथ पार्टी विधायक स्टीफन मरांडी, दीपक बिरुआ, पौलुस सुरीन, योगेंद्र प्रसाद और निरल पूर्ति के हस्ताक्षरयुक्त पत्र मंगलवार को विधानसभा के प्रभारी सचिव विनय कुमार सिंह को सौंपा गया.
पत्र में कहा गया है कि सदन के नेता यानि मुख्यमंत्री द्वारा गाली-गलौज किया जाना न सिर्फ निदंनीय है, बल्कि ये एक खतरनाक परंपरा की शुरुआत है. किसी भी सदस्य को सदन में ऐसे शब्दों के उपयोग इजाजत नहीं दी जा सकती है. सदन के नेता ने लोकतंत्र के सर्वोच्च मंच की मर्यादा गिरायी है. ऐसे में रघुवर दास की बतौर विधानसभा सदस्य, इनकी सदस्यता समाप्त की जाये. प्रतिपक्ष के मुख्य सचेतक श्री सोरेन ने कहा है कि 15 दिसंबर को सदन में मुख्यमंत्री द्वारा किये गये आचरण से पूरे देश में झारखंड शर्मसार हुआ है.
राष्ट्रपति को भी भेजेंगे पत्र दूसरे दल भी शामिल होंगे
रांची. झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा है कि यह मामला काफी गंभीर है. मुख्यमंत्री सदन के अंदर विपक्ष को गाली दें, यह लोकतांत्रिक परंपरा नहीं हो सकती है. इसका पुरजोर विरोध होगा. इस मामले को हम राष्ट्रपति तक लेकर जायेंगे. राष्ट्रपति संविधान के संरक्षक हैं. आज झारखंड में लोकतंत्र पर खतरा है. प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन इस बाबत राष्ट्रपति को भी पत्र भेजेंगे. मुख्यमंत्री के आचरण के खिलाफ दूसरे विपक्ष के साथियों को भी आगे आने कहा गया है. मुख्यमंत्री के अमर्यादित आचरण के खिलाफ दूसरे दल भी मुहिम में शामिल होंगे.
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